Saturday, November 16, 2024
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‘बाबरी मस्जिद दोबारा बनाएँगे’ से लेकर SC पर शक-आरोप… कट्टरपंथी इस्लामी ट्रेंड करा रहे #BabriYaadRahega

कट्टरपंथी इस्लामी ट्विटर पर #BabriYaadRahegi हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं और हिन्दुओं पर नफ़रत भरी टिप्पणियाँ कर रहे हैं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया ने विवादित ढाँचे की स्मृति में एक पोस्टर साझा किया, जिस पर...

बाबरी मस्जिद विध्वंस को आज 28 साल पूरे हो चुके हैं। 6 दिसंबर 1992 को लाखों कारसेवकों की भीड़ ने श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या स्थित विवादित ढाँचा गिरा दिया था। ऐसा विध्वंस जो सुनियोजित नहीं था, उसकी सालगिरह के मौके पर कट्टरपंथी इस्लामी ट्विटर पर #BabriYaadRahegi (बाबरी याद रहेगी) हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं और हिन्दुओं पर नफ़रत भरी टिप्पणियाँ कर रहे हैं।

कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) ने विवादित ढाँचे की स्मृति में एक पोस्टर साझा किया। इस पोस्टर में लिखा है, “एक दिन बाबरी का उदय ज़रूर होगा” और “हम इसे भूल नहीं सकते हैं।” इस पोस्टर को पीएफ़आई के तमाम समर्थक साझा कर रहे हैं और इसके साथ ही #BabriYaadRahegi हैशटैग का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।

इसके अलावा तमाम कट्टरपंथी इस्लामी भी इस तरह के नफ़रत भरे ट्वीट कर रहे हैं। सिराज अहमद नाम के ट्विटर यूज़र ने कारसेवकों को आतंकवादी कहा और आरोप लगाया कि भारतीय न्यायपालिका न्याय दिलाने में असफल रही है। 

वहीं कुछ ने इसे लोकतांत्रिक देश के लिए शर्म का विषय बताया और कहा कि वह अपने बच्चों को बताएँगे कि कैसे बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ। इसके अलावा कुछ का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण का आदेश अन्यायपूर्ण था। 

एक सोशल मीडिया यूज़र ने आरोप लगाया कि उद्देश्य राम जन्मभूमि पर ढाँचा गिराने का नहीं था बल्कि मस्जिद का विध्वंस करना था। जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय की एक छात्रा आफरीन फातिमा ने कहा, “बाबरी थी, बाबरी है, बाबरी रहेगी।”

जनवरी 2020 में आफरीन ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को गलत ठहराया था और सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में भाषण देते हुए अफज़ल गुरु को निर्दोष बताया था। आफरीन इन विरोध प्रदर्शन की वजह से फरवरी 2020 के दौरान हुए हिन्दू विरोधी दंगों का मुख्य चेहरा भी थी। 

9 नवंबर को सुनाया गया था ऐतिहासिक फैसला

9 नवंबर 2019 को विवादित ज़मीन हिन्दुओं को देते हुए रामलला विराजमान के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाए, जिसके बाद फरवरी 2020 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाया गया था। 5 अगस्त 2020 को श्रीराम जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तमाम नेताओं और संतों की मौजूदगी में भूमिपूजन कराया गया था। आगामी दो वर्षों में श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।     

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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