Thursday, November 28, 2024
Homeदेश-समाज200 km पैदल चल दिल्ली से हाथरस पहुँची 17 साल की लड़की, फँस गई...

200 km पैदल चल दिल्ली से हाथरस पहुँची 17 साल की लड़की, फँस गई थी मानव तस्करों के बीच

लड़की मध्य प्रदेश में मंडला जिले के तोगल गाँव से है। एक हफ्ते पहले, उसके गाँव का एक व्यक्ति झूठे आश्वासन देकर कम से कम 12 लड़कियों को दिल्ली ले गया था। उन्हें दिल्ली में सिलाई-कढ़ाई का काम मिलेगा, यह झाँसा दिया गया था लेकिन...

राजधानी दिल्ली में सक्रिय मानव तस्करी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इस नेटवर्क का खुलासा तब हुआ, जब उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 17 वर्षीय लड़की परेशान अवस्था में मिली। कथित तौर पर लड़की दिल्ली के मानव तस्करों के चंगुल से भाग निकली थी और दिल्ली से हाथरस पहुँचने के लिए तीन दिन तक लगातार 200 किलोमीटर पैदल चलती रही। उसने हाथरस पहुँचने के लिए रास्ते में कुछ लोगों से लिफ्ट भी लिया। 

हाथरस के राहगीर और वहाँ तैनात पुलिस अधिकारियों को गाँव में लड़की को देखने पर कुछ गलत होने का शक हुआ। पुलिस ने जब लड़की से पूछताछ की, तो उसने दिल्ली में मानव तस्करी के नेटवर्क के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए।

हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल ने कहा कि लड़की के बारे में पुलिस को सूचित किए जाने के बाद शनिवार रात को लड़की को बचा लिया गया। लड़की ने उन्हें बताया कि वह मध्य प्रदेश में मंडला जिले के तोगल गाँव से है। एक हफ्ते पहले, उसके गाँव का एक व्यक्ति झूठे आश्वासन देकर कम से कम 12 लड़कियों को दिल्ली ले गया था। उन्हें दिल्ली में सिलाई-कढ़ाई का काम मिलेगा, यह झाँसा दिया गया था।

लड़की की गवाही के अनुसार, वह लगभग तीन दिन से पैदल चल रही थी और 200 किलोमीटर की दूरी तय कर हाथरस पहुँची। उसने बताया कि एक व्यक्ति ने रोजगार देने के बहाने लड़कियों को अपने साथ दिल्ली ले जाने का लालच दिया। उसने रास्ते में उन लोगों को किसी शहर में एक कमरे में कई दिनों तक भूखे-प्यासे बँधक बनाकर रखा। इस दौरान लड़कियों को उस शख्स पर शक हुआ तो मौका पाकर लड़कियाँ वहाँ से भाग निकलीं

विनीत जायसवाल ने आगे कहा कि लड़की सही स्थान नहीं बता पा रही थी, जहाँ उसे और अन्य लड़कियों को बंदी बनाया गया था। उन्होंने कहा कि लड़की परेशान और भूखी थी। वो पिछले तीन दिनों से पैदल चल रही थी। जायसवाल ने यह भी कहा कि मामले में जाँच शुरू कर दी गई है।

एसपी ने कहा कि लड़की को चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिया गया है। लड़की ने कहा, “मेरा परिवार बहुत गरीब है और पैसे की जरूरत है। कुछ ग्रामीणों ने उन्हें सलाह दी कि कुछ पैसे के बदले में मुझे कुछ अन्य लड़कियों के साथ दिल्ली भेज दें।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्थरबाजी, नारा-ए-तकबीर, अदालत पर अविश्वास, इबादत के नाम पर उन्माद… साल 712 की तरह दोबारा न हारे हिंदुस्तान, इसलिए समाधान जरूरी

बँटेंगे तो कटेंगे। हिंदुओं के लिए एकता आज के समय की माँग है। इसलिए विचार करिए और समाधान की तरफ़ बढ़िए, यही वक्त की माँग है!

संंभल में पुलिस से लूटे 50 कारतूस, 29 टियर गैस के गोले, था पुलिसकर्मियों की हत्या का प्लान: इंस्पेक्टर की FIR से जानिए मुस्लिम...

जामा मस्जिद के बाहर पहले से मौजूद भीड़ ने पहले नारेबाजी शुरू की फिर यह उग्र हो गए। भीड़ में शामिल मुस्लिम लड़कों ने पत्थरबाजी चालू कर दी।
- विज्ञापन -