केरल में तिरुवनंतपुरम के डॉक्टर रंजीत विजयाहरि ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और केरल पुलिस के साइबर सेल में एक शिक़ायत दर्ज कराई है। अपनी शिक़ायत में उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन करने के लिए ‘जिहादी तत्वों’ द्वारा निशाना बनाए जाने की बात कही है।
अपना दर्द बयाँ करने के साथ-साथ डॉ. विजयाहरि ने अपने अन्य साथी डॉक्टर्स को परेशान किए जाने का ज़िक्र भी किया है। उन्होंने कहा, “कई डॉक्टर्स ने अराजक तत्वों के इस गिरोह के हमले का सामना किया है। मुझे लगता है कि ये लोग ‘जिहादी’ हैं। इन्होंने कई राष्ट्रीय मुद्दों पर आतंकवादियों के समर्थन का रवैया अपनाया। उन्हें अफ़ज़ल गुरु, इशरत जहाँ का समर्थन करते और भारतीय सेना को गाली देते देखा-सुना जा सकता है।”
He says,” Several doctors have faced gang attack. Why I thought these people are ‘jihadis’ is their attitude on many national issues is same including support for terrorists. They can be seen supporting Afzal Guru, Ishrat Jahan & have been abusing Indian Army”. (2/2) #Kerala
— ANI (@ANI) January 17, 2020
इससे पहले भी डॉ. विजयाहरि ने दावा किया था कि CAA का समर्थन करने के चलते इस्लामी कट्टरपंथी उन्हें निशाना बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर उन्होंने बताया था कि वे गेस्ट्रो सर्जन हैं और अपनी पत्नी के साथ हॉस्पिटल चलाते हैं। उन्होंने कुछ स्कीनशॉट भी शेयर किए थे, जिनमें दावा किया गया था कि चिकित्सा से जुड़े उनके दोस्तों को भी ‘प्रतिकूल राजनीतिक विचारों’ के लिए अनैतिक प्रथाओं और ‘क्रूर उपचार’ के आरोपों के साथ निशाना बनाया गया।
बता दें कि डॉ. विजयाहरि सेवा भारती के कार्यकर्ता रहे हैं और RSS से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कट्टरपंथियों का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया। इसमें उनके और उनकी प्रैक्टिस को बदनाम करते हुए दावा किया गया कि “साम्प्रदायिक” होने के कारण वे सहानुभूति की उम्मीद नहीं रख सकते।
ग़ौरतलब है कि राज्य की वामपंथी सरकार नागरिकता संशोधन क़ानून के पारित होने बाद से ही इसके विरोध में खड़ी हुई है। यहाँ तक कि इस क़ानून को रद्द करने की माँग करते हुए केरल विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया था, जिसे कॉन्ग्रेस ने भी समर्थन दिया था। केरल सरकार ने अब सर्वोच्च न्यायालय में CAA के ख़िलाफ़ मुकदमा भी दायर किया है।
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