Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजफोटो ओसामा बिन लादेन की, वीडियो ISIS कत्लेआम की… हाई कोर्ट ने अब्दुल रहमान...

फोटो ओसामा बिन लादेन की, वीडियो ISIS कत्लेआम की… हाई कोर्ट ने अब्दुल रहमान को दी जमानत, कहा- मोबाइल में जेहादी कंटेंट रखने से कोई आतंकी नहीं होता

अम्मार अब्दुल रहमान को NIA ने UAPA की विभिन्न धाराओं के तहत अगस्त 2021 में गिरफ्तार किया था। उस पर ISIS से जुड़े होने और आतंकी संगठन की कट्टरपंथी विचराधारा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया था। हालाँकि, निचली अदालत ने दिसंबर 2023 में आरोपित को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद निचली अदालत के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने आतंकवाद से जुड़े UAPA के एक मामले में सोमवार (6 मई 2024) को सुनवाई करते हुए मुस्लिम युवक अम्मार अब्दुल रहमान को जमानत दे दी। उसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े होने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था। हाई कोर्ट ने कहा कि मोबाइल में आतंकी ओसामा बिन लादेन की तस्वीरें, जिहाद प्रचार और ISIS के झंडे रखने से कोई आतंकी नहीं हो जाता।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि आरोपित के मोबाइल में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की तस्वीरें, जिहाद प्रचार सामग्री और ISIS झंडे जैसी आपत्तिजनक सामग्री मिलने और कट्टरपंथी या मुस्लिम उपदेशक के लेक्चर को सुनना आरोपित को एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के सदस्य के रूप में ब्रांड करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।

कोर्ट ने आगे कहा, “आज के इलेक्ट्रॉनिक युग में इस प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री वर्ल्ड वाइड वेब (www) पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है और केवल इसे एक्सेस करना और यहाँ तक कि इसे डाउनलोड करना भी यह मानने के लिए पर्याप्त नहीं होगा कि उसने खुद को ISIS के साथ जोड़ा था। कोई भी जिज्ञासु मन ऐसी सामग्री तक पहुँच सकता है और यहाँ तक कि उसे डाउनलोड भी कर सकता है। हमारे लिए वह कृत्य अपने आप में कोई अपराध नहीं प्रतीत होता है।”

हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह का कृत्य व्यक्ति की मानसिकता के बारे में ‘अंतर्दृष्टि’ दे सकता है, लेकिन जब कोई दंडात्मक प्रावधान के तहत, जिसमें किसी की स्वतंत्रता छीन ली जाती है, ऐसे में जमानत देना भी एक प्रकार का अपवाद बन जाता है। अभियोजन पक्ष को समझने योग्य और ठोस सामग्री के रूप में कुछ अतिरिक्त सबूत की आवश्यकता है।

इसमें आगे कहा गया है कि केवल इसलिए कि वह व्यक्ति ‘मध्य-पूर्व और इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष से संबंधित समाचारों’ फॉलो कर रहा था या ‘कट्टरपंथी मुस्लिम उपदेशकों के नफरत भरे भाषणों को देख-सुन रहा था’ यह मानने के लिए पर्याप्त नहीं होगा कि वह एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की विचारधारा को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका अदा कर रहा था।

पीठ ने कहा कि इस मामले में UAPA की धारा 38 और 39 का प्रयोग गलत प्रतीत होता है। UAPA की धारा 38 एक आतंकवादी संगठन की सदस्यता से संबंधित अपराध है और धारा 39 एक आतंकवादी संगठन को दिए गए समर्थन से संबंधित अपराध है। इसके बाद कोर्ट ने अम्मार अब्दुल रहमान को जमानत दे दी। हालाँकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि उसकी टिप्पणियाँ अस्थायी स्वभाव की हैं।

अम्मार अब्दुल रहमान को NIA ने UAPA की विभिन्न धाराओं के तहत अगस्त 2021 में गिरफ्तार किया था। उस पर ISIS से जुड़े होने और आतंकी संगठन की कट्टरपंथी विचराधारा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया था। हालाँकि, निचली अदालत ने दिसंबर 2023 में आरोपित को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद निचली अदालत के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -