हाथरस केस में ऑपइंडिया ने शुक्रवार (अक्टूबर 2, 2020) को कुछ लीक ऑडियो पर रिपोर्ट की थी। इसमें से एक ऑडियो में इंडिया टुडे की पत्रकार तनुश्री पांडेय मृतका के भाई संदीप से बातचीत कर रही थीं। इसमें संदीप से तनुश्री ऐसा स्टेटमेंट देने के लिए बोल रही थीं, जिसमें मृतका के पिता आरोप लगाए कि उनके ऊपर प्रशासन की ओर से बहुत दबाव था।
ऑपइंडिया द्वारा इसे उजागर किए जाने के एक दिन बाद इंडिया टुडे ने यू-टर्न ले लिया है। अब, इंडिया टुडे ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि हाथरस मामले का एक आरोपित रामू, घटना के दौरान गाँव में मौजूद नहीं था।
इंडिया टुडे के हिंदी चैनल ‘आज तक’ के रिपोर्टर ने अपनी रिपोर्ट में हाथरस केस में बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि आरोपित रामू घटना के समय गाँव में नहीं था! जिस डेयरी प्लांट में वो नौकरी करता था उसके मालिक ने बताया कि घटना के वक्त रामू प्लांट पर काम कर रहा था, उसे 25 से भी ज़्यादा लोगों ने प्लांट पर देखा था।
#Hathras कांड में बड़ा खुलासा, आरोपी रामू घटना के समय गांव में नहीं था! जिस डेयरी प्लांट में वो नौकरी करता था उसके मालिक ने बताया कि घटना के वक्त रामू प्लांट पर काम कर रहा था, उसे 25 से भी ज़्यादा लोगों ने प्लांट पर देखा था।#ReporterDiary @abhishekanandjihttps://t.co/mf6keLW7vJ pic.twitter.com/smZdLyJ6rH
— AajTak (@aajtak) October 3, 2020
डेयरी प्लांट के मालिक का कहना है कि रामू फैक्ट्री में काम कर रहा था और उस गाँव में मौजूद भी नहीं था जहाँ यह घटना घटी। रामू के बारे में पूछे जाने पर प्लांट के मालिक का कहना है कि रामू को सुनने में थोड़ी कठिनाई है, मगर वह सीधा आदमी है।
Zee News के अनुसार, कारखाने के शिफ्ट मैनेजर मधुसूदन ने कारखाने के इंटर्नल व्हाट्सएप ग्रुप में उस दिन की रामू की तस्वीर भी दिखाई। बता दें कि रामकुमार (रामू) मुख्य आरोपित संदीप का चाचा है।
ज़ी न्यूज़ ने बताया है कि शिफ्ट मैनेजर के अनुसार, रामू की उपस्थिति 14 और 15 सितंबर, दोनों दिन के लिए उपस्थिति कैलेंडर में अंकित है, जो यह साबित करता है कि हाथरस में अपराध के दौरान वह उपस्थित नहीं हो सकता।
रामू के पिता राकेश ने कहा कि उनका बेटा किसी भी कथित बलात्कार या सामूहिक बलात्कार में शामिल नहीं था। एक ही परिवार का होने के कारण उन्हें मामले में फँसाया गया है। हाथरस पीड़िता को अपनी बेटी बताते हुए, राकेश ने ज़ी न्यूज़ से कहा कि अगर उनका बेटा सामूहिक बलात्कार का दोषी है, तो उस पर कोई मुक़दमा चलाने के बजाय गोली मारकर उसकी हत्या कर दी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि वह रामू को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर उसके बेटे के खिलाफ सामूहिक बलात्कार के आरोप साबित होते हैं, तो उसे मार दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा, रामू के पिता राकेश कुमार का यह भी कहना है कि रामू को पहले हिरासत में लिया गया था और फिर रिहा कर दिया गया था। हालाँकि, केवल कुछ दिनों बाद जब बलात्कार के आरोप जोड़े गए, तो उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। राकेश कुमार ने एसआईटी पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी।
