Monday, November 18, 2024
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झारखंड CM के गृह जिले में भी ‘शरिया शासन’: सरकारी स्कूलों के नाम में जोड़ दिया ‘उर्दू’ ताकि रविवार की जगह जुमे पर हो छुट्टी

हिंदुस्तान का दावा है कि उन्होंने जो पड़ताल की है उसमें ये बात निकल कर आई है कि 33 स्कूल जिनके नाम के साथ उर्दू जुड़ा है, उन्हें छोड़कर जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में रविवा को छुट्टी मिलती है। लेकिन यहाँ ऐसा नहीं होता।

झारखंड में जामताड़ा के बाद प्रदेश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिले दुमका में भी कुछ स्कूलों को उर्दू स्कूल में परिवर्तित किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। खबर है कि 33 से ज्यादा ऐसे स्कूल मिले हैं जो सरकारी होने के बावजूद रविवार को नहीं बल्कि शुक्रवार को छुट्टी देते हैं।

हिंदुस्तान की रिपोर्ट भी दावा करती है कि उन्होंने झारखंड के जामताड़ा में स्कूलों को उर्दू स्कूल में परिवर्तित किए जाने का मामला आने के बाद दुमका में अपनी पड़ताल की थी। यहाँ उन्हें पता चला कि कुल 33 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जो उर्दू स्कूल बना दिए गए हैं।

इनके मिड डे मील के मेन्यू पर भी लिखा है कि वहाँ रविवार को खाना वितरित किया जाता है और जुमे वाले दिन छुट्टी रहती है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन स्कूलों को बिन प्रशासन की सूचना के उर्दू स्कूल बना दिया गया है वो स्कूल मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थित हैं।

इनमें 10 उर्दू स्कूल शिकारीपाड़ा में हैं जबकि जामा, जरमुंडी, काठीकुंड और दुमका में 2-2 स्कूल हैं। इसी तरह सरैयाहाट में 7 और रानेश्वर में 8 उर्दूर स्कूल चिह्नित किए गए हैं।

सरकारी स्कूलों में किए गए इस बदलाव को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक संजय कुमार दास ने कहा है कि उन्होंने हर प्रखंड से रिपोर्ट मँगाई है। पता किया जा रहा है कि आखिर किन हालातों में इस तरह सरकारी स्कूलों में रविवार की छुट्टी शुक्रवार को दी जाने लगी है और कैसे इन स्कूलों के साथ उर्दू जुड़ा। संजय कुमार दास ने कहा है कि रिपोर्ट आने के बाद वह इस मामले में अपनी जाँच करेंगे और उसके बाद दोषियों परा कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि दुमका के जिन स्कूलों में इस परिवर्तन की शिकायत की गई है वो सरकारी स्कूल हैं न कि कोई मदरसा। इससे पहले झारखंड के जामताड़ा में भी ऐसा मामला सामने आया था। दुमका सांसद ने ही केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिख बताया था कि कैसे जिले में 100 से अधिक मुस्लिम बहुल स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दी जाती हैं और जो स्कूल उर्दू स्कूल भी नहीं है उन्हें भी उर्दू स्कूल बनाने की साजिश सच कुछ सालों से चल रही है

अपने पत्र में उन्होंने कहा था कि इन स्कूलों में हर समुदाय के बच्चे पढ़ने जाते हैं। ऐसे में उनके मनोभाव पर इसका काफी उलटा असर पड़ता है। उन्होंने एकरूपता कायम रखने के लिए माँग की है कि स्कूलों में रविवार को छुट्टी निर्धारित की जाए और इस बात पर संज्ञान लिया जाए कि कैसे कुछ प्रखंडों में स्कूल नियमों को ताक पर रखते हैं।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इस बाबत कहा कि उन्होंने इस सूचना के मिलते ही संबंधित अधिकारियों से चर्चा की है और हफ्ते भर में रिपोर्ट माँगी गई है। इसी आधार पर आगे कार्रवाई होगी और सरकारी निर्देशों का पालन होगा।

बता दें कि कुछ दिन पहले झारखंड से ही एक मामला प्रकाश में आया था जहाँ स्कूल पर स्थानीय जनता ने दबाव बनाया था कि स्कूल के नियम उनकी आबादी को देख बदलें जाएँ। इसके बाद स्कूल की प्रार्थना, व प्रार्थना का ढंग सब बदल दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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