UP के आगरा में इकरार नाम के व्यक्ति पर 18 जून, 2022 को एक हिन्दू लड़की से हिन्दू नाम से एक लड़की से शादी करने और 9 साल तक गुमराह करने का आरोप लगा था। इकरार पर अप्राकृतिक सेक्स, मारने-पीटने, धोखाधड़ी करने, सामान हड़पने, साजिश रचने, धमकी देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के भी आरोप हैं। पुलिस ने इकरार को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया है। इकरार के साथ उसके जीजा, भाई और अब्बा भी इस केस में नामजद हैं ,जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
पीड़िता का नाम रचना सोलंकी है। उनकी शादी आगरा के जगदीशपुरा थानाक्षेत्र में 30 जनवरी, 2013 को हिन्दू विधि-विधान से अमित बने इकरार से हुई थी। पुलिस को दी गई शिकायत में रचना ने बताया, “अमित ने अपने पिता का नाम सुकराम और खुद को मथुरा के फराह थाना क्षेत्र का निवासी बता कर मुझ से आगरा में शादी की थी। शादी के बाद मैंने 2 बेटों को जन्म दिया। बेटों के जन्म के बाद अमित मुझसे बुरा बर्ताव करने लगा और मुझे मांस खिलाने की कोशिश करने लगा। 2019 के नवरात्रि में उसने मेरी दुर्गा सप्तशती की किताब को फाड़ दिया था।”
शिकायत में रचना ने आगे कहा, “जनवरी 2020 में मेरे घर पर कुछ मुस्लिम आए और उन्होंने मेरे दोनों बच्चों का खतना करने का प्रयास किया। मैंने रोका तब अमित ने मुझ से कहा कि मैं पक्का मुसलमान हूँ। उसने खुद को इकरार और अपने अब्बा का नाम इकराम बताया। इस्लाम न कबूलने पर मुझे और मेरे बेटों को काट कर सूटकेस में भर के फेंक देने की धमकी दी गई। मोहल्ले वालों के जुटने पर वो सभी लोग भाग गए।” रचना ने इकरार पर अपने साथ कई बार अप्राकृतिक दुराचार, जान से मारने के प्रयास और जेवर आदि हड़पने का भी आरोप लगाया।
आगरा पुलिस ने रचना की शिकायत पर FIR में अमित बने इकरार कुरैशी, उसके अब्बा इकराम कुरैशी और इकरार के जीजा इकराम को नामजद किया है। आरोपितों पर IPC की धारा 498- A, 420, 406, 504, 506, 295-A, 120- B, 323 और 377 के तहत कार्रवाई की गई है। अब तक अमित बने इकरार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बाकि अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
कॉलेज के फॉर्म से निकाला था नंबर
ऑपइंडिया ने पीड़िता रचना से घटना की जानकारी ली। रचना ने बताया, “मैं हिन्दुओं में जाट समुदाय से हूँ। मेरे पापा एक फैक्ट्री में ठेकेदारी करते हैं। साल 2013 में पहली बार मेरे घर के मोबाइल पर इकरार की कॉल आई थी। उसने मेरा नंबर मेरे कॉलेज के भरे फॉर्म से लिया था। वो मेरे साथ ही पढ़ता था। फोन रॉन्ग नंबर बता कर किया गया था। इस दौरान उसने खुद को मेरे ही जाट समुदाय के अमित के रूप में बताया।”
खुद को अनाथ बता कर घर वालों को किया इमोशनल
रचना ने बताया, “अमित बने इकरार से मेरी बातचीत होने लगी। बाद में हमारी मुलाकातें होने लगीं। शादी के लिए मेरा हाथ माँगने वो किसी अनजान आदमी को ले कर मेरे घर आया। उसने खुद को अनाथ बताया और मेरे पिता को इमोशनल कर दिया। बाद में हमारी शादी हो गई। तब इकरार आगरा की किसी कॉस्मैटिक्स कम्पनी में सेल्समैन था। उसके अब्बू मथुरा में कबाड़ी हैं।”
2 बच्चे होने तक हिन्दू होने का चला नाटक
रचना ने आगे बताया, “शादी के लगभग 3 साल तक इकरार ने कभी जाहिर नहीं होने दिया कि वो मुस्लिम है। तो तिलक लगाता रहा और मंदिर में दर्शन करने जाता रहा। वो खुद को हनुमान जी का भक्त बताता था और अक्सर साईं मंदिर भी जाता था। हालाँकि मैं जब भी उस से उसके गाँव चलने के लिए कहती थी तब वो खुद को अनाथ बताते हुए गाँव से अपना वास्ता खत्म होने का झूठ बोलता था।”
प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना जगदीशपुरा पुलिस टीम द्वारा अभियोग पंजीकृत किया गया है एवं अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
— AGRA POLICE (@agrapolice) June 21, 2022
खतने को बताया बचपन की बीमारी
रचना के मुताबिक, “जब मैंने इकरार से उसके खतने के बारे में सवाल किया तब उसने खुद को बचपन में हुई बीमारी के चलते ऐसा होना बताया। उसने अपने कुछ अन्य हिन्दू दोस्तों के नाम भी बताए जिनका किसी बीमारी के चलते वो हिस्सा काटा गया था। इसके चलते मैं उसके झूठ के जाल में फँसी रही।”
पहली बार अजान के दौरान दुपट्टा सिर पर रखने को कहा
रचना ने आगे कहा, “साल 2016 से इकरार मुझ से इस्लाम की अच्छाइयों पर बहस करने लगा था। मैंने खुद को हिन्दू बताते हुए उसकी बात पर गौर नहीं किया व उसे भी ये सब बातें न करने को कहा। कुछ दिन बाद अचानक एक दिन अजान की आवाज पर उसने मुझे दुपट्टा सिर पर रखने को कहा। मुझे तभी शक हुआ लेकिन मैंने ऐसा करने से मना कर दिया। इस बात पर उसने मुझे किसी और बहाने से खूब मारा। बाद में मुझे उसके असली आधार कार्ड की फोटो कॉपी भी मिली थी जिसकी सफाई उसने अपने रिश्तेदारों से दिलवाई। आखिरकार सब खुद कर सामने आ गए थे और उन सभी ने मुझे और मेरे बेटों को इस्लाम कबूलने के लिए कहा।”
अब अपने मायके वालों का सहारा
रचना के मुताबिक उनके साथ बहुत गलत हुआ। उन्होंने कहा, “अब मुझे मेरे मम्मी-पापा का ही सहारा है। मैं अपना खर्च उठाने के लिए बच्चों को पढ़ाती हूँ लेकिन फिर भी मायके वाले मेरी मदद करते हैं। जिस मकान में इकरार मुझे अमित बन कर लाया था मैं अभी भी उसी मकान में रहती हूँ। इस मकान के मालिक से भी इकरार ने झूठ बोल कर खुद को अमित बताया था। आगरा पुलिस के सभी स्टाफ ने मेरी काफी मदद की है।”