Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजआगरा में हिंदू परिवार घर बेचने पर मजबूर: मर्डर केस वापस लेने का दबाव,...

आगरा में हिंदू परिवार घर बेचने पर मजबूर: मर्डर केस वापस लेने का दबाव, बहू-बेटियों की इज्जत से खिलवाड़

आगरा स्थित ताजगंज के तेलीपाड़ा में राठौर समाज के लोगों के 12 घर ही हैं और लगातार मिलती धमकियों से वे सभी दहशत में जी रहे हैं।

मेरठ की तरह आगरा स्थित ताजगंज के तेलीपाड़ा में रविवार को करीब एक दर्जन घरों पर ‘मकान बिकाऊ’ का पोस्टर चिपका देख सनसनी फैल गई। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि इसके पीछे का कारण इलाके में 3 महीने पहले 2 समुदायों के बीच हुआ एक बवाल है। इस मामले में ‘समुदाय विशेष’ के लोगों ने राठौर समाज के 20 वर्षीय युवक पप्पू की हत्या कर दी थी।

बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद मामले में पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने और समुदाय विशेष के लोगों द्वारा आए दिन परेशान करने के कारण राठौर समाज के लोगों में दहशत है। आरोपित पक्ष लगातार उन पर समझौता करने का दबाव बना रहा है, लेकिन पीड़ित पक्ष इसके लिए तैयार नहीं है।

जानकारी के अनुसार, पप्पू की हत्या के मामले में 43 नामजद लोगों पर शिकायत दर्ज हुई थी। लेकिन पुलिस ने अपनी कार्रवाई में केवल पप्पू खां और हाशिम को जेल भेजा, जबकि अन्य सभी आरोपित अभी तक फरार हैं। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस द्वारा इस मामले में दबिश तो दी गई लेकिन इसके बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

आए दिन आरोपित पक्ष की ओर से दबाव के बीच पीड़ित परिवारों ने अपने घर पर “मकान बिकाऊ” है, का पोस्टर लगा दिया। हालाँकि, मकानों पर लगे पोस्टरों की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और दोनों पक्षों से बातचीत कर पोस्टर हटवा दिए। लेकिन इस दौरान यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे और मामला तूल भी पकड़ चुका था।

पीड़ित पक्ष ने मीडिया को बताया कि उनके परिवारों में दहशत का माहौल बन गया है। उनके मुताबिक आरोपित युवक दर्जनों की संख्या में आकर उन पर मुकदमा वापसी के लिए दबाव बना रहे हैं।

उनका कहना है कि समुदाय विशेष के लोग उनसे समझौते के लिए आए दिन बात करते हैं। लेकिन, जब वह इससे इनकार करते हैं, तो उनके बच्चों के साथ मारपीट की जाती है। इस कारण से इलाके के दर्जनों परिवार मानसिक तनाव में हैं।

बता दें कि समुदाय विशेष की ये हरकतें यहीं नहीं रुकती। उनमें से कुछ युवक आए दिन पीड़ित पक्ष की महिलाओं के आने-जाने पर उन पर फब्तियाँ कसते हैं। जिस कारण वहाँ लड़कियों-महिलाओं का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। पीड़ित पक्ष के अनुसार वे इस संबंध में इलाका पुलिस से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन पुलिकर्मी कभी-कभी ही इलाके में गश्त लगाने आते हैं। जबकि अधिकारियों द्वारा रात और दिन दो सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाने के लिए कहा गया था। 

उल्लेखनीय है कि पीड़ित पक्ष के अनुसार तेलीपाड़ा में समुदाय विशेष बड़ी संख्या में है, जबकि राठौर समाज के करीब एक दर्जन परिवार ही हैं। इसलिए, इलाके की बहुसंख्यक आबादी से परेशान होकर राठौर समाज के लोग तेलीपाड़ा से पलायन करने को मजबूर हैं।

पूरा मामला:

इसी साल 28 सितंबर की रात रुपए लेने के बावजूद कोल्ड ड्रिंक की बोतल न देने के मामले को लेकर विवाद हो गया था। तब दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे और उसी बीच पथराव हुआ था। पथराव में घायल तेलीपाड़ा निवासी पप्पू राठौर की 1 सप्ताह बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद युवक के चाचा निरंजन सिंह राठौर ने कुछ नामजद लोगों के ख़िलाफ़ मुकदमा कराया था। लेकिन पुलिस ने सिर्फ दो आरोपितो को गिरफ्तार कर जेल भेजा जबकि बाकी आरोपित अभी तक फरार हैं।

निरंजन सिंह का कहना है कि आरोपित पक्ष के लोग समझौते के लिए उन पर दबाव बना रहे हैं और राजीनामा नहीं करने पर बस्ती से मकान खाली कराने की धमकी दे रहे थे।

इसके अलावा उनका कहना है कि बीते 4 नवंबर को क्षेत्र निवासी राजेश राठौर के बेटे के साथ समुदाय विशेष के लोगों ने मारपीट भी की थी और पुलिस से शिकायत करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।

बता दें कि क्षेत्र में राठौर समाज के लोगों के 12 घर ही हैं और लगातार मिलती धमकियों से वे भी दहशत में जी रहे हैं। खबरों के अनुसार पुलिस की कार्रवाई न होने पर ही मकान बिकाऊ के पोस्टर लगाए गए हैं। अगर स्थिति ऐसी ही रही तो वह मकान बेचकर चले जाएँगे।

10 गलियाँ हुईं सुनसान, 125 हिन्दू परिवारों के पलायन के बाद मेरठ बन रहा दूसरा कैराना

मुस्लिमों के ख़ौफ़ से 150 हिन्दू धर्मांतरण और पलायन को मजबूर: रिपोर्ट्स

मेरठ पलायन: ‘सिर्फ प्रहलाद नगर नहीं, डर के कारण 30 कॉलनियों के हिंदू अपने मकान बेचने को मजबूर’

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe