केंद्र सरकार (Central Government) ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फेक न्यूज फैलाने के आरोप में 16 यूट्यूब चैनलों (YouTube Channel Banned) पर प्रतिबंध लगा दिया है। बैन किए गए चैनलों में 6 पाकिस्तानी थे और बाकी के 10 भारत के ही हैं। सरकार का कहना है कि ये यूट्यूब चैनल भारत में दहशत पैदा करने, सांप्रदायिक विद्वेश फैलाने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए फेक न्यूज फैला रहे थे। इन्हें भारत में 68 करोड़ से अधिक लोग देखते हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि इन यूट्यूब चैनलों के द्वारा प्रकाशित किए गए कंटेंट में एक समुदाय को आतंकवादी के तौर पर दिखाया गया है। इसके अलावा ये धार्मिक समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा दे रहे थे। इसके जरिए सरकारी व्यवस्था और साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ा गया। इतना ही नहीं, कोरोना लॉकडाउन को लेकर भी इन यूट्यूब चैनलों ने खूब फेक न्यूज फैलाई, जिससे प्रवासी मजदूरों के लिए खतरा पैदा हुआ।
सरकार का इस मामले में कहा है कि जिन यूट्यूब चैनलों को बैन किया है इन सभी ने इंडियन आर्मी, रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति और जम्मू-कश्मीर जैसे मामलों पर झूठी खबरें चलाई, जिससे देश की संप्रभुता को चोट पहुँचाने का प्रयास किया गया। इससे पहले 23 अप्रैल 2022 को भारत सरकार ने एक एडवायजरी जारी कर इन यूट्यूब चैनलों को झूठे दावे करने से बचने को आगाह किया था।
इससे पहले भी बैन किए जा चुके हैं यूट्यूब चैनल
गौरतलब है कि इससे पहले इसी महीने 5 अप्रैल, 2022 को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के आरोप में 22 YouTube चैनलों और कुछ सोशल मीडिया हैंडल को ब्लॉक कर दिया था। इन सभी पर आईटी एक्ट-2021 के तहत कार्रवाई की गई थी।
इसके अलावा 1 फेसबुक अकाउंट, 3 ट्विटर अकाउंट और 1 वेबसाइट को ब्लॉक करने के संबंध में एक नोटिस जारी किया गया था, जो लगातार भारत के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने में लगे हुए थे। इन चैनलों की व्यूअरशिप 260 करोड़ थी।