उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक किशोरी को सिर से लेकर पाँव तक अगरबत्ती से दाग दिया गया। कई दिनों तक उसकी बेल्ट से पिटाई की गई। बाद में गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस पूरे कृत्य को झाड़ फूँक के नाम पर इश्तियाक ने अंजाम दिया। उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। लेकिन मुख्यधारा की मीडिया ने अपनी रिपोर्टों में उसे ‘तांत्रिक’ बताकर पाठकों को गुमराह करने की कोशिश की। इतना ही नहीं इन रिपोर्टों में मजार को ‘देवस्थल’ भी बताया।
ये पूरा मामला रामकोट थाना क्षेत्र के साहबगंज स्थित मजार का है। इस मामले में पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर आरोपित इश्तियाक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक महोली कोतवाली क्षेत्र के एक गाँव की रहने वाली किशोरी अपनी मौसी के घर मिश्रिख कोतवाली क्षेत्र में घूमने गई थी। इस दौरान किशोरी बीमार हो गई और उसके पेट में दर्द होने लगा। इसके बाद परिवार वाले उसे रामकोट थाना क्षेत्र के साहब गंज में स्थित एक मजार पर ले गए।
मजार पर बैठे इश्तियाक के द्वारा बताया गया कि किशोरी के ऊपर 11 भूतों ने कब्जा कर रखा है, जिसके बाद उसने किशोरी को 6 दिन रोकेने की परिजनों से बात कही। परिजन इस बात को मान गए और किशोरी को मजार पर ही छोड़ दिया। फिर इश्तियाक ने अपना घिनौना खेल शुरू किया और उसके शरीर को अगरबत्ती जलाकर जगह-जगह पर दाग दिया।
जब इश्तियाक का इससे भी मन नहीं भरा तो उसने बेल्ट से किशोरी की जमकर पिटाई की। गाँव के लोग बताते हैं कि किशोरी के साथ हो रही इस क्रूरता को देख वे भी सहम गए। फिलहाल पुलिस ने आरोपित इश्तियाक पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि मीडिया अक्सर मौलवियों को और फकीरों को ‘बाबा’ या ‘तांत्रिक’ लिख कर चलाता है, जिससे ऐसा लगता है जैसे आरोपित कोई हिन्दू साधु-संत ही हो। साथ ही फकीरों के झाड़-फूँक को भी ‘तंत्र-मंत्र’ लिख कर चलाता है। तांत्रिक शब्द से ऐसा प्रतीत होता है जैसे रेप का प्रयास करने वाला हिंदू हो, इसलिए मीडिया भी फकीरों और मौलवियों के पकड़े जाने पर भी ‘धर्मगुरु’ और ‘तांत्रिक’ शब्द का धड़ल्ले से इस्तेमाल तो करता ही है, उसकी असली पहचान छिपाने के लिए खबर की हेडिंग से भी खेलता है।
इससे पहले भी NDTV से लेकर कई मीडिया संस्थान भ्रामक हेडिंग्स के जरिए हिन्दुओं को बदनाम करते रहे हैं। मीडिया इससे पहले भी इस तरह का खेल कर चुका है। इसी तरह निकाह-हलाला के नाम पर एक युवती का बलात्कार करने वाले आरोपित अनवर खान का नाम NDTV ने उसे ‘बाबा’ कह कर छिपाया था, जैसे वो कोई हिन्दू साधु हो। इसी तरह एक अन्य बलात्कारी के मामले में नई दुनिया समेत कई मीडिया पोर्ट्ल्स ने इस खबर को प्रकाशित किया था और हेडलाइन में मुस्लिम इश्तियाक की जगह ‘तांत्रिक’ शब्द का प्रयोग किया था।
इसी तरह उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हर्ष विहार में एक मस्जिद में बलात्कार की घटना सामने आई थी। मस्जिद में पानी लेने गई 12 साल की लड़की का मौलवी इलियास ने रेप किया था। ‘दैनिक भास्कर’ ने लिखा था– ‘धार्मिक स्थल पर हुई वारदात। जब किसी छोटे से छोटे मामले में भी मंदिर की पहचान नहीं छिपाई जाती, तो फिर मस्जिद की पहचान छिपाने का क्या उद्देश्य था? कई अन्य मीडिया संस्थान ने भी ऐसा किया।