Sunday, November 3, 2024
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72 बैंक अकाउंट, दुनिया भर से आ रहे थे पैसे, UP में खुल रहे थे ‘यीशु दरबार’: नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से भी जुड़े ईसाइयत की प्रचार के तार

फतेहपुर स्थित एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के बोर्ड मेंबर डॉ आईज़क फ्रेंक ने केस की जाँच कर रहे इंस्पेक्टर अमित मिश्रा के आगे अपने बयान दर्ज करवाए हैं।

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में ईसाई धर्मांतरण के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। बताया जा रहा है कि धर्म-परिवर्तन के लिए न सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा बल्कि पाकिस्तान से भी पैसे भेजे गए हैं। इन पैसों से न सिर्फ जिले और प्रदेश बल्कि देश के कई हिस्सों में ‘येशु दरबार’ खोले गए हैं। पुलिस ने अब तक 72 बैंक खातों का भी पता लगाया है जिसमें पैसे भेजे जा रहे थे। इस नेटवर्क के तार प्रयागराज के नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से जुड़े पाए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘नैनी एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी’ के बोर्ड मेंबर डॉ आईज़क फ्रेंक ने केस की जाँच कर रहे इंस्पेक्टर अमित मिश्रा के आगे अपने बयान दर्ज करवाए हैं। उन्होंने कबूल किया है कि यूनिवर्सिटी के कुलपति, उप कुलपति के साथ मैनेजिंग डॉयरेक्टर ने भी ईसाईयत के प्रचार के लिए विदेशों से पैसे मँगवाए हैं। इन सभी को अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और पाकिस्तान से अब तक 60 करोड़ रुपए से ज्यादा फंडिंग की जानकारी सामने आई है।

दरअसल, इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब 15 अप्रैल, 2022 को फतेहपुर के हरिहरगंज इवेंजलिकल चर्च में एक सामूहिक धर्मांतरण के बारे में पता चला था। इस मामले में कुल 56 लोगों पर FIR दर्ज हुई थी। बाद में इसकी जाँच उत्तर प्रदेश की ATS को मिली थी, जिसने अपनी जाँच में पाया कि धर्मांतरण के तार प्रयागराज नैनी सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एंड साइंस (शुआट्स) से जुड़े थे। जाँच में यूनिवर्सिटी के सीनियर लेवल के अधिकारी शामिल पाए गए थे।

पुलिस ने अपनी कार्रवाई को गति देते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति जॉटी आलिवर, उप कुलपति आरबी लाल और मैनेजिंग डायरेक्टर विनोद बी लाल सहित कुल 4 लोगो को नोटिस जारी किया था। इन सभी के बयान पुलिस को संतोषजनक नहीं लगे जिसके बाद चारों को धर्मांतरण के इस केस में आरोपित किया गया। इसी यूनिवर्सिटी के बोर्ड मेंबर डॉ आईज़क फ्रेंक स्वतंत्र गवाह बन गए। उन्होंने पुलिस के आगे अपने बयान दर्ज करवाए।

फ्रेंक ने पुलिस को बताया कि 5 साल पहले एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के निदेशक विलसन किसपोटा थे जिनके बैंक खाते में 24 करोड़ रुपए जमा थे। इस पैसे को वाइस चांसलर के साथ सोसाइटी के डायरेक्टर रंजन जान और स्टीफन दास ने धोखाधड़ी से हड़प लिया था। मामले की शिकायत तब पुलिस में हुई थी और तीनों आरोपित 31 अक्टूबर, 2018 को जेल भी गए थे। गवाह बने डॉ आईज़क फ्रेंक ने पुलिस को यह भी बताया कि अमेरिका से आए 5 लाख डॉलर से लखनऊ, मिर्जापुर, बंगलूर, रुड़की, अजमेर और इटावा में ‘येशु दरबार’ खोले गए थे।

पुलिस ने विदेशों से पैसे मँगाने वाले 72 बैंक खातों की जानकारी अब तक जुटा ली है। इसमें कनाडा के बिशप फिल की पत्नी डायना द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपए भेजा जाना पाया गया। इन पैसों से रायबरेली जिले में थिथियोलॉजी का एक संस्थान खोला गया। बताया जा रहा इस संस्थान का मकसद ईसाईयत का प्रचार-प्रसार था। इसके अलावा पाकिस्तान के सियालकोट से भी पैसे आने की जानकारी सामने आई है। विदेशी पैसे मँगाने के लिए IDBI बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक आदि के खातों का प्रयोग हुआ है।

जानकारी यह भी सामने आई है कि प्रयागराज की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में चंगाई सभाएँ भी आयोजित करवाई जाती रहीं हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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