Saturday, July 27, 2024
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मौलाना के भड़काने पर थाने और अस्पताल पर हमला, जिले भर में भड़के दंगे: कमिश्नर की कार पर चढ़ दिया था भाषण, 120+ गिरफ्तार

हुबली हिंसा के मामले में पुलिस निरीक्षक जगदीश की शिकायत पर हुबली थाने पर हमले के मामले में मुस्लिम भीड़ के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए थे। जगदीश के मुताबिक, मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ ने उनके ऊपर हमला कर दिया, जिस कारण उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।

हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर कर्नाटक के हुबली पुलिस स्टेशन पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमले को लेकर नया खुलासा हुआ है। ‘विजयवाणी’ की रिपोर्ट में दावा किया है कि है कि शनिवार को मौलाना वसीम मोबालिक उर्फ पठान ने ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर भड़काऊ भाषण देते हुए मुस्लिमों को उकसाया, जिसके कारण हुबली पुलिस थाने पर हमला किया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना वसीम को ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर हुबली के पुलिस कमिश्नर की कार पर चढ़कर भड़काऊ भाषण देते देखा गया था। अब पुलिस को इस बात का शक है कि मौलाना के भड़काने पर ही मुस्लिम कट्टरपंथियों की उन्मादी भीड़ ने ही हुबली पुलिस स्टेशन के पास स्थित एक मंदिर और अस्पताल में भी पत्थरबाजी की थी। पठान की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं, जिसमें नीले रंग का कपड़ा पहने मौलाना एक ऊँची जगह पर खड़ा होकर लोगों को भड़का रहा था। इसी के बाद जिले में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे।

पुलिस ने कमिश्नर की कार पर चढ़कर भड़काऊ भाषणबाजी करने वाले मौलाना के वीडियो को एकत्र कर लिया है। इस वीडियो में वसीम के बगल में स्थानीय कॉन्ग्रेस नेता अल्ताफ हल्लूर को भी उसे भड़काऊ भाषण देने के लिए प्रोत्साहित करते देखा जा सकता है।

मौलाना ने दरगाह पर दिया था भड़काऊ भाषण

बाताया जाता है कि मौलाना वसीम ने पहले हुबली की एक दरगाह पर उन्मादी भाषण दिया और इसके बाद उसने पुलिस स्टेशन के बाहर भी यही किया। उसके भड़कावे में आकर हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर 200 से अधिक कट्टरपंथी मुस्लिम इकट्ठे हो गए थे। वहीं भीड़ को उकसाने के बाद मौलाना खुद फरार हो गया। अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

इस बीच, पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 120 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इस अभियान के लिए 8 स्पेशल टीमों को गठित किया गया है। वहीं पुलिसिया कार्रवाई के बाद कई आरोपित गायब हो गए हैं।

वीडियो सोशल मीडिया पर मत डालना: मौलवी

एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक मौलवी मुस्लिम कट्टरपंथियों को सम्बोधित करते हुए उन्हें भड़काऊ वीडियो को सोशल मीडिया पर नहीं शेयर करने की नसीहत देता है। उसे इस बात का डर था कि इसके जरिए पुलिस दंगाइयों की पहचान कर लेगी।

ऑडियो में मौलवी को कहते हुए सुना जा सकता है, “पुलिस हमारे लोगों को पहचान लेगी और वे उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे। हमारे लोगों को निशाना बनाया जाएगा और जेल भेजा जाएगा। कल जो कुछ भी हुआ वह अल्लाह के आशीर्वाद के कारण हुआ।”

मुस्लिम भीड़ पुलिसवालों को भी मारना चाहती थी

हुबली हिंसा के मामले में पुलिस निरीक्षक जगदीश की शिकायत पर हुबली थाने पर हमले के मामले में मुस्लिम भीड़ के खिलाफ दो केस दर्ज किए गए थे। जगदीश के मुताबिक, मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ ने उनके ऊपर हमला कर दिया, जिस कारण उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। उन्हें ओल्ड हुबली थाने के कर्मियों को बचाने के लिए तैनात किया गया था।

उन्होंने कहा, “भीड़ ने हमें घेर लिया था औऱ हम जीप के अंदर बैठ गए। मुस्लिम भीड़ ने हमें हमारा काम करने से रोका और हत्या की भी धमकी दी। ओल्ड हुबली महिला थाने के बाहर भीड़ जमा हो गई थी। हमें उच्च अधिकारियों से वहाँ जाने के आदेश मिले। रात 10.30 बजे हम अरविंद नगर के लिए निकले। 100-150 लोगों की भीड़ ने हमें रोक दिया। भीड़ के पास धारदार हथियार, रॉड और पत्थर थे।”

उल्लेखनीय है कि हुबली में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने एक व्हाट्सएप पोस्ट को लेकर हिंसा की थी

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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