भगोड़े शराब व्यवसायी विजय माल्या को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में उसने ब्रिटेन से विजय माल्या को अपने यहॉं शरण नहीं देने की अपील की है। भारत सरकार ने ब्रिटेन से कहा है कि यदि इस संबंध में वह अपील करे तो उसे ठुकरा दें। माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव लगातार ब्रिटेन के संपर्क में बने हुए हैं।
विदेश मंत्रायल के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि विजय माल्या के जल्द प्रत्यर्पण के लिए हम ब्रिटेन के अधिकारियों के संपर्क में हैं। हमने ब्रिटेन के पक्ष से भी अनुरोध किया है कि यदि माल्या की ओर से शरण की अवधि बढ़ाने को लेकर कोई अर्जी उनके पास आती है तो वह उस पर विचार न करें।
खबरों के मुताबिक विजय माल्या ने ब्रिटेन से इस आधार पर शरण माँगी है कि अगर उसे भारत में प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसे यातनाएँ दी जाएगी। इस मामले के बारे में जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ब्रिटेन के पक्ष ने 4 जून को ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता द्वारा दिए गए बयान से अलग माल्या के मामले में कोई और टिप्पणी नहीं की थी और यह लंबे समय से चली आ रही नीति के तहत है।
दरअसल एक हफ्ते पहले ब्रिटेन ने कहा था कि एक गोपनीय कानूनी पेंच के चलते माल्या का प्रत्यर्पण अटका हुआ है, लेकिन वह जल्द से जल्द इस मामले को निपटाने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद ही ब्रिटेन के रुख ने नई अटकलों को जन्म दिया कि भारत में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहा 64 वर्षीय व्यवसायी विजय माल्या ब्रिटेन में शरण के लिए आवेदन कर सकता है।
आपको बता दें कि इससे पहले भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ विजय माल्या की अपील को हाईकोर्ट ने खारिज़ कर दिया था। माना जा रहा है कि इससे अब विजय माल्या के पास प्रत्यर्पण से बचने के लिए कोई कानूनी विकल्प नहीं बचेगा।
लंदन हाईकोर्ट ने 20 अप्रैल को फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि विजय माल्या ने भारतीय बैंकों को धोखा दिया है और उसे प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए। उस वक्त माल्या ने लोअर कोर्ट वेस्टमिनस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के प्रत्यर्पण के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वहाँ भी उसे झटका लगा था।
गौरतलब है कि 64 वर्षीय विजय माल्या पर भारत के कई बैंकों के साथ 11 हज़ार करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है। माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर लंदन चला गया था।