उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले दिनों लव जिहाद के बढ़ते मामलों की जाँच के मद्देनजर एसआईटी का गठन हुआ था। अब खबर है कि इस एसआईटी ने अपनी पड़ताल में एक दर्जन मामले ऐसे पकड़े हैं, जहाँ विवाह के लिए धर्म परिवर्तन करवाया गया। एसआईटी इनका पता लगाने के बाद ये जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं इनके पीछे किसी संगठन का तो हाथ नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर की अगुवाई वाली एसआईटी ने हाल में ‘लव जिहाद’ के एक दर्जन से ज्यादा मामले पकड़े हैं। इनमें ज्यादातर मामले जूही इलाके से हैं। अब एसआईटी इस बात की जाँच करेगी कि कहीं लव जिहाद रैकेट में किसी कथित इस्लामी संगठन का तो हाथ नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शालिदी यादव से फातिमा बनी युवती के केस का खुलासा होने के बाद से हिंदूवादी संगठनों ने कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल से मिल कर लव जिहाद के मामलों की जाँच की माँग की थी। इसी माँग को पुलिस महानिरीक्षक ने स्वीकारते हुए एसआईटी के गठन का आदेश दिया था, जिसका नेतृत्व बाद में दीपक भूकर को सौंपा गया।
अपर पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर की अगुवाई वाली इस टीम का काम हिन्दू लड़कियों को बरगलाकर कथित रूप से शादी के बहाने उनका धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के काम करने के तरीकों तथा अन्य पहलुओं की जाँच करना था।
यहाँ बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कानपुर में विवाह के नाम पर धर्म परिवर्तन कराने की बात जान कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही ये बात स्पष्ट की थी कि सरकार किसी भी तरह का लव जिहाद बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए थे कि कार्ययोजना बना कर ऐसी घटनाओं को चिह्नित किया जाए और फिर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि ‘लव जिहाद’ से न सिर्फ़ सांप्रदायिक माहौल बिगड़ता है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा का मामला भी इससे जुड़ा हुआ है। मजहब की आड़ में महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए सरकार सतर्क है। सीएम योगी आदित्यनाथ के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने भी ‘लव जिहाद’ के मामले बढ़ने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि अगर इस मामले में नए क़ानून की भी आवश्यकता होगी तो विचार किया जाएगा।
पिछले दिनों हमने देखा कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके खासकर कानपुर में लव जिहाद के तमाम मामले उजागर हुए। चाहे फिर वह जूही कालोनी की शालिनी यादव का हो या लखीमपुर खेरी की वह 18 वर्षीय दलित जिसके शव को काट कर किसी दिलशाद ने तालाब में फेंक दिया था। इसके बाद पंकी मामला जहाँ मोहसिन और आमिर को मुस्कान केस में गिरफ्तार किया था और फिर गोविंद नगर का केस जहाँ ‘काला जादू करके’ लड़की का ब्रेनवॉश किया और उसका धर्मपरिवर्तन कराया गया। ये सभी मामले कानपुर से आने के बाद इन मामले में एसआईटी की टीम अब वहाँ लव जिहाद मामले की जाँच में जुटी है।
लव जिहाद का ट्रेनिंग ग्राउंड है जूही कॉलनी?
कानपुर की जूही कॉलनी के संप्रदाय विशेष के लड़कों का हिंदू लड़कियों से अफेयर गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन अगर इसमें कोई पैटर्न या ट्रेंड दिखता है तो जरूर सोचनीय है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार इस कॉलनी के संप्रदाय विशेष के लड़के संगठित लव जिहाद कर रहे हैं।
पिछले 2 महीने में कानपुर इलाके में घर से भागी 5 लड़कियाँ। इन पाँचों लड़कियों के भागने और जिन आरोपितों के संग वो भागीं, पूरी रिकॉर्ड्स दैनिक जागरण के पास है। जूही कॉलनी में चल रहे लव जिहाद का संगठित नेक्सस या ट्रेनिंग इन्हीं पाँचों भागी लड़कियों के आधार पर समझ सकते हैं।
- भागी शालिनी यादव – आरोपित मोहम्मद फैसल – रहने वाला जूही कॉलनी का
- कल्याणपुर के आवास विकास निवासी दो सगी बहनें भागीं – आरोपित शाहरुख (पिता का नाम कमाल) और शाहरुख (पिता का नाम खलील) – रहने वाला दोनों जूही कॉलनी का
- पनकी रतनपुर कॉलनी निवासी युवती व उसकी छोटी बहन – आरोपित मो. मोसीन, छोटी बहन सतर्क हुई तो मामला खुल गया – रहने वाला जूही कॉलनी का
जिन स्थानीय लोगों से बातचीत पर दैनिक जागरण की 20 दिन पहले आई यह रिपोर्ट आधारित है, उसके अनुसार आरोपित युवकों के कई लड़कियों से संबंध हैं। रिपोर्ट में यह भी संदेह जताई गई है कि अभी तक कुछ ही थानों के मामले निकाले गए हैं और 5 हिंदू लड़कियों के संप्रदाय विशेष के लड़कों से प्रेम-प्रसंग (जो एक ही इलाके से होने के कारण संगठित लव जिहाद की ओर इशारा कर रहे हैं) की बात सामने आई है लेकिन विभिन्न थानों में दर्ज भागने वाली लड़कियों की जाँच अगर अच्छे से की जाए तो यह संख्या एक दर्जन से अधिक होगी और सभी आरोपितों के तार जूही कॉलनी से जुड़े मिलेंगे।
स्पष्ट है कि जिस लव जिहाद की ओर 20 दिन पहले स्थानीय लोग इशारा कर रहे थे, SIT की जाँच में इनकी संख्या दर्जनों में निकलने वाली सच होती दिख रही है।