Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजताजिया रखने के लिए हिंदू समाज ने दी थी जगह, कानपुर में मुस्लिम समाज...

ताजिया रखने के लिए हिंदू समाज ने दी थी जगह, कानपुर में मुस्लिम समाज ने दीवार खड़ी कर कब्जा किया, नाम रखा इमाम चौकी

इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश ने बताया कि गुरुद्वारा सेवा समिति का नेतृत्व गणेश दास सोनकर के हाथों में है। वर्ष 2020-21 में समिति का नवीनीकरण किया गया है। अगर अखाड़ा समिति ताजिया रखने की इजाजत नहीं देता है तो उन्हें पुराने स्थान पर भेजा जाएगा।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो ‘सांप्रदायिक सौहार्द्र’ पूरे सिद्धांत को ही ध्वस्त करके रख देती है। जिस जगह पर कभी हिंदुओं ने मुस्लिमों को तजिया रखने की अनुमति दी, उसे मुस्लिम समाज अपना बताने लगा है। इतना ही नहीं, उस जमीन पर दिवार भी खड़ी कर दी गई है।

जिस जमीन को लेकर मुस्लिम समुदाय बवाल कर रहा है, वह हिंदुओं की है। जाँच में पता चला है कि आज से 36 साल पहले भारी बारिश के कारण मुस्लिमों को तजिया रखने की जगह नहीं मिली तो हिंदुओं ने यहाँ तजिया रखने की इजाजत दी थी।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थान देने के बाद बाद से इसी जगह पर तजिया का आयोजन किया जाने लगा। अब बशीरगंज स्थित इस जमीन पर मुस्लिम पक्ष अपना दावा जताने लगा है और इसका नाम भी इमाम चौकी कर दिया है। जबकि यहाँ इमाम चौकी का कोई वजूद नहीं है।

पुलिस की जाँच में सामने आया है कि पहले ताजिया बशीरगंज पाकड़ के पेड़ के नीचे रखे जाते थे। 36 साल पहले वर्षा की वजह से वह स्थान पानी में डूब गया, तब स्वामी श्री शिव नारायण जी संत समाज गुरुद्वारा सेवा समिति ने अपने परिसर में ताजिया रखने की इजाजत दी थी।

अगले दो साल भी बारिश हुई तो ताजिया यहीं रखी गई। इस दौरान अखाड़ा वालों ने कोई एतराज नहीं किया। इताजिया अखाड़ा परिसर में रखा गया, जिसमें अब भी हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है। सके बाद से मुस्लिम समाज ने यहीं ताजिया रखना शुरू कर दिया।

इस स्थान का नाम भी इमाम चौकी कर दिया गया। तब से यह स्थान इमाम चौकी कहलाने लगा। बाद में वहाँ एक दीवार खड़ी करके इमाम चौकी कहलाने वाली उस जमीन को अखाड़ा से अलग कर दिया गया। समिति के पास चार बीघा में फैला एक अखाड़ा, गुरुद्वारा, छह कमरे और एक बगीचा है।

इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश ने बताया कि गुरुद्वारा सेवा समिति का नेतृत्व गणेश दास सोनकर के हाथों में है। वर्ष 2020-21 में समिति का नवीनीकरण किया गया है। अगर अखाड़ा समिति ताजिया रखने की इजाजत नहीं देता है तो उन्हें पुराने स्थान पर भेजा जाएगा।

बता दें कि पिछले दिनों इमाम चौकी के पास लगे एक पोस्टर को फाड़ने पर विवाद हो गया था। इसको लेकर इलाके में तनाव फैल गया था। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने मामले में जाँच के आदेश दिए थे। जाँच के बाद अब स्थिति साफ हो गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -