Saturday, November 2, 2024
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वो ISIS आतंकी जिसने की थी इंदिरा गाँधी से लव मैरिज, जिहाद के लिए दिया तलाक… क्योंकि वो हिंदू थी

आतंकी बनने के बाद मोइनुद्दीन ने कबाड़ बेचना बंद कर दिया। फिर उसने 2014 में कुछ दलितों को जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाया। उसके बाद ट्रेंनिंग कैंप खोल कर लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने लगा। इंस्पेक्टर विल्सन की हत्या भी...

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और सेंट्रल एजेंसियों ने दिल्ली से बीते दिनों जिन तीन ISIS आतंकियों को गिरफ्तार कर बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा किया, उनमें एक नाम खाजा मोइनुद्दीन का है। मोइनुद्दीन पेशे से कबाड़ी था। लेकिन आईएस से जुड़ने के बाद वो युवाओं को बरगलाकर अपने साथ शामिल करने लगा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोइनुद्दीन से पड़ताल के दौरान इस तथ्य के अलावा कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। बताया जा रहा है कि 10वीं तक पढ़ाई करने वाले खाजा ने शुरुआती दिनों में ‘इंदिरा गाँधी’ नामक हिंदू लड़की से लव मैरिज की थी। लेकिन, देखते ही देखते खाजा का आईएसआईएस की ओर झुकाव होने लगा और वो आतंक के रास्ते पर चलने लगा। मोइनुद्दीन ने ‘जिहाद’ का रास्ता अपनाते ही अपनी पत्नी को तलाक दिया। उसने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि वो हिंदू थी।

इसके बाद उसने साल 2014 में तमिलनाडु के कुड्डालूप में दलित समुदाय के लोगों को जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाया। फिर नेल्लीकप्पम इलाके में ट्रेंनिंग कैंप खोला और अपने साथ शामिल लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने लगा। साल 2014 में उसने हिंदू मुनानी नेता केपी सुरेश कुमार की हत्या कर दी। वो भी इसलिए क्योंकि हिंदू नेता ने इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद का मजाक उड़ाते हुए कमेंट किया था। साथ ही इस्लाम पर टिप्पणी की थी। इस बात से खाजा काफी गुस्से में आ गया था। फिर प्लानिंग के तहत उसने तीन लड़कों का पहले ब्रेनवॉश किया, उन्हें आतंकी बनाया, फिर केपी सुरेश की हत्या करवाई।

हालाँकि, हत्या का खुलासा होते ही पुलिस ने खाजा समेत सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन आतंकी मनसूबे के साथ खाजा ने जेल में भी जिहाद के लिए अपना काम करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है उसने जेल में ही आतंकी मॉडयूल तैयार कर लिया था। जिसके बाद साल 2015 में सलेम (Salem) जेल में जब वह बंद था, तो उसने जेलर पर हमला करवा दिया और जेलर को काफी देर तक बंधक बनाकर रखा।

इतना ही नहीं, कहा जा रहा है अपने शुरुआती दिनों में 10वीं पास करने के बाद खाजा ने कम्यूनिस्ट संगठन ज्वाइन किया था। और बाद में वह साउथ इंडिया के कट्टरपंथी संगठन एमएनपी में शामिल हो गया। एमएनपी के बारे में बता दें कि ये समूह बाद में पीएफआई में शामिल हो गया था। मोइनुद्दीन आईएस प्रभावित नौजवानों को अपने साथ जोड़ने के लिए भड़काऊ भाषण वाले वीडियो तैयार करता था और छोटे-छोटे आयोजन कर उनके संपर्क में रहता था। उसने तमिलनाडु में आईएस की कमान संभाल रखी थी। 

जानकारी के मुताबिक खाजा पर NIA समेत आईबी और सेंट्रल एजेंसियों की लगातार नजर बनी हुई थी। खाजा जेल से छूटने के बाद लगातार नया मॉड्यूल तैयार करने में जुटा था। लेकिन, विदेशी हैंडलरों के साथ। मगर, एजेंसियों ने कोई बड़ी घटना घटने से पहले इसके मनसूबों को ट्रैक कर लिया। इसके बाद खाजा फरार हो गया था और दिल्ली समेत कई राज्यों में आतंकी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। बाद में कुछ दिनों पहले इसके साथियों के साथ इसे दिल्ली से और एक को गुजरात से गिरफ्तार किया गया।

बता दें कि फिलहाल खाजा के 2 साथी कन्याकुमारी में इंस्पेक्टर विल्सन की हत्या करने के बाद से फरार हैं। जिनकी लगातार तलाश की जा रही है। खाजा पुलिस के सामने आसानी से जुबान नहीं खोल रहा है। जाँच एजेंसियों का दावा है कि आने वाले दिनों में कई बड़े एनजीओ जो आतंकी फंडिंग करते हैं और खाजा के नेटवर्क से जुड़े हैं, साथ ही कई आतंकी मॉडयूल का खुलासा होगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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