Friday, May 17, 2024
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तिहाड़ में सुआ घोंप-घोंप कर गैंगस्टर को मार डाला, ग्रिल काटकर किए 40 वार: उसी गैंग ने किया हमला, जिससे अतीक-अशरफ के शूटर को मिली थी पिस्टल

टिल्लू ताजपुरिया तिहाड़ के हाई सिक्योरिटी जेल के ग्राउंड फ्लोर में स्थित जेल नंबर 8 में बंद था। गोगी गैंग के चार अपराधी फर्स्ट फ्लोर के जेल नंबर 9 में बंद थे। उन्होंने पहले लोहे की ग्रिल काटी। फिर चादर की सहायता से ग्राउंड फ्लोर पर कूदे। इसके बाद लोहे की रॉड और सुआ से वार कर ताजपुरिया की हत्या कर दी।

दिल्ली के तिहाड़ जेल में गैंगवार में एक और अपराधी मारा गया है। मारे गए गैंगस्टर की पहचान टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria Murder) के तौर पर हुई है। उस की हत्या करने वाले गोगी गैंग से जुड़े बताए जा रहे हैं। गोगी गैंग का नाम प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद भी आया था। कहा जा रहा है कि माफिया ब्रदर्स को ढेर करने वाले शूटरों को जिगाना पिस्टल गोगी गैंग से ही मिली थी।

मंगलवार (2 मई 2023) की सुबह करीब 6 बजे ताजपुरिया पर हमला हुआ। उस पर गोगी गैंग के 4 अपराधियों ने लोहे की रॉड और सुआ से करीब 40 वार किए। ताजपुरिया पर गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की हत्या का आरोप था। ऐसे में इसे जितेंद्र गोगी की हत्या का बदला कहा जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टिल्लू ताजपुरिया तिहाड़ के हाई सिक्योरिटी जेल के ग्राउंड फ्लोर में स्थित जेल नंबर 8 में बंद था। उसकी हत्या यहीं की गई। हत्या पूरी प्लानिंग के तहत की गई। गोगी गैंग के चार अपराधी योगेश टुंडा, दीपक तीतर, राजेश और रियाज फर्स्ट फ्लोर के जेल नंबर 9 में बंद थे। हत्या करने के लिए उन्होंने पहले लोहे की ग्रिल को काटा। इसके बाद चादर की सहायता से ग्राउंड फ्लोर पर कूद गए। इसके बाद लोहे की रॉड और सुआ से वार कर ताजपुरिया की हत्या कर दी।

हमले में घायल होने के बाद ताजपुरिया को दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। लेकिन उसकी मौत हो गई। इस हमले में ताजपुरिया को बचाने में रामनिवास नामक एक अन्य कैदी भी घायल हुआ है। फिलहाल वह खतरे से बाहर है। बताया जा रहा है कि गोगी गैंग के कई गुर्गे तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस हत्या में रोहित मोई का नाम भी सामने आ रहा है। रोहित को जितेंद्र गोगी का राइट हैंड माना जाता है। जितेंद्र गोगी और रोहित मोई को पुलिस ने एक साथ ही गिरफ्तार किया था। ज्ञात हो कि गोगी गैंग के लॉरेंस विश्नोई गैंग से भी संबंध रहे हैं। दोनों गैंग साथ मिलकर काम करने के लिए जाने जाते थे।

गौरतलब है कि टिल्लू ताजपुरिया और जितेंद्र गोगी एक समय दोस्त हुआ करते थे। लेकिन साल 2010 में दिल्ली के एक कॉलेज में हुए छात्र संघ चुनाव के दौरान दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद दोनों की राहें अलग हो गई थी। यही नहीं, दोनों के बीच आपसी गैंगवार भी देखने को मिल रहा था। इसी गैंगवार के चलते बीते 6 सालों में 12 लोगों की हत्या को चुकी है।

अतीक की हत्या में आया था गोगी गैंग का नाम

बता दें कि माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में भी गोगी गैंग का नाम सामने आया था। अतीक और अशरफ को तुर्की की जिगाना पिस्टल से मारा गया था। यह पिस्टल शूटर सनी को गोगी गैंग से ही मिली थी। पहले इस पिस्टल से टिल्लू की हत्या होनी थी। लेकिन उससे पहले ही सनी ने दो अन्य शूटरों के साथ मिलकर अतीक और अशरफ की हत्या कर दी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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