Wednesday, October 16, 2024
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माहवारी चल रहा था, कई बार गई वॉशरूम तो टीचर ने सारे कपड़े उतरवा दिए: हैदराबाद के सेंट एंड्रयूज स्कूल की घटना

सेंट एंड्रियूज स्कूल की छात्रा अनीता (बदला नाम) की माँ सुधा (बदला नाम) की शिकायत पर इस केस को आईपीसी की धारा 354, 504, 509 और एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2) के तहत दर्ज किया गया है। वहीं प्रिसिपल का कहना है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई।

हैदराबाद के सेंट एंड्रियूज स्कूल (St Andrews School) में एक 15 वर्षीय दलित छात्रा के साथ बदसलूकी की घटना सामने आई है।छात्रा 23 सितंबर को स्कूल में एक पेपर देने गई थी और उस समय उसकी माहवारी भी चल रही थी। ऐसे में उसे पेपर के बीच के कई बार वॉशरूम जाना पड़ा, जिसे देख टीचर को उस पर शक हुआ और टीचर उसे एक आया के साथ वॉशरूम में ले गई। वहाँ उससे उसके कपड़े उतरवाए गए और फिर अंडरगार्मेंट्स उतारने को मजबूर किया गया। टीचर दरअसल ये चेक करना चाहती थी कि कहीं छात्रा ने कपड़ों के भीतर मोबाइल तो नहीं छिपा रखा। अपने इसी शक में उसने लड़की को कपड़े उतारने पर मजबूर कर दिया लेकिन मिला कुछ नहीं। जब छात्रा की माँ को इसका पता चला तो उन्होंने इस संबंध में शिकायत लिखवाई और कार्रवाई की माँग की।

द न्यूज मिनट में प्रकाशित खबर के अनुसार, सेंट एंड्रियूज की छात्रा अनीता (बदला नाम) की माँ सुधा (बदला नाम) की शिकायत पर इस केस को आईपीसी की धारा 354, 504, 509 और एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2) के तहत दर्ज किया गया है। सुधा ने इस केस में ‘तेलंगाना स्टेट कमीशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स’ को भी सूचित किया है। उनका कहना है कि वो अपनी बेटी के साथ हुए ऐसे बर्ताव से हैरान हैं और उनके अनुसार ये पहली दफा नहीं है जब स्कूल में उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया हो। बीते समय मे भी कई बार अनीता की टीचर ने पूरी क्लास में उलटा-सीधा बोला था। वो कभी कपड़ों पर बोलती थी तो कभी उसकी चाल-ढाल पर।

सुधा के मुताबिक उनकी बेटी को उनकी जाति की वजह से निशाना बनाया गया। वह लोग माला समुदाय के हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षिका का इस तरह से बच्ची के साथ बर्ताव और बीते समय में हुई घटनाएँ कि ये बताती है कि सबकुछ जानबूझकर हुआ। ऐसे में ये मानना भी जायज है कि उसके रंग और जाति की वजह से किया गया। सुधा कहती हैं कि ऐसे बर्ताव का असर उनकी बेटी पर आजीवन रह जाएगा। वो लोग हैरान हैं और शर्मसार भी कि उन्होंने पहले की घटनाओं को जाने दिया। 

वह कहती हैं, “ये शर्मनाक माहौल है जिसे सेंट एंड्रियूज स्कूल ने तैयार किया है। यहाँ बच्चों को बराबर नहीं देखा जाता और उन्हें जीवन भर ट्रॉमा से गुजरने के लिए ढकेला जाता है।” वह बताती है कि उनकी बेटी को एक बार छोटे कपड़े पहनने पर सुनाया गया था जबकि बाकी बच्चे भी वैसे कपड़े पहनके आए थे। वह कहती हैं कि हमेशा अनीता की हर बात के लिए आलोचना हुई। चाहे बात कपड़ों की हो, हेयरस्टाइल की हो या फिर ऑनलाइन क्लास के दौरान नेटवर्क फेल होने के कारण ऑफलाइन होने की। हर बार टीजर ने अनीता को कोसा।

लड़की की माँ कहती हैं कि जब उन्होंने इस संबंध में स्कूल प्रिंसिपल से शिकायत करनी चाही तो उन्हें कहा गया कि वो झूठ बोल रही है और ऐसी कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बेटी पिछले साल कॉपी करते पकड़ी गई थी। सुधा का कहना है कि अगर ऐसा कुछ हुआ भी था तो उन्हें इस बारे में क्यों कुछ नहीं बताया गया। लेकिन इसके बदले उन्हें कोई जवाब नहीं मिला बल्कि उनकी बेटी पर इल्जाम लगते रहे।

सुधा अब बस स्कूल से टीचर के ख़िलाफ़ जाँच चाहती हैं और बेटी को गाली देने और उसको प्रताड़ित करने के लिए  कार्रवाई चाहती हैं। मगर स्कूल लगातार ऐसे किसी भी घटना से मना कर रहा है। प्रिंसिपल पदमाल्या सरमा का कहना है कि उनके स्कूल की जाँच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया। वह कहती हैं कि उन्होंने तो टीचर को बच्ची की तारीफ करते देखा है। वह नहीं मानती कि उनके स्कूल में जाति-पाति से जुड़ी कोई बात हो सकती है। खुद को आर्मी ऑफिसर की पत्नी बताते हुए वह कहती हैं कि वो बच्चों के प्रति प्रोटेक्टिव हैं।

अब पुलिस इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के जरिए छानबीन कर रही है। वहीं अन्य सबूतों पर भी गौर किया जा रहा है। मल्काज़गिरी के डीसीपी रक्षिता के मूर्ति कहते हैं, “मामला अभी जाँच के दायरे में। घटना संबंधी सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।”

बता दें कि इस घटना के बाद अनीता ने 20 अक्टूबर से स्कूल जाना बंद कर दिया है। वो अकेले ऑनलाइन क्लास ले रही है। उसे डर है कि कहीं इस घटना की वजह से उसे स्कूल में किसी से कुछ सुनना न पड़े। कहीं टीचर उससे नाराज न हों या कहीं बच्चे उसका मजाक न उड़ाएँ। वहीं लड़की के घरवालों का पूछना है कि अगर अनीता का रूटीम चेकअप ही किया गया तो फिर उसे बाथरूम में ले जाने की क्या जरूरत थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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