मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक मुस्लिम महिला ने अपने पूर्व शौहर की प्रताड़ना से तंग आकर अपने दो बच्चों के साथ हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया। इस बदलाव के साथ ही महिला का नाम मेहनाज बी से मीनाक्षी रखा गया है और उनके दोनों बेटों के नाम लव और कुश रखे गए हैं। उन्होंने यह कदम सनातन परंपरा में महिलाओं के प्रति सम्मान और आदर देखकर उठाया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदसौर जिले के धमानर गाँव की रहने वाली 30 वर्षीय मेहनाज बी ने बुधवार (4 सितंबर 2024) को अपने दो बेटों के साथ गायत्री मंदिर में शुद्धिकरण प्रक्रिया के तहत हिंदू धर्म अपनाया। शुद्धिकरण के बाद उनका नाम मीनाक्षी और बच्चों के नाम लव और कुश रखे गए।
मीनाक्षी ने बताया कि उसने अपने शौहर इरफान खान के साथ 15 साल पहले निकाह किया था। शुरूआत में सब कुछ ठीक था, लेकिन धीरे-धीरे शौहर और सास-ससुर का व्यवहार बदल गया। वे छोटी-छोटी बातों पर मारपीट करने लगे और उसके साथ अपशब्द कहने लगे। परिवार की स्थिति इतनी दयनीय हो गई कि उसके अब्बू अब्दुल रशीद ने इसे पारिवारिक मामला बताते हुए हस्तक्षेप नहीं किया।
सनातन में महिलाओं का सम्मान
मीनाक्षी ने बताया कि उसने यूट्यूब और अन्य माध्यमों से देखा कि हिंदू धर्म में महिलाओं को सम्मान और इज्जत दी जाती है। यह बात उसे बहुत प्रभावित कर गई। हिंदू धर्म में महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी भूमिका को देखकर उसने हिंदू संगठन के लोगों से संपर्क किया और धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की।
गायत्री मंदिर में हुए विधिपूर्वक घर वापसी समारोह में करीब डेढ़ घंटे तक मंत्रोचार किया गया। इस दौरान मीनाक्षी और उनके दोनों बेटों को दूध, दही, शहद, गंगाजल, गौमूत्र और गोबर से स्नान करवाया गया। पूजा और आरती के बाद मीनाक्षी और उनके दोनों बेटे लव और कुश ने सनातन धर्म अपनाया।
मीनाक्षी ने बताया कि निकाह के बाद उसके जीवन में जो कठिनाइयाँ आईं, वे अब समाप्त हो गई हैं। अब वह अपने नए जीवन में संतुष्ट और खुशहाल महसूस कर रही हैं। उन्होंने आशा जताई है कि उनके धर्म परिवर्तन की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और वे भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकेंगे। मीनाक्षी ने बताया, “उसका खुद के घर में बहुत अपमान होता था, उन्हें और उनके बच्चों को इज्जत नहीं मिलती थी। उन्हें हर तरह से प्रताड़ित किया जाता था। इस मामले में उसके मायके पक्ष के लोग भी खुलकर साथ नहीं दे पाए, लिहाजा उसने नई दुनिया बसाने के सोची और हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया।”
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी चैतन्य सिंह राजपूत ने बताया कि मेहनाज ने करीब दो से तीन माह पहले घर वापसी के लिए संपर्क किया था। सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर गायत्री परिवार मंदिर में घर वापसी का आयोजन किया गया। अब मीनाक्षी और उनके दोनों बेटे लव और कुश बहुत खुश हैं। राजपूत ने बताया कि वे अब तक 40 महिलाओं, 5 पुरुष और 2 बच्चों की पूरी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए घर वापसी करवा चुके हैं, और सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
हिंदू युवा वाहिनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि धर्म परिवर्तन की इस प्रक्रिया ने उन लोगों को नया जीवन देने में मदद की है जो अपने पूर्व जीवन से दुखी थे। अब वे एक नई शुरुआत के साथ एक बेहतर जीवन जी रहे हैं।