पिछले कई दिनों से फरार चल रहे उत्तर प्रदेश के 5 कुख्यात अपराधियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के डर से सोमवार (5 जुलाई 2021) को शामली जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार कैराना कोतवाली के एसएचओ प्रेमवीर राणा ने कहा कि आरोपित हाथ उठाकर थाने आए थे। पुलिस के सामने आने से पहले अपराधियों ने कहा कि वे सभी आपराधिक गतिविधियों को छोड़ना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, गाँव रामडा के निवासी अफसरून, कय्यूम, राशिद उर्फ भूरा, सलीम और हारून के रूप में पहचाने गए सभी 5 अपराधियों पर रंगदारी और हत्या के कई मामले दर्ज थे। उन पर हाल ही में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था, तब से वे फरार थे।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार (4 जुलाई) को महबूब नाम का एक अन्य अपराधी भी मुजफ्फरनगर के शाहपुर पुलिस स्टेशन पहुँचा और अपराध नहीं करने का संकल्प लिया। एसएचओ शापुर ने बताया कि आपराधिक रिकॉर्ड के चलते महबूब को हर महीने थाने में हाजिर होने को कहा गया है।
योगी ने जनता से पूछा, क्या वे अपराधियों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई को मंजूरी दे रहे हैं?
गौरतलब है कि सोमवार को राप्ती नदी के मलौनी बाँध पर स्थित तारकुलानी रेगुलेटर पर पम्पिंग स्टेशन के उद्घाटन समारोह के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित किया था। इस दौरान सीएम ने राज्य में अपराध और अपराधियों के प्रति अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जनता की राय माँगी थी। उन्होंने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश के लोग राज्य सरकार द्वारा अपराधियों के खिलाफ शुरू की गई चौतरफा कार्रवाई को मंजूरी दे रहे हैं, जिस पर उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी।
उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को अपराधियों को रौंदने के लिए बुलडोजर चलाना जारी रखना चाहिए या नहीं? जय श्रीराम के जयकारों के बीच जनता ने हाँ में जवाब दिया था। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार अपने ‘मिशन क्लीन-अप’ के तहत माफियाओं और कट्टर अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त व ध्वस्त कर रही है। वह इसका इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए कर रही है। उन्होंने फिर पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई को राज्य की जनता स्वीकृति दे रही है या नहीं। इस बार भी भीड़ ने एक स्वर में हाँ का जवाब दिया।
पिछले 4 वर्षों में सकारात्मक परिणाम दिखा रही उत्तर प्रदेश सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ की अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति ने पिछले चार वर्षों में सकारात्मक परिणाम दिए हैं। उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के आरोपों पर विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2021 में बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने अपनी सरकार के चार साल पूरे होने पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ”जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम यह रहा है कि 2016 के आँकड़ों की तुलना में 2017 में डकैती के मामलों में 65.72% की कमी आई है। वहीं, लूट में 66.15 %, यूपी में हत्या में 19.80 फीसदी और रेप में 45.43 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि पहले कोई भी डर से इस राज्य में नहीं आना चाहता था, लेकिन अब यहाँ कोई डर नहीं है। हमारी सरकार ने पेशेवर अपराधियों, माफिया तत्वों और शांति भंग करने वाले अन्य लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है। इसने देश में एक आदर्श भी स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए अपराधी अपराधी होता है। फिर चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय का हो।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की पुलिस का खौफ अपराधियों पर इस कदर छाया हुआ है कि वो खुद थाने में आकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं किसी एनकाउंटर में उनका नंबर न लग जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, शामली के रामडा गाँव के रहने वाले अरशद, दानिश उर्फ काला और परवेज के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
कैराना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर सिंह राणा के मुताबिक, तीनों पर बलवा, हत्या की कोशिश समेत कई केस दर्ज हैं। गुरुवार (1 जुलाई 2021) को तीनों आरोपित गिड़गिड़ाते हुए थाने पहुँचे और आत्मसमर्पण कर दिया। इन्होंने दोबारा से भविष्य में क्राइम नहीं करने का वादा भी किया है। खबर के अनुसार इसी साल फरवरी, 2021 में कैराना में विधायक नाहिद हुसैन और उनकी माँ पूर्व सांसद तबस्सुम हसन समेत 40 लोगों के खिलाफ शामली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।