दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘किसान’ प्रदर्शनकारियों ने जिस तरह से ‘शर्मतंत्र’ का प्रदर्शन किया, उस अराजकता की वीडियो एवं तस्वीरें दुनिया भर में भारत का नाम खराब कर रही हैं। अब दिल्ली पुलिस ने इन मामलों को लेकर 7 FIR दर्ज की है। दिन भर चले हिंसा के इस खेल में 153 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। किसानों ने जगह-जगह पुलिस के साथ झड़प की, जिसमें ये घायल हुए। 2 पुलिसकर्मी लोकनायक अस्पताल और सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर के ICU में भर्ती हैं।
अधिकतर पुलिसकर्मियों के हाथ-पाँव और सिर पर चोटें आई हैं। एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे लाल किले में घुसे लाठी-डंडों और तलवारों से लैस प्रदर्शनकारियों के खदेड़ने के कारण पुलिस के जवानों को दीवार कूद-कूद कर जान बचानी पड़ रही है। वहाँ पुलिस के जवानों की लाठी से पिटाई की गई है। इसके बाद ITO और नांगलोई में हिंसा देखने को मिली। दोपहर के कुछ बाद तक घायल पुलिसकर्मियों का आँकड़ा 86 था, जो शाम तक 153 हो गया।
दिल्ली पुलिस के एडिशनल PRO अनिल मित्तल ने बताया कि अधिकतर पुलिसकर्मियों को लाल किला और नांगलोई चौक इलाके में चोटें आई हैं और वो जख्मी हुए हैं। नॉर्थ जिले में 41, ईस्ट में 34, वेस्ट में 27, द्वारका में 30, शाहदरा में 5, आउटर-नॉर्थ में 12 और साउथ जिले में 4 पुलिसकर्मी जख्मी हुए। लोकनायक और सुश्रुत के अलावा लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, अरुणा आसफ अली और लाल बहादुर शास्त्री अस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है।
दिल्ली गेट स्थित दिल्ली सरकार के लोक नायक हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी भर्ती हैं। वहाँ के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि वहाँ 11 जख्मी पुलिसकर्मी भर्ती हुए हैं। 40 वर्ष के एक पुलिसकर्मी के सिर में गंभीर रूप से जख्म हुआ है। उन्हें ICU में निगरानी के लिए रखा गया है। CT स्कैन रिपोर्ट सामान्य आई है। उन्हें 1 दिन और ICU में रहना पड़ेगा। सुश्रुत में 58 पुलिसकर्मी भर्ती हुए थे, जिनमें से कई डिस्चार्ज भी हुए हैं।
वहाँ भी एक पुलिसकर्मी के सिर में गंभीर चोट आई है, जिसके बाद वो शॉक की अवस्था में हैं। पलवल-फरीदाबाद सीमा पर भी किसान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ हिंसा की। पलवल के एसपी और उनके एक साथी अधिकारी पर तो लगभग ट्रैक्टर चढ़ा ही दिए गए थे, लेकिन वो बाल-बाल बचे। कई बार निवेदन के बावजूद ‘किसानों’ ने पुलिस की एक न सुनी। वहाँ ट्रैक्टर रैली की अनुमति ही नहीं थी। पुलिस लगातार किसान नेताओं से बातचीत की कोशिश करती रही।
दिल्ली के पूर्वी जिले में इस सम्बन्ध में 3 FIR दर्ज की गई है। द्वारका और शाहदरा जिले में एक-एक मामला दर्ज किया गया है। पुलिसकर्मियों की पिटाई, लाल किले में अतिक्रमण, वाहनों की तोड़-फोड़ और हिंसा के मामले में अभी और प्राथमिकी दर्ज होने वाली है। जिस एक किसान की मौत हुई है, वो खुद ट्रैक्टर से बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए स्टंट्स करते हुए मारा गया, क्योंकि उसका ट्रैक्टर ही पलट गया। मीडिया के एक वर्ग ने अफवाह फैलाई थी कि वो पुलिस की गोली से मरा।
Has not @NIA_India summined Deep Sindhu? This Khalistani was leading the protest in Lal Quila. pic.twitter.com/Ia27oytsSz
— Facts (@BefittingFacts) January 26, 2021
प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के सम्बन्ध में दिल्ली में पुलिस ने किसान नेताओं के साथ कई दौर की बैठकें कर के उन्हें रूट समझाया था। शाम को राकेश टिकैत ने पुलिस पर गलत रूट बताने के आरोप लगाते हुए कहा कि ‘बेचारे’ किसानों को रास्ता नहीं पता था, इसीलिए वो भटक गए। सुबह 8:30 बजे ही सिंघु सीमा पर 7000 ट्रैक्टर एकत्र हो गए थे। उनकी अगुआई निहंग कर रहे थे। लुटियन जोन में घुसने के लिए पुलिस के जवानों को पीटा गया।
दिल्ली की सीमाओं पर अब अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शाम को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, केंद्रीय गृह सचिव और IB के चीफ से मुलाकात कर स्थिति की समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है। ITO, नांगलोई कर गाजीपुर में अधिक संख्या में जवानों की तैनाती होगी। 10 CRPF की कंपनियाँ और 5 अन्य सशस्त्र बलों की कंपनियाँ दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं।