हनुमान जयंती के मौके पर कर्नाटक के हुबली जिले में इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा के मामले की जाँच में अब रजा अकादमी का नाम सामने आया है। ये एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है, जो कि 2012 में मुंबई के आजाद मैदान पर हुए दंगों के लिए जिम्मेदार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हुबली पुलिस की जाँच में शहर में पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिंसा में रजा अकादमी की भूमिका होने का संदेह जताया गया है। दरअसल, एक व्हाट्सएप स्टेटस को लेकर 200 इस्लामियों ने पुराने हुबली पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। साथ ही उसी से लगे अस्पताल औऱ पथराव किया गया। मामले में 120 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना वसीम ने पहले हुबली की एक दरगाह पर उन्मादी भाषण दिया और इसके बाद उसने पुलिस स्टेशन के बाहर भी यही किया।
ये आरोपित मौलाना वसीम मोबालिक है, जो एआईएमआईएम का नेता भी हैं। उसी ने पुराने हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर हुबली पुलिस आयुक्त की कार के ऊपर भड़काऊ भाषण दिया था। दंगों के बाद फरार चल रहे मौलाना वसीम मोबालिक को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस की पूछताछ के दौरान कट्टरपंथी इस्लामिक मौलाना को वसीम ने कबूल किया था कि मामले का एक अन्य आरोपित तौफीक मुल्ला रजा अकादमी का सदस्य है। मौलाना वसीम ने यह भी खुलासा किया कि उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था और भीड़ को पुलिस पर हमला करने के लिए उकसाया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ हमले तेज होंगे।
गौरतलब है कि 2012 में मुंबई में हुए आज़ाद मैदान दंगों के लिए रज़ा अकादमी जिम्मेदार थी, जिसमें 40,000 से अधिक मुस्लिमों ने मुंबई की सड़कों पर हिंसा की थी। आजाद मैदान दंगों की सबसे चौंकाने वाली घटना मुस्लिम भीड़ द्वारा अमर जवान ज्योति स्मारक को अपवित्र करने की थी। मौलाना वसीम ने यह भी दावा किया कि उसे पता ही नहीं चला कि ओल्ड हुबली थाने के बाहर इतनी बड़ी मात्रा में पत्थर कैसे आ गए।
मारना चाहती थी भीड़
हुबली हिंसा के मामले में पुलिस निरीक्षक जगदीश की शिकायत पर हुबली थाने पर हमले के मामले में मुस्लिम भीड़ के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए थे। जगदीश के मुताबिक, मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ ने उनके ऊपर हमला कर दिया, जिस कारण उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। उन्हें ओल्ड हुबली थाने के कर्मियों को बचाने के लिए तैनात किया गया था।
उन्होंने कहा, “भीड़ ने हमें घेर लिया था औऱ हम जीप के अंदर बैठ गए। मुस्लिम भीड़ ने हमें हमारा काम करने से रोका और हत्या की भी धमकी दी। ओल्ड हुबली महिला थाने के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। हमें उच्च अधिकारियों से वहाँ जाने के आदेश मिले। रात 10.30 बजे हम अरविंद नगर के लिए निकले। 100-150 लोगों की भीड़ ने हमें रोक दिया। भीड़ के पास धारदार हथियार, रॉड और पत्थर थे।”