Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाजज्ञानवापी विवादित ढाँचे के गुंबद पर चढ़ वीडियोग्राफी, नमाज वाली जगह का भी सर्वे:...

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे के गुंबद पर चढ़ वीडियोग्राफी, नमाज वाली जगह का भी सर्वे: तहखाने में मिली सुरंग, एक और कमरा भी सामने आया

ढाँचा परिसर में मौजूद वजूखाने (नमाज से पहले हाथ-पैर धोने का स्थान) के पास तालाब को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष में विवाद हो गया। हिंदू पक्ष का कहना था कि तालाब का पानी निकालकर इसकी वीडियोग्राफी की जाए, जबकि पानी निकालने का मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया। 

उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) के विवादित ज्ञानवापी ढाँचे (Gyanvapi) में आज रविवार (15 मई 2022) को सर्वे और वीडियोग्राफी का काम दूसरे दिन भी पूरा हो गया। तहखाने के नीचे एक सुंरग और एक अन्य कमरा मिला है, जिसमें मलबा भरा हुआ है। वहीं, ढाँचे के गुंबद, पश्चिमी दीवार और नमाज की जगह का सर्वे किया गया। हालाँकि, ढाँचा परिसर में मौजूद वजूखाने के पास तालाब को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष में विवाद भी हुआ। हिंदू पक्ष का कहना था कि तालाब का पानी निकालकर इसकी वीडियोग्राफी की जाए, जबकि पानी निकालने का मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया। 

दूसरे दिन के सर्वे में मस्जिद के गुंबदों और नमाज वाली जगह की वीडियोग्राफी की गई। इस दौरान टीम ने ढाँचे की छत पर चढ़कर दीवारों को देखा। गुंबद पर जाने के लिए ढाँचे के पश्चिमी दीवार की तरफ बने एक दरवाजे का ताला खोला गया। यह दरवाजा 3.5 फीट का है। जिसके जरिए कमीशन की टीम गुंबद तक पहुँची।

इसके अलावा, जिस मिट्टी का जिक्र ASI को सर्वे करने के आदेश में किया गया था, उसकी भी वीडियोग्राफी करवाई गई है। सबसे बड़ी बात है कि आज दूसरे दिन के सर्वे में तहखाने के अंदर एक सुरंग मिली है। टीम ने इसकी भी वीडियोग्राफी की है। माना जा रहा है कि सर्वे का पूरा काम आज ही पूरा हो जाएगा। हालाँकि, इसको लेकर किसी तरह का बयान अभी सामने नहीं आया है।

बता दें कि ढाँचे के तहखानों के बंद तालों की चाबी 16 साल बाद समाने आई है। इसके पहले जनवरी 1993 में विवाद के बाद तहखानों में ताले बंद करके चाबी को राजकीय कोषागार में जमा करा दिया गया था। हालाँकि, साल 2006 में किसी कारणवश इसे निकालकर पुलिस को दी गई थी। यही कारण है कि चाबी नहीं मिलने पर न्यायालय ने ताला तोड़ने के लिए कहा था।

अमर उजाला के अनुसार, न्यायालय द्वारा अधिकृत कमीशन की कार्रवाई खत्म होने के बाद इस चाबी को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी के हवाले कर दिया जाएगा और ये उन्हीं के पास रहेंगी। दरअसल, जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा था कि अगर किसी के पास चाबी है तो लाकर दे, नहीं ताला तोड़कर काम पूरा किया जाएगा और फिर ताला लगाकर कोषागार में जमा कर दिया जाएगा। इसके बाद मस्जिद कमिटी ने चाबी सौंप दिया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने कमीशन को चाबी सौंपा। इसके पहले मुस्लिम पक्ष ने चाबी होने से इनकार कर दिया था।

वहीं, खाता संख्या 9130 को मापने के लिए तहसील की ओर से टीम का गठन किया गया है। तहसील में दर्ज रिकॉर्ड को कमीशन की कार्यवाही में शामिल किया गया है। बता दें कि इस कार्यवाही की रिपोर्ट 17 मई तक अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

‘विश्व वैदिक सनातन संघ’ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा था कि ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में सर्वे और वीडियोग्राफ़ी के दौरान ऐसी-ऐसी चीजें मिलीं, जो सभी लोगों की कल्पना से परे और उम्मीद से बहुत ज्यादा मिला है। उन्होंने जानकारी दी कि जहाँ कुछ तालों को खोलना पड़ा, वहीं कुछ को तोड़ना पड़ा। उन्होंने बताया कि सर्वे के लिए भी बहुत कुछ है। उन्होंने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट भी सबके सामने आएगी। शनिवार को हुए सर्वे में दीवारों पर दिखे स्वास्तिक और त्रिशूल के चिन्ह मिलने के दावे किए गए हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की 89 सीटों पर मतदान, 1198 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे मतदाता, मैदान में 5 केंद्रीय मंत्री और 3 राजघरानों...

दूसरे चरण में 5 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में हैं, जिसमें वी. मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे चुनाव मैदान में हैं।

कॉन्ग्रेस ही लेकर आई थी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण, BJP ने खत्म किया तो दोबारा ले आए: जानिए वो इतिहास, जिसे देवगौड़ा सरकार की...

कॉन्ग्रेस का प्रचार तंत्र फैला रहा है कि मुस्लिम आरक्षण देवगौड़ा सरकार लाई थी लेकिन सच यह है कि कॉन्ग्रेस ही इसे 30 साल पहले लेकर आई थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe