उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi, Uttar Pradesh) में स्थित विवादित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर में माँ श्रृंगार गौरी स्थल की वीडियोग्राफी एवं सर्वेक्षण का काम शनिवार (7 मई 2022) को विरोध के बाद नहीं हो सका। विवादित ढाँचे से संबंधित अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने शनिवार को स्थानीय अदालत में याचिका देकर एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा पर ‘पक्षपातपूर्ण’ होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की माँग की।
मस्जिद कमिटी के अधिवक्ताओं ने यह कहते हुए अंदर जाने से रोक दिया, कोर्ट के आदेश में मस्जिद के अंदर वीडियग्राफी का आदेश नहीं है। विरोध के बाद सर्वे का काम अगली सुनवाई 9 मई तक के लिए टाल दी गई है।
हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने बताया कि वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में एक आवेदन दायर किया गया है, जिसमें मस्जिद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों द्वारा एडवोकेट कमिश्नर को बदलने का अनुरोध किया गया है। जैन ने कहा, “सोमवार को मामले की सुनवाई अदालत द्वारा की जाएगी और हम मुस्लिम पक्ष द्वारा उत्पन्न की रही बाधाओं पर अपनी आपत्ति उठाएँगे”
वहीँ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के एक अधिकारी ने कहा, “जब हमारी आपत्ति कोर्ट में एडवोकेट कमिश्नर को बदलने की माँग है तो वही व्यक्ति उस आयोग का नेतृत्व कैसे कर सकता है। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट अभय नाथ यादव ने कहा, “हमने एडवोकेट कमिश्नर को बदलने के लिए एक आवेदन दायर किया है।”
बता दें कि विवादित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम 6 मई से हो रहा है। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाया गया था। जब 7 मई को जब सर्वे करने वाली टीम वहाँ पहुँची, तब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दरवाजे पर खड़े होकर जाम लगा दिया, जिससे एडवोकेट कमिश्नर अंदर जा ही नहीं पाए। माहौल बिगाड़ने की साजिश हुई और शाम के 5 बजे बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग वहाँ पर पहुँचने लगे।
नारेबाजी और उपद्रव कर रहे लोगों को पुलिस ने वहाँ से खदेड़ा। वहीं अब्दुल कलाम नाम के एक उपद्रवी को यूपी पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। उसने बहाना बनाया कि उसे लगा कि नमाज के लिए भीड़ इकट्ठी हुई थी। साथ ही उसने माफ़ी भी माँगी। मुस्लिम पक्ष के लोग बैरिकेडिंग के भीतर घुस गए।
ज्ञानवापी-शृंगार गौरी का विवाद पिछले साल शुरू हुआ था। पाँच हिंदू महिलाओं ने कोर्ट में याचिका देकर मस्जिद के अंदर स्थित माता श्रृंगार गौरी तथा अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा की पूजा करने की इजाजत माँगी थी। हिंदुओं का दावा है कि विवादित मस्जिद प्लॉट संख्या 9130 पर स्थित है और इसके अंदर कई देवी-देवताओं के विग्रह हैं। उनका यह भी दावा है कि तहखाने में शिवलिंग भी है, जिसकी साल 1990 तक पूजा की जाती थी।