4 अप्रैल को राजस्थान के जैसलमेर, सरहद माड़वा में रेवत सिंह (रेवंत सिंह तवर/Rewat Singh Tawar) पुत्र गजेसिंह निवासी तंवरो की ढाणी, की कुछ स्थानीय मुस्लिम युवकों ने मॉब लिंचिंग की थी, जिसके बाद पाँच दिन तक कौमा में रहने के बाद अस्पताल में ही उनकी मृत्यु हो गई थी। इस संबंध में एक और आरोपित इक़बाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पाँच दिन तक कोमा में रहने के बाद रेवत सिंह (रेवंत सिंह) की इलाज के दौरान गत 9 अप्रैल को मौत होने पर यह प्रकरण हत्या में तब्दील होने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा व वृताधिकारी वृत पोखरण मोटाराम के निर्देशन में प्रकरण की जाँच पुलिस उप अधीक्षक महिला अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ मुकेश चावड़ा के हवाले कर प्रकरण में त्वरित जाँच करने के निर्देश जारी किया था।
इस मामले में गठित टीम की ओर से पहले में गिरफ्तार आरोपित दिलदार उर्फ दिलबर खां निवासी माड़वा से पूछताछ कर घटना में प्रयुक्त वाहन मोटर साइकिल जब्त कर ली गई थी। आरोपित इकबाल, पुत्र हाजी उमर खाँ निवासी माड़वा को मंगलवार (अप्रैल 14, 2020) को गिरफ्तार किया गया। अन्य दोषियों की जाँच और सम्बंधित पूछताछ अभी जारी है।
ज्ञात हो कि रेवत सिंह हत्या प्रकरण में पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग ने तत्कालीन थाना इंचार्ज शंकराराम को निलंबित कर दिया था। एसपी ने उन्हें लाइन हाजिर किया था। वहीं, एसपी ने आईपीसी की धारा 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास) को हटाकर 307 (हत्या का प्रयास) में मुकदमा दर्ज किया।
जाँच के दौरान वहाँ जोधपुर रेंज आईजी नवज्योति गोगोई भी पहुँचे और उन्होंने हत्याकांड प्रकरण पर जायजा लिया। मौके पर पुलिस थाना भणियाणा सांगसिंह गड़ी, जेसलमेर जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, विक्रमसिंह चम्पावत भणियाणा, मूलसिह राठौड़ माड़वा, आदि ने आईजी से मुलाकात की और उन्हें मृतक रेवंत सिंह हत्याकांड मामले में उचित जाँच करने की गुजारिश की।
उन्होंने पुलिस को पीड़ित परिवार की पूरी व्यथा स्पष्ट करते हुए बताया कि मृतक रेवत सिंह के पीछे उनके तीन बेटे और एक पुत्री है। आईजी ने वहाँ मौजूद हिंदूवादी दलों को यकीन दिलाते हुए कहा कि वो उनके परिवार के साथ हैं और निष्पक्ष जाँच का विश्वास दिलाया। उल्लेखनीय है कि मृतक रेवंत सिंह गरीब परिवार से थे और मारपीट की घटना के बाद उन्हें हिंदूवादी संगठनों ने ही रूपए इकट्ठे कर अस्पताल भर्ती किया था।
PM मोदी के कहने पर घंटी-थाली बजाने के कारण स्थानीय मुस्लिम युवकों ने की थी रेवंत सिंह की मॉब लिंचिंग
रेवंत सिंह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू के दिन घटनी-थाली बजाने की अपील पर घंटी और थाली बजाने से नाराज उनके पड़ोसियों ने बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया था।
जनता कर्फ्यू के दिन घंटी-थाली बजाने पर पड़ोस में ही रहने वाले 7-8 गुंडों ने घर जाकर उन्हें धमकाया। उनके साथ धक्का-मुक्की की। रेवंत सिंह को धमकी देते हुए कहा कि यहाँ किसी मोदी का नहीं, बल्कि उनका कानून चलता है। जैसा वो कहेंगे उन्हें मानना होगा।
रेवंत सिंह के भतीजे ने भणियाणा थाने में दिलदार खाँ पुत्र शहीद खाँ, फिरोज खाँ पुत्र शहीद खाँ और इकबाल पुत्र रहमतुल्ला खाँ के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज करवाया था। मारपीट की इस घटना में रेवंत सिंह बुरी तरह से घायल हो गए थे। 5 दिन तक कोमा में रहने के बाद बृहस्पतिवार (अप्रैल 09, 2020) को मौत हो गई थी। मारपीट की यह घटना 4 अप्रैल को माड़वा गाँव में हुई थी।