पूर्व आईपीएस अधिकारी के विजय कुमार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में बतौर सलाहकार नियुक्त किया गया है। विजय कुमार को कई राज्यों की पुलिस की नाक में दम कर के रखने वाले खूँखार डाकू एवं तस्कर वीरप्पन को मार गिराने के लिए जाना जाता है। उन्हें गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 1 वर्ष का होगा। 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे विजय कुमार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जम्मू कश्मीर और वामपंथी आतंकवाद से पीड़ित राज्यों के मुद्दे पर सलाह देंगे। 67 वर्षीय कुमार की नियुक्ति को लेकर 3 दिसंबर को सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया।
के विजय कुमार इससे पहले कई बड़े पदों पर रह कर अपनी क्षमता का परिचय दे चुके हैं। उन्हें जम्मू कश्मीर मामलों का सलाहकार इसीलिए बनाया गया है क्योंकि वो पहले भी वहाँ के राज्यपाल के सलाहकार रह चुके हैं और उन्हें राज्य की स्थितियों का का अच्छा अनुभव है। वो सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं। उन्होंने हैदराबाद में स्थित नेशनल पुलिस अकादमी में बतौर डायरेक्टर काम किया है। वो 2012 में सीआरपीएफ के डीजी से रिटायर हुए थे।
के विजय कुमार को बहुचर्चित चन्दन तस्कर वीरप्पन को मार गिराने के लिए जाना जाता है। उन्होंने तमिलनाडु पुलिस की उस स्पेशल टास्क फ़ोर्स का नेतृत्व किया था, जिसने सालों तक कई राज्यों की पुलिस को छकाने वाले वीरप्पन को 2004 में मार गिराया था। वीरप्पन जंगलों में छिपा रहता था और उसे पूरे जंगल की एक-एक जगह की जानकारी रहती थी। इस कारण उसे पकड़ने के लिए पुलिस जब भी जंगलों में जाती तो पुलिस फ़ोर्स को भारी क्षति होती थी। इसके बाद पुलिस ने किसी तरह वीरप्पन को जंगल से बाहर निकालने की योजना बनाई थी।
के विजय कुमार के बारे में एक और जानने लायक बात ये है कि वीरप्पन के ख़ात्मे के बाद एक मंदिर में उन्होंने अपना मुंडन करवाया था। ‘ऑपरेशन कोकून’ के नायक विजय कुमार ने सत्यमंगलम में स्थित बन्नारी अम्मान मंदिर में अपने सिर का मुंडन करवाया था। उस मंदिर में जाकर बाल मुँड़वाने के लिए उन्होंने चेन्नई से 450 किलोमीटर का सफर चल कर तय किया था। 4 दशकों तक पुलिस का सिरदर्द बने वीरप्पन को मार गिराने के लिए पूरे देश में उनकी ख़ासी वाहवाही हुई थी।
Great. He was the man who gunned down the dreaded dacoit Veerappan.
— Vanara (@AgentSaffron) December 6, 2019
Post the encounter, he did a yatra to a temple and offered his hair as sacrifice. Seculars back then outraged over his display of religious beliefs. https://t.co/SSoxUHRnLk
वीरप्पन को पकड़ने के लिए 1992 में भी स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया था। कर्णाटक और तमिलनाडु की सरकारों ने एसटीएफ का गठन किया था। वीरप्पन के आपराधिक कारनामों का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने कन्नड़ सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार कहे जाने वाले वरिष्ठ अभिनेता डॉक्टर राजकुमार का अपहरण कर लिया था। इससे तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच तनाव व्याप्त हो गया था और पूरे कर्नाटक में हिंसा भड़क गई थी। उसने कर्नाटक के मंत्री नागप्पा का भी अपहरण किया था। आख़िरकार वीरप्पन को 2004 में विजय कुमार ने नेतृत्व वाली एसटीएफ ने मार गिराया।
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