उन्नाव के बांगरमऊ में स्थित बोधेश्वर महादेव मंदिर में मुस्लिम युवक जावेद ने श्रद्धालुओं पर हमला करके उन्हें मारने की कोशिश की। जावेद ने इस दौरान हिन्दू श्रद्धालुओं को हत्या के इरादे से दौड़ा-दौड़ा कर डंडे से पीटा। हमलावर जावेद को स्थानीय लोगों ने मंदिर में तैनात पीएसी की सहायता पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया है।
जानकारी के अनुसार, उन्नाव के बांगरमऊ के पश्चिमी टोला में स्थित प्राचीन बोधेश्वर महादेव मंदिर में 29 सितम्बर को सुबह 10:30 बजे दरगाह क़स्बा निवासी जावेद लाठी लेकर घुसा और एकाएक हिन्दू श्रद्धालुओं की हत्या की नीयत से मारने लगा।
उसके इस हमले में 8 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक गंभीर है। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को लखनऊ भेजा गया है। घायल होने वाले कुछ लोगों के नाम कृष्ण कुमार तिवारी, मिलन सिंह और कैलाश सिंह हैं। जावेद के मंदिर में हमले का यह वीडियो मंदिर के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है।
Javed entered a mandir in unnao and suddenly attacked the devotees with lathi in a lonewolf type terror attack; Atleast 6 hindu devotees injured.
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 30, 2023
PAC posted there overpowered and arrested him. Investigation on. Seculars are saying he has a mental problem.pic.twitter.com/5Wo6Vr409m
घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि जावेद मंदिर में घुस कर पहले एक बूढ़े व्यक्ति पर हमला करता है और लाठी से उन पर वार करता है। इसके बाद वह एक अन्य व्यक्ति पर भी लाठी से वार करता है और उनके सर पर भी लाठी मारता है।
मंदिर में उपस्थित अन्य श्रद्धालुओं ने जावेद को पीएसी की सहायता से पकड़ कर पुलिस के हवाले किया है। उन्नाव पुलिस ने इस सम्बन्ध में युवक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है और उसके ऊपर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया है।
•मंदिर में व्यक्ति पर लाठी से हमला करने वाला अभियुक्त गिरफ्तार @Igrangelucknow #UPPolice #Unnao pic.twitter.com/0UlX2diHKn
— UNNAO POLICE (@unnaopolice) September 29, 2023
स्थानीय लोगों ने इस मामले में सड़क जाम करके विरोध प्रदर्शन किया और आरोपित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की माँग की है।
मंदिर पर हमला करने वाला ‘मानसिक विक्षिप्त’ बताने का चलन
जावेद के मंदिर और हिन्दू श्रद्धालुओं पर इस हमले के बाद उसे अब सिरफिरा और मानसिक विक्षिप्त बताने का प्रयास चालू हो गया है। हालाँकि, यह कोई नई बात नहीं है कि मंदिर में हमला या मूर्तियों का अपमान करने के लिए घुसे कट्टर मुस्लिम को मानसिक विक्षिप्त बता कर मामले को दबाया गया हो। मीडिया पहले भी यह करते आया है, इस बार भी यही किया जा रहा।
मीडिया रिपोर्ट्स में जावेद को ‘सिरफिरा’, ‘सनकी’ और ‘मानसिक विक्षिप्त’ करार दिया जा रहा है जबकि उन्नाव पुलिस द्वारा घटना को लेकर जारी किए गए आधिकारिक प्रेस नोट में इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं है कि हमलावर जावेद मानसिक रूप से कमजोर है।
साल 2023 में ‘मानसिक विक्षिप्त’ के और मामले
इसी वर्ष अप्रैल माह में बिहार के मुजफ्फरपुर से एक घटना सामने आई थी, जिसमें मोहम्मद मोइउद्दीन ने एक मंदिर में घुस कर देवी दुर्गा की प्रतिमा के सामने पेशाब किया था। बिहार पुलिस ने इस मामले में मुस्लिम युवक को गिरफ्तार किया था और उसे मानसिक विक्षिप्त बता दिया था।
2022 में कहाँ-कहाँ रचा गया यह प्रोपेगेंडा
1.
अप्रैल 2022 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में अहमद मुर्तजा नाम के एक युवक ने मंदिर की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी पर बाँके (एक तरह का धारदार हथियार, जो लकड़ी चीरने के काम आता है) से हमला कर दिया था। मुर्तजा इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) की जिहादी विचारधारा से प्रभावित था।
मुर्तजा के परिवार ने कोर्ट के सामने उसे मानसिक रूप से कमजोर बताने का प्रयास किया था, जिसे कोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया। फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने मुर्तजा की चिकित्सीय जाँच करवाई थी जिसमें वह पूरी तरह से स्वस्थ निकला था। जनवरी 2023 में कोर्ट द्वारा मुर्तजा को फाँसी की सजा सुनाई गई। उसे देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का दोषी पाया गया था।
2.
सितम्बर 2022 में तेलंगाना के हैदराबाद में बुर्काधारी दो मुस्लिम महिलाओं ने एक मंदिर में घुस कर देवी प्रतिमा को खंडित किया था और एक व्यक्ति ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने उस पर भी हमला कर दिया। इन महिलाओं ने एक चर्च में मदर मैरी की प्रतिमा भी तोड़ने की कोशिश की थी।
इस मामले में स्थानीय विधायक जेएच मेराज के स्पष्टतया यह बताने के बाद कि महिलाएँ मंदिर में मूर्ति तोड़ने के लिए घुसी थीं, हैदराबाद पुलिस ने इन्हें मानसिक रोगी बता दिया था। महिलाओं के भाई ने बताया था कि उसकी दोनों बहने ‘सीजोफ्रिनिक’ हैं।
3.
सितंबर 2022 में ही झारखंड के राँची से एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें एक मुस्लिम युवक रमीज ने मंदिर का ताला तोड़ कर हनुमान जी की प्रतिमा तोड़ दी थी। गिरफ्तार किए जाने पर उसे राँची पुलिस मानसिक रोगी बता रही थी। लोगों ने पुलिस के इस दावे पर प्रश्न उठाए थे।
गौरतलब है कि जिस मंदिर में घुस कर रमीज ने हनुमान जी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया था, उस पर पहले भी पथराव हुआ था। इस पथराव को रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की थी, जिसमें दो उपद्रवी मारे गए थे।
4.
अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें शोएब नाम का एक युवक महादेव मंदिर में शिवलिंग पर पेशाब करता देखा गया था। यह घटना सीसीटीवी में भी कैद हो गई थी। शोएब को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे ‘मंदबुद्धि’ बता दिया था।
वामपंथी मीडिया संस्थानों और लिबरल पत्रकारों की यह प्रवृत्ति रही है कि हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने वालों को मानसिक विक्षिप्त बता कर उनसे पल्ला झाड़ लिया जाए और उनके अपराध को कम करके आँका जाए। कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा के कारण आतंकी हमले हो या मंदिर में घुस कर देवी-देवताओं का अपमान… मीडिया और वामपंथी चमचे हमेशा से ‘मानसिक विक्षिप्त’ का कार्ड खेलते आया है। मकसद इनका वही रहता है – मजहब की कट्टर विचारधारा को छिपा कर रखना। सोशल मीडिया के आने से जनता के सामने इनका नकाब उतरने लगा है।