सीएए के नाम पर यूपी में हिसा करने और उसकी आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले उपद्रवियों को योगी सरकार किसी भी हाल में नहीं छोड़ना चाहती और कानून के तहत उसे सबक भी सिखाना चाहती है। यही कारण है कि योगी सरकार की सख्ती के चलते कानपुर में हिंसा करने वाले उपद्रवियों ने जुर्माने की पहली किस्त को जमा करा दिया है।
यूपी पुलिस द्वारा उपद्रवियों के खिलाफ की जा रही सख्त कार्रवाई से घबराए बेकनगंज थाने के 6 उपद्रवियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के नोटिस पर सोमवार को खुद पर लगे जुर्माने के 80,856 रुपए जमा करा दिए। नोटिस की सूची में शामिल बेकनगंज निवासी यासीन, नौबस्ता निवासी मोहम्मद अरमान, बेकनगंज निवासी गुरगुट, इरफान, लियाकत और दिलशाद ने मिलकर 80,856 रुपए का चेक सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में जमा करा दिया। दरअसल, कानपुर में हुई हिंसा के लिए सरकार द्वारा गठित की गई जाँच कमेटी ने यतीमखाना में 2 लाख 80 हजार रुपए के नुकसान का आकलन करके वसूली का नोटिस 21 लोगों को जारी किया था।
उधर बाबरपुर पुलिस ने हिंसा में शामिल एक और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे पुलिस ने कोर्ट में पेश किया और वहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। दरअसल, बवाल के दौरान आरोपित को गोली लगी थी। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराने के बाद आरोपित अस्पताल से फरार हो गया था, जिसकी सीसीटीवी फुटेज की मदद से जमील के रूप में पहचान हुई थी। वहीं बाबूपुरवा हिंसा में अब तक 16 आरोपितों को पुलिस जेल भेज चुकी है, जबकि 19 फरार चल रहे हैं। फरार आरोपितों के खिलाफ बाबूपुरवा पुलिस कुर्की की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि 21 दिसंबर को सीएए विरोध के नाम पर उपद्रवियों ने जुमे की नमाज के बाद यतीमखाना और बाबूपुरवा में जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान की गई हिंसा में उपद्रवियों ने पब्लिक और सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले तो किया ही साथ ही पत्थरबाजी में दर्जनों गाड़ियों को अपना निशाना बनाया था। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने पुलिस पर गोली चलाने के साथ पेट्रोल बम भी चलाए थे। इसके बाद योगी सरकार ने सरकारी नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से ही करने के निर्देश दिए थे।
कानपुर हिंसा में 12 लोगों को गोली लगी थी और 263 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद पहले तो यूपी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो की मदद से उपद्रवियों की पहचान की। इसके बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए उन पर जुर्माना लगाया। इसे वसूल करने के लिए प्रशासन ने पहले तो नोटिस जारी किया और फिर अल्टीमेटम भी दिया। इसके बाद दंगाई अपने और अपनी संपत्ति को बचाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।