उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा। वायरल वीडियो में कुछ ग्रामीण गाँव में आए 3 कथित फकीरों से सवाल जवाब करते हुए और बाद में उन्हें कान पकड़वा कर मुर्गा बनने के लिए कहते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद गोंडा पुलिस ने संज्ञान लेते हुए 2 लोगों को आरोपित कर के कार्रवाई की है।
— Gonda Police (@gondapolice) June 9, 2022
उस वीडियो में कुछ बच्चों द्वारा कहते सुना गया, “ये सब साधु के कपड़े पहन लेते हैं और बाद में चिकन बिरयानी खाते हैं।” वहीं एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “अभी कुछ दिन पहले ये लोग कानपुर में पत्थरबाजी किए थे।” कथित फ़कीर खुद का नाम महिरुद्दीन बता रहा है। एक लड़के द्वारा आधार कार्ड माँगे जाने पर वो भूल जाना बताता सुनाई दे रहा है। इसी के साथ वो अपना घर दुल्हापुर बता रहा। बाकी लोग भी अपना आधार कार्ड नहीं दिखा पा रहे। गाँव के कुछ लोग उन तीनों कथित फकीरों के साथ अभद्रता न करने के लिए कह रहे हैं जबकि बाकी लोग आधार कार्ड ले कर चलने की सलाह दे रहे हैं।
DSP सदर के मुताबिक, “3 व्यक्ति खरगूपुर के गाँव डींगुर में गए थे। स्थानीय लोगों द्वारा उन तीनों के नाम-पते जानने का प्रयास किया गया तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इसके बाद एक व्यक्ति द्वारा तीनों के संग अभद्र व्यवहार किया गया। इस व्यवहार पर थाना खरगूपुर में केस दर्ज किया गया। पुलिस इस तथ्य की भी जानकारी जुटा रही कि तीनों लोग कौन थे और किस काम से उस गाँव में गए थे।” वहीं ऑपइंडिया से बात करते हुए SHO खरगूपुर ने 2 आरोपितों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें न्यायलय भेजने की बात स्वीकारी। इसी के साथ उन्होंने कथित फकीरों के बारे में भी जाँच जारी होना बताया।
कुछ ने हिन्दू धर्म तो कुछ ने योगी सरकार पर साधा निशाना
इस वीडियो के वायरल होते ही बिना पुलिस जाँच की प्रतीक्षा किए ही इसको कुछ लोगों द्वारा वायरल किया जाने लगे। कुछ ने इसको शेयर करते हुए हिन्दू धर्म के विरुद्ध कैप्शन दिया तो कुछ ने इस वीडियो के बहाने योगी सरकार पर निशाना साधा। खुद को ओवैसी की पार्टी AIMIM का आशिक बताते वाले सैयद खालिद फरीदी ने लिखा, “ये नव भारत के नव युवक का नव सोच है जो नव राजनीति पार्टी नव मुखमंत्री (बाबा) और नव पत्रकार के द्वारा दिया गया ज़हर काम कर रहा है।”
ये नव भारत के नव युवक का नव सोच है जो नव राजनीति पार्टी नव मुखमंत्री (बाबा) और नव पत्रकार के द्वारा दिया गया ज़हर काम कर रहा है।
— Sayed Khalid Faridi (@imKhalidFaridi) June 9, 2022
विडियो यूपी गोंडा के खरगूपुर डिंगुर का है।@aimim_national @asadowaisi pic.twitter.com/JaK83CuPFj
UP में आम आदमी पार्टी के नेता राशिद सिद्दीकी ने भी इसे भारतीय संस्कृति और मानवता पर हमला घोषित कर दिया।
#ज़िला_गोंडा “खरगूपुर” के “डिगुर” गांव से गुज़र रहे #सूफ़ीज़म से जुड़े तीन इंसानों से, गाँव का एक शैतान
— 🇮🇳Rashid_Siddiqui_AAP🇮🇳 (@AAPKA_RASHID) June 9, 2022
आधार-कार्ड दिखाने और
जय श्रीराम कहलवाने साथ ही कान पकड़वाने का हुक्म सुनाता है!😡
मानवता व भारतीय संस्कृति
के विरूद्ध इस अति निंदनीय कृत्य का कृपया @Uppolice
संज्ञान लें। pic.twitter.com/FdD2rtsiXa
पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने हिन्दू धर्म के हाईजैक होना बता कर ट्वीट किया
काफी पहले कहा था कि हिंदू धर्म को एक विचारधारा विशेष ने हाईजैक कर लिया है। अब आप खुद सोचिए! यूपी के गोंडा मे फक़ीरो को आतंकवादी कहकर पीटने वाले उनसे जय श्री राम का नारा लगवाने कितने बड़े धार्मिक होंगे?
— Wasim Akram Tyagi (@WasimAkramTyagi) June 8, 2022
इन्हे कौन बताए “दुर्बल को न सताइये, जाकी मोटी हाय”pic.twitter.com/7IaH4xx1Qr
उर्स के लिए जबरन चंदा माँगने का आरोप
सुदर्शन न्यूज़ के UP प्रभारी रजत मिश्रा का दावा है कि कथित फकीर उर्स के लिए जबरन चंदा माँग रहे थे इस वजह से गाँव वालों ने उन्हें सबक सिखाया। रजत ने इसे ग्रामीणों की जागरूकता करार दिया है।
UP के गोंडा जनपद के लोग जागरूक हो गए है। मजार पर होने वाले उर्स के लिए जबरन चंदा लेने के लिए गांव में घुसे लोगो को ग्रामीणों ने सही से नसीहत दी.. pic.twitter.com/lViWmuxYiB
— Rajat Mishra (@rajatkmishra1) June 9, 2022
सुदर्शन न्यूज़ उत्तर प्रदेश के आधिकारिक हैंडल से भी यही दावा किया गया है।
गोंडा में उर्स के लिए चंदा मांगने वालों पर भड़के ग्रामीण
— Sudarshan UP (@SudarshanNewsUp) June 9, 2022
चंदादारो की आढ़ में आतंकी या उपद्रवी होने के शक में मांगा आधार कार्ड
आधार कार्ड न दिखा पाने पर सख्त चेतावनी देकर ग्रामीणों ने सबको छोड़ा@gondapolice @Uppolice pic.twitter.com/uralkbNlkg
कानपुर दंगों के बाद गाँव वाले बरत रहे थे सतर्कता
ऑपइंडिया ने वीडियो में कथित फकीरों से उठक-बैठक करवाने वाले आरोपित के भाई किशन तिवारी से बात की। किशन तिवारी ने बताया, “मैं तो फिलहाल घर से बाहर चल रहा हूँ पर वीडियो वायरल होने के बाद मैंने घर से पूरे मामले की जानकारी ली। वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मेरा भाई है जिसका नाम अमरेश तिवारी है। वो पढ़ाई करता है। कुछ दिन पहले कानपुर में दंगा हुआ था। तब से लोगों के दिमाग में वही सब चल रहा था। हमारे गाँव के आस-पास मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है। इसी के साथ ये रास्ता नेपाल की तरफ भी जाता है। हमारे गाँव में सब सतर्क थे।”
तीनों नहीं दिखा पाए कोई पहचान पत्र
किशन तिवारी ने आगे बताया, “इस दौरान गाँव में 3 लोग आए। वो सभी मुस्लिम थे। उन्हें गाँव में कोई पहचान नहीं रहा था। गाँव वालों ने उनकी पहचान पूछी तो वो कुछ ठीक से बता नहीं पाए। ही अपना कोई परिचय पत्र अदि भी दिखा सके। इसी के बाद आवेश में आ कर मेरे भाई ने उनके साथ अभद्रता कर दी। यद्द्पि उसने कोई मारपीट नहीं की है। पुलिस ने मेरे परिवार से 2 लोगों पर कार्रवाई की है। अमरेश के अलावा दूसरा व्यक्ति कृष्णमोहन है। उसी कृष्णमोहन ने ये वीडियो बनाई थी। वो फ़कीर कौन थे और अभी कहाँ है ये मुझे नहीं पता।”
पहले भी गाँव में हिन्दू साधु के रूप में आ चुके हैं 2 मुस्लिम
किशन तिवारी के मुताबिक, “लगभग डेढ़ महीने पहले हमारे गाँव में हिन्दू साधु के वेश में 2 मुस्लिम आए थे। उनके हाव-भाव से लोगों को शक हुआ तो वो भाग गए थे। हम लोग तब पुलिस को नहीं बुला कर गलती किए। भारत की आबादी में बांग्लादेशी घुसपैठी भरे पड़े हैं। उनमे से कौन किस रूप में किस से मिल जाए पता ही नहीं है। मैं खुद लखनऊ के चारबाग में कुछ माह पहले कुछ संदिग्धों को देख कर पुलिस बुला लिया था लेकिन पुलिस के आने से पहले वो सभी भाग चुके थे।” डेढ़ साल पहले गाँव में साधु वेश में आए 2 मुस्लिमों की पुष्टि उसी गाँव के शिवम शुक्ला ने भी ऑपइंडिया से बात करते हुए की।
हिन्दू प्रत्याशी को हरवा कर मुस्लिम को बनवाया ग्राम प्रधान
किशन तिवारी ने आगे बताया, “हमारे गाँव में पिछली बार प्रधानी की लड़ाई जितेंद्र शुक्ला और फरीद खान में थी। हम लोगों ने जितेंद्र शुक्ला का विरोध किया था और फरीद खान को वोट दिया था। अंततः फरीद जीत गया और जितेंद्र हार गए।” चुनाव में फरीद से हारे प्रत्याशी जितेंद्र शुक्ला ने भी ऑपइंडिया से बात करते हुए इन बातों को सही बताया।
बहरूपियों के चलते बदनाम हो रहे साधु
खरगूपुर के गाँव डींगुर के रहने वाले और पूजा-पाठ का काम करने वाले वीरेंद्र शुक्ला ने भी ऑपइंडिया से बात की। उन्होंने बताया, “गाँव में मुस्लिमों की काफी जनसंख्या है। साधू मुस्लिम वाली घटना हुई है। इसलिए अपने यहाँ साधु बदनाम होते जा रहे हैं। काम एक-दो लोग करते हैं और परेशानी सबको होती है। ऐसा लग रहा है कि जो लोग भी आए थे वो बेवकूफ बनाने वाले हैं।”
‘भाजपा में पद पाने के लिए किया गया ये सब’ : ग्राम प्रधान फरीद
किशन तिवारी ने भले ही अपने परिवार को प्रधान फरीद का वोटर और सपोर्टर बताया लेकिन फरीद ने उनके परिवार के वायरल वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। ऑपइंडिया से बात करते हुए ग्राम प्रधान फरीद ने कहा, “हमारे गाँव में लगभग 40% मुस्लिम और 60% हिन्दू हैं। सभी मेल-मिलाप से रहते हैं। ऐसी घटना पहली बार हुई है। पीड़ित कोई अजनबी और अपरिचित नहीं बल्कि यहाँ से कुछ ही दूर के रहने वाले हैं जो बहराइच में सालार गाजी की दरगाह शरीफ के उर्स के लिए चंदा माँग रहे थे। ये सब करने वाले असल में सस्ती लोकप्रियता और भाजपा में पद पाना चाहते थे।” फरीद ने गाँव में साधु वेश में मुस्लिमों के आने की घटना से भी इंकार किया।