कर्नाटक में पिछले दिनों बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की जो हत्या की गई थी उस केस में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने नया खुलासा किया है। NIA ने बताया है कि हिजाब विवाद के बीच में हर्षा की हत्या सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिहाज से की गई थी।
टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट में NIA सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 2 मार्च को जब जाँच अधिकारी हर्षा हत्याकांड की जाँच के लिए शिवमोगा पहुँचे तो उन्हें पता चला कि ये हत्या एक साजिश के तहत की गई थी। उनका मकसद सांप्रदायिक हिंसा को जन्म देना था। बुर्का विवाद के बीच राज्य में दंगे भड़काना था।
इस बात का जिक्र NIA ने अपनी एफआईआर में भी किया है। इसमें बताया गया कि हर्षा की हत्या से राज्य में खौफ पैदा करने की कोशिश की गई थी। आरोपितों की मंशा जानलेवा हथियारों का प्रयोग करके लोगों को डराने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की थी।
बता दें कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी की पड़ताल से पहले कर्नाटक के गृहमंत्री ने भी इस केस में कम्युल एजेंडे का जिक्र किया था। वहीं भाजपा विधायक सीटी रवि ने बयान दिया था कि हर्षा को किसी निजी कारण से नहीं मारा गया।
Harsha’s murder case: NIA’s FIR accessed
— TIMES NOW (@TimesNow) April 5, 2022
Motive of accused persons was striking terror, says FIR
28-year-old Bajrang Dal activist was hacked to death in Feb @RichaSharmaB and Imran Khan (@KeypadGuerilla) join in with all the details. #NIA #HarshaMurderCase pic.twitter.com/q8Y0wZuLqj
उन्होंने कहा था, “मुझे नहीं लगता कि यह किसी दुश्मनी के चलते किया गया फैसला है। इसके पीछे सुनियोजित साजिश की आशंका है। किसने उन्हें वित्तीय सहायता दी, किसने ये साजिश रची, किसने उन्हें उकसाया, किसने उन्हें समर्थन दिया, इन सबकी कोर्ट में जाँच होनी चाहिए।”
उन्होंने NIA को केस देने के संबंध में बताया कि ये मामला राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को इसीलिए दिया गया है ताकि हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या को रोका जा सके। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस हत्या की निंदा करते हुए कर्नाटक में फैल रहे कट्टरपंथ को निशाना बनाया था। उन्होंने पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों का उदाहरण देकर कहा था कि ये लोग केरल का आतंकी मॉडल कर्नाटक में लाना चाहते हैं।
हर्षा हत्याकांड
गौरतलब है कि कर्नाटक के शिवमोगा जिले 26 साल के बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की 20 फरवरी 2022 को चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस की जाँच में सामने आया था कि हर्षा ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के ख़िलाफ़ और भगवा शॉल के समर्थन में पोस्ट लिखी थी जिसके कारण कट्टरपंथियों ने उन्हें मौत के घाट उतारा था।
घटना में शामिल 6 आरोपित कुछ दिन में गिरफ्तार हो गए थे और बाद में कुल 10 आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धाराएँ लगाई थी। 10 की पहचान- रिहान शरीफ, मोहम्मद कासिफ, आसिफ उल्लाह खान, अब्दुल अफान, सैयद फारूक, अब्दुल कंधार जिलान, रौशन, फराज पाशा, सैयाद नदीम, जफर सादिक के तौर पर हुई थी। इन सबके नाम NIA ने अपनी एफआईआर में भी लिखे हैं।