झारखण्ड के लोहरदगा में गुरुवार (जनवरी 23, 2020) को नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में आयोजित रैली पर मुस्लिमों ने हमला कर दिया। इस हमले में नीरज प्रजापति नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। उनके माता-पिता बीमार हैं और दो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। झारखण्ड सरकार किसी भी प्रकार की सहायता देने में आनाकानी कर रही है और प्रशासन दबाव बना रहा है कि पीड़ित परिजन मीडिया के सामने ऐसा बोलें कि नीरज की मौत बाथरूम में गिरने से हुई, सीएए समर्थकों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा में नहीं। ऐसे में शोक-संतप्त परिजनों की दयनीय स्थिति हो गई है।
ऑपइंडिया ने उस पत्र को एक्सेस किया, जो मृतक नीरज राम प्रजापति ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा है। हम चाहते हैं कि आप भी इस पत्र को पढ़ें और परिवार की दुःखद स्थिति को समझें। पूरी घटना को समझने के लिए मृतक की पत्नी का ये पत्र पढ़ना इसीलिए भी आवश्यक है, ताकि सरकार की नाकामी और अमला टोली के मजहबियों की करतूत को आप भी जानें और समझें। हम आपके लिए पूरा पत्र हूबहू पेश कर रहे हैं। एक-एक शब्द को ध्यान से पढ़ें:
सेवा में,
मुख्यमंत्री, झारखण्ड
प्रतिलिपि: उपयुक्त, लोहरदगा एवं एसपी, लोहरदगा
दिनांक: जनवरी 28, 2020 (मंगलवार)
विषय: नीरज राम प्रजापति की हत्या के मुआवजे के सम्बन्ध में
महाशय,
सविनय निवेदन है कि मैं दिव्या कुमारी स्वर्गीय नीरज राम प्रजापति की पत्नी हूँ। 23 जनवरी को सीएए के समर्थन में लोहरदगा में जो शोभा यात्रा निकाली गई, उसमें मेरे पति भी सम्मिलित हुए थे। शोभा यात्रा शांति से आगे बढ़ रही थी लेकिन बीच में शरारती तत्वों ने पेट्रोल बम और पत्थरों से हमला कर दिया। लोगों में भगदड़ मच गई और मेरे पति भी जान बचा कर किसी तरह वहाँ से भागे।
दंगाइयों ने मेरे पति को दौड़ा कर उनके सिर पर रॉड से वार किया। इसके बाद वो किसी तरह भागते हुए घर पहुँचे। वहाँ पहुँच कर उन्होंने मुझे सारी बातें बताईं। इसके बाद वो अचानक से बेहोश हो गए। मैं उन्हें लेकर आनन-फानन में लोहरदगा सदर अस्पताल पहुँची , जहाँ से उन्हें राँची रेफर कर दिया गया। तत्पश्चात मैंने इन्हें राँची स्थित ऑर्किड अस्पताल में भर्ती कराया। रुपए के अभाव के कारण मैं उन्हें फिर राँची स्थित रिम्स में लेकर आई।
मैं अपने घर में अकेली हूँ और मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे (एक बेटी और एक बेटा) हैं। अब मेरे घर में हमारा देख-रेख करने की स्थिति में कोई भी नहीं है। अतः, मेरा आपसे निवेदन है कि मुआवजे के रूप में 50लाख रुपए और परिवार के भरण-पोषण के लिए किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। कृपया मेरी माँगों पर ध्यान देने की कृपा करें।
आपकी विश्वासी
दिव्या कुमारी
यहाँ सवाल ये है कि आज दिन भर मंत्रिमंडल विस्तार की प्रकिया में व्यस्त रहने वाले क्या दिवंगत नीरज राम प्रजापति की पत्नी दिव्या कुमारी की इस गुहार पर ध्यान देंगे? सीएम सोरेन को समझना चाहिए कि परिजन राँची के रिम्स में अभी भी इस उम्मीद में बैठे हैं कि सरकार की तरफ से कोई नुमाइंदा उनका दुःख बाँटने के लिए वहाँ आएगा और मुआवजे का आश्वासन देगा। चुनाव जीतने के बाद लालू यादव का आशीर्वाद लेने के लिए रिम्स जाने वाले हेमंत सोरेन के पास इतना भी समय नहीं कि दिवंगत नीरज की पीड़ित पत्नी से एक बार मुलाक़ात तक कर सकें?