राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन मौत के बाद भी विवादों में है। दरअसल, यह विवाद दिल्ली गेट स्थित जदीद कब्रिस्तान को लेकर है। यहाँ बिहार के पूर्व सांसद की कब्र को पक्का किया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कब्रिस्तान की कमेटी ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया और कब्र के निर्माण को रुकवाने के लिए पुलिस बुलाई। बताया जा रहा है कि आज (5 जून 2021) से कब्र का निर्माण कार्य रुक गया है।
कब्र पक्की करने के मामले की जाँच हो
मंसूरी वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष हसनैन अख्तर मंसूरी का कहना है कि आम लाेगों के लिए अलग और पूर्व सांसद के लिए अलग नियम नहीं हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में ही कब्रिस्तान कमेटी ने एक कानून बनाकर जदीद कब्रिस्तान में कब्र को पक्की करने पर रोक लगा दी थी। अब जगह घेर कर इस कब्र को कैसे पक्का किया जा रहा है। इसकी जाँच होनी चाहिए।
मालूम हो कि ये वही कब्रिस्तान है, जहाँ पहली और दूसरी लहर में कोरोना की वजह से मरने वाले लोगों के शवों को दफनाने के लिए बहुत कम जगह बची थी। वहीं, इसे लेकर इंतजामिया कमेटी लगातार हिदायत देती रही कि लोग कब्र को पक्का ना करें।
बता दें कि तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण बीते 1 मई 2021 को निधन हो गया था। उसके परिवार वाले शव को बिहार के सीवान स्थित पैतृक गाँव प्रतापपुर में दफनाना चाहते थे, लेकिन कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए इसकी मंजूरी नहीं मिली। इसके कारण शहाबुद्दीन के शव को दिल्ली स्थित जदीद कब्रिस्तान में दफना दिया गया था।
कब्र पक्का करने को लेकर गहराया विवाद
अब उसी कब्र को पक्का करने को लेकर विवाद गहराया है, जिस पर कब्रिस्तान कमिटी की कब्र को पक्की करने की मनाही है। बताया जाता है कि जब इसे पक्का करने की शुरुआत हुई तो कब्रिस्तान की कमेटी ने उसे रुकवाने की भी कोशिश की, लेकिन फिर से काम जारी रहा। हालाँकि अब यह निर्माण कार्य रोक दिया गया है।