इंडिया टुडे का यू-टर्न एक दिलचस्प मोड़ लाता है। 24 घंटे भी नहीं हुए, जब ऑडियो क्लिप लीक होने के बाद उनके रिपोर्टर को पीड़ित के परिवार पर दबाव डालते हुए उजागर किया गया था। इंडिया टुडे के मामले में यह घटनाक्रम दिलचस्प है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से इंडिया टुडे को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि उन्होंने इस घटना के बारे में जो नैरेटिव सेट किया है और जिस पर कॉन्ग्रेस द्वारा घेराव किया जा रहा है, वह पूरी तरह सच है। हालाँकि, यह इंडिया टुडे और मीडिया रिपोर्टिंग के बारे में कई सवाल उठाता है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस के अनुसार मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। अब इंडिया टुडे के हिंदी चैनल द्वारा किए गए दावे कि एक आरोपित गाँव में मौजूद नहीं था से यह सवाल फिर से खड़ा होता है कि वास्तव में हाथरस में क्या हुआ था।
लीक ऑडियो से इंडिया टुडे और कॉन्ग्रेस कठघरे में
गौरतलब है कि इंडिया टुडे की पत्रकार और मृतका के भाई संदीप की फोन पर बातचीत वायरल हुई। इस ऑडियो को ऑपइंडिया ने भी एक्सेस किया। इसमें सुना जा रहा है कि इंडिया टुडे पत्रकार तनुश्री मृतका के भाई संदीप को ऐसा स्टेटमेंट देने के लिए बोल रही हैं, जिसमें लड़की के पिता आरोप लगाए कि उनके ऊपर प्रशासन की ओर से बहुत दबाव था।
बातचीत को सुनकर यह साफ पता चलता था कि तनुश्री पीड़िता के भाई से एक निश्चित बयान दिलवाने का प्रयास कर रही हैं और संदीप की दबी आवाज सुनकर लग रहा है जैसे वह ऐसा नहीं करना चाहते। संदीप इस ऑडियो में पहले दबाव की बात कहते हैं। मगर बाद में कहते हैं कि उनके पिता इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि उन पर दबाव बनाया गया या नहीं।
इस बातचीत का मकसद सिर्फ़ मृतका के पिता का वीडियो निकलवाना था, जिसमें पिता किसी भी तरह बस यही बोल दें कि उनपर दबाव बनवाकर बयान दिलवाया गया कि वह संतुष्ट हैं।
तनुश्री को ऑडियो में कहते सुना जा सकता है, “संदीप, प्लीज मेरे लिए एक चीज कर दो। मैं तुमसे वादा करती हूँ कि जब तक तुम्हारे परिवार को इंसाफ नहीं मिल जाता मैं यहाँ से हिलूँगी भी नहीं… संदीप एक वीडियो अपने पिता की बनाओ जिसमें वो कहें- हाँ, मुझ पर ऐसा बयान जारी करने का बहुत प्रेशर था कि मैं संतुष्ट हूँ। मैं जाँच चाहता हूँ क्योंकि हमारी बेटी मरी है और हमें न उसे देखने का मौका मिला और न उसके अंतिम संस्कार का।”
वह आगे कहती हैं, ”सिर्फ 5 मिनट लगेंगे। जल्दी से वीडियो बनाओ और सिर्फ़ मुझे भेज दो।” इस बातचीत में तनुश्री बार-बार संदीप को एसआईटी के ख़िलाफ़ भड़काती है। मगर, लड़की का भाई कहता है कि जाँच टीम सिर्फ़ उसे जरूरी सवाल कर रही थी और फिर वह चली गई।
बता दें कि इसके बाद और ऑडियो सामने आए थे। इनमें से एक में में एक अज्ञात व्यक्ति संदीप से बात कर रहा है। वह उससे कहता है, “अगर कोई भी तुम्हें कहीं भी लेकर जाता है, तो तुम्हें कहीं नहीं जाना है, अब प्रियंका गाँधी घर आएँगी। कोई कहता है कि तुम्हें हाथरस जाना है, यहाँ जाना है-वहाँ जाना है, तुम्हें कहीं नहीं जाना है। उन्हें (प्रियंका गाँधी को) बताना है- पुलिस प्रशासन दबाव बना रहा है। मीडिया को आने नहीं दे रहा। रिश्तेदारों को आने नहीं दे रहा । कहना है ये हमारे प्रोटेक्शन में लगा रखे हैं या ठाकुरों के प्रोटेक्शन में। ठीक है, ये सब उनको बताना है।”