मध्य प्रदेश का पन्ना जिला मंदिरों और हीरों के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है, लेकिन आज चर्चा पन्ना टाइगर रिजर्व के दो ऐसे बाघों की हो रही है जो एक-दूसरे से दूर हो गए हैं। हीरा और पन्ना नाम के इन बाघों की दोस्ती यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए भी बड़ा आकर्षण था, लेकिन अब इनकी दोस्ती हमेशा-हमेशा के लिए टूट गई है।
टाइगर रिजर्व में लोगों के आकर्षण का केंद्र बना ‘हीरा’ नाम का बाघ अब कभी दिखाई नहीं देगा। शिकारियों ने इस बाघ हीरा का सतना में शिकार कर लिया। बेरहम शिकारियों ने करेंट की तार लगाकर बााघ का शिकार किया और उसकी खाल उतार कर शव को तालाब में फेंक दिया। इतना ही नहीं, हैवानों ने उसका सिर भी काट दिया। इसकी सूचना मिलने पर वन निभाग का अमला मौके पर पहुँचा और शव बरामद किया।
दरअसल, पन्ना के टाइगर रिजर्व से हीरा नाम का बाघ भटक कर सतना के सिंहपुर थाना क्षेत्र के अमदरी वनक्षेत्र में आ गया था। यहाँ घात लगाए शिकारियों ने करेंट की तार लगाकर उसका शिकार कर डाला। शिकारियो ने बााघ की खाल उतारने के बाद शव को तालाब में फेंक दिया था। आज सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुँचा और सड़ी गली हालत में तलाब से बााघ का शव निकालकर बरामद किया गया। वन अमले ने 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ कर घटनाक्रम की जानकारी ली जा रही है। वन विभाग के आला अफसर भी मौके पर पहुँचे हैं। फिलहाल वन अमला मौके का मुआयना और शव निरीक्षण कर जाँच में जुटे है। वन अधिकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के बाद ही विस्तृत जानकारी दे सकेंगे।
बता दें कि शिकार हुए बाघ को पन्ना टाइगर रिजर्व का कॉलर आईडी लगा बाघ बताया जा रहा है। शिकार के बाद शिकारियों ने कॉलर आईडी निकाल कर झाड़ियों में फेंक दिया था जिसे बरामद कर लिया गया है। शव का पोस्टमार्टम करने के बाद वन विभाग अंतिम संस्कार किया गया। आपको बता दें कि यह इलाका टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है। गाहे-बगाहे भटक कर बाघ और अन्य जंगली जानवर इस इलाके में आ जाते हैं और बेरहम शिकारियों का शिकार हो जाते हैं।
हीरा और पन्ना दोनों बाघिन पी 234 की संतान थे। फील्ड डायरेक्टर शर्मा के अनुसार बाघ हीरा और पन्ना व्यस्क होने के बाद भी 7 से 8 माह तक साथ रहे। जबकि अव्यस्क बाघों के मामले में ऐसा नहीं देखा जाता है। हीरा और पन्ना वर्षों से एक-दूसरे के साथ रहते थे। पिछले दिनों अपना वंश बढ़ाने के लिए हीरा टाइगर रिजर्व की सीमा छोड़कर सतना जिले के चित्रकूट के जंगलों में चला गया था। दोनों बाघों के नाम टाइगर रिजर्व वालों ने ही रखे थे। वह एक दूसरे के बिना रह भी नहीं सकते थे। ऐसे में टाइगर प्रबंधन को चिंता है कि अब पन्ना, हीरा के बगैर कैसे रह पाएगा।
आम तौर पर नर बाघों के बीच दोस्ती कम ही देखने को मिलती है। इन दोनों बाघों ने बफर क्षेत्र अकोला में अपना रहवास बना लिया था। दोनों एक-दूसरे के साथ अक्सर अटखेलियाँ करते नजर आते थे और पर्यटकों को भी खूब लुभाते थे। इनकी मौजूदगी की वजह से पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला रेंज में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ गई थी।