आजकल ‘आज़ादी’ के नारे ख़ूब चर्चा में हैं। जेएनयू में 2016 में लगे देशविरोधी नारों के बाद से ही इन स्लोगन्स को एक तरह से सरकार के विरोध की पहचान बना ली गई। “भारत तेरे टुकड़े होंगे होंगे” और “कश्मीर माँगे, आज़ादी” जैसे विभाजनकारी और भड़काऊ नारों के बाद आज़ादी के स्लोगन्स का ख़ूब इस्तेमाल किया गया। बाद में असली इरादे को छिपाने के लिए “आतंकवाद से, आज़ादी”, “सामंतवाद से, आज़ादी” और “जातिवाद से, आज़ादी” जैसे नारे लगाए गए। हाल ही में जामिया व अन्य यूनिवर्सिटीज में भी जब सीएए के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुआ, तब भी ‘आज़ादी’ के नारे लगाए गए।
अब हम आपको ‘आज़ादी’ के नारे का दूसरा पक्ष भी दिखा रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि जिसे भी आज़ादी चाहिए, वह आकर ले जा सकता है। उन्होंने ‘आज़ादी’ की चाह रखने वाले वामपंथियों को चुनौती दी है कि जिसे भी आज़ादी चाहिए, वो आकर ले जाएँ। उनके नारों पर एक नज़र डालिए:
“हम लाकर देंगे- आज़ादी”
“अरे ये पड़ी है- आज़ादी”
“आओ ले लो- आज़ादी”
“अरे दे के रहेंगे- आज़ादी”
“तुम्हें भी देंगे- आज़ादी”
कसाब को दे दी- आज़ादी”
“बुरहान को दे दी- आज़ादी”
“अफजल को दे दी- आज़ादी”
नीचे संलग्न किए गए वीडियो में आप देश सकते हैं कि कैसे संशोधित नागरिकता क़ानून का समर्थन कर रहे छात्र वामपंथियों को आज़ादी देने के नारे लगा रहे हैं:
Delhi Unversity students giving reply to illegal Bangladeshi student ??????? pic.twitter.com/stFZhEpe0M
— Shash (@pokershash) December 18, 2019
छात्रों को उम्मीद है कि जो वामपंथी दिन-रात ‘आज़ादी’ के नारे लगाते हैं और ‘आज़ादी’ की माँग कर रहे हैं, वो ‘आज़ादी’ उन्हें मुफ्त में मिल रही है तो वो ज़रूर आकर ले जाएँगे। ऑपइंडिया को मिली ताज़ा सूचना के अनुसार, अभी तक एक भी वामपंथी ‘आज़ादी’ लेने नहीं पहुँचा था।
बंगाल में कैलाश विजयवर्गीय को मजहबी भीड़ ने घेर रखा है, देखिए Video
CAA और NRC पर फरहान गैंग के हर झूठ का पर्दाफाश: साज़िश का जवाब देने के लिए जानिए सच्चाई
…वो सांसद जिसने किया CAB का समर्थन लेकिन जमात फेडरेशन ने कर दिया निष्कासित