Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाजकेरल मॉडल: बकरीद पर जश्न मनाने के लिए खुली छूट, हिंदुओं के पर्व ओणम...

केरल मॉडल: बकरीद पर जश्न मनाने के लिए खुली छूट, हिंदुओं के पर्व ओणम पर प्रतिबंध

केरल की स्वास्थ्य मंत्री का ताजा आदेश हिंदुओं के त्यौहार ओणम से ठीक पहले आता है। जबकि केरल में बढ़ते कोरोना संक्रमण से निपटने में असमर्थ होने के बावूजद पिनराई विजयन सरकार ने मुस्लिम समुदाय को बकरीद का जश्न मनाने की इजाजत दी थी।

केरल में पिछले कुछ दिनों से 20,000 से अधिक नए कोरोना मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यह आँकड़ा देश के अन्य राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है। इसी बीच केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार (31 जुलाई) को लोगों से आग्रह किया ​कि वे ओणम त्यौहार के दौरान भीड़, कार्यक्रमों और समारोह में जाने से बचें। जॉर्ज ने आगे कहा कि जितना हो सके रिश्तेदारों और परिवार से मिलने से बचना चाहिए, खासकर अगर परिवार में छोटे बच्चे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केरल अभी कोविड-19 की दूसरी लहर से मुक्त नहीं हुआ है, ऐसे में लोगों को संक्रमण फैलने से रोकने और तीसरी लहर से बचाव के लिए अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।

बकरीद पर लॉकडाउन में ढील देने के कुछ ही दिनों बाद स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करना बेहद हास्यास्पद है। ताजा फरमान ऐसे समय में आया है, जब केरल में लगातार पाँच दिनों से 20,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में 27 जुलाई को कोरोना के 22,000 से अधिक नए केस दर्ज किए गए थे। यह पूरे देश में दर्ज हुए संक्रमण के नए मामलों का लगभग 53 प्रतिशत था। बताया जा रहा है कि बकरीद पर राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंध को हटाने के बाद से संक्रमण के नए मामले बढ़ने लगे थे। ईद के बाद यह संख्या 22,000 से भी अधिक हो गई है।

केरल ईद के लिए खुला, ओणम के लिए बंद

केरल की स्वास्थ्य मंत्री का ताजा आदेश हिंदुओं के त्यौहार ओणम से ठीक पहले आता है। मालूम हो कि केरल में बढ़ते कोरोना संक्रमण से निपटने में असमर्थ होने के बावूजद पिनराई विजयन सरकार ने मुस्लिम समुदाय को बकरीद का जश्न मनाने की इजाजत दी थी। उन्होंने 18 जुलाई से 21 जुलाई यानी तीन दिनों के लिए लॉकडाउन हटा दिया था।

केरल सरकार ने 17 जुलाई को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बकरीद का जश्न मनाने के लिए छूट देने की घोषणा की थी। जबकि वे जानते थे कि उस समय भी केरल में सबसे अधिक COVID-19 के रिकॉर्ड नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी केरल सरकार पर बकरीद के लिए ढील देने पर कड़ा रुख नहीं अपनाया था।

ईद उल-अजहा पर राज्य में कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील देने के कारण केरल कोराना महामारी की एक और लहर का सामना कर रहा है, क्योंकि बीते कुछ सप्ताह की तुलना में संक्रमण और अधिक बढ़ गया है। बकरीद से पहले प्रतिबंध हटाने के कारण केरल ने दो महीने के औसत आँकड़े को पार करते हुए सबसे अधिक ताजा मामले दर्ज किए हैं।

लगातार पाँचवे दिन केरल ने शनिवार को 20,000 से अधिक कोविड-19 के नए मामले दर्ज किए हैं। हालाँकि, टेस्ट पॉजिटिविटी रेट में गिरावट आने के बाद यह 12.31 हो गई है, लेकिन राज्य में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या अभी भी चिंता का विषय है। इसके अलावा, केरल में बकरीद का त्योहार अब राज्य में सुपरस्प्रेडर कार्यक्रम बन गया है। इससे कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे पड़ोसी राज्यों को भी महामारी की तीसरी लहर से खतरा बताया जा रहा है।

शनिवार (31 जुलाई) को केरल ने 20,624 नए मामले दर्ज किए, जिससे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर कुल 33,90,761 हो गई है। वहीं, कोरोना से 80 और लोगों की मौत होने से यह आँकड़ा बढ़कर कुल 16,781 हो गया है।

photo: Covid19.org

ये सब जानते हैं कि केरल सरकार बकरीद से पहले और उसके बाद किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगाने में विफल रही है। इसकी वजह से राज्य कोरोना महामारी की एक नई लहर से जूझ रहा है। हालाँकि, अब ऐसा लगता है कि हिंदुओं के त्यौहार ओणम को प्रतिबंधित करने में सरकार बेहद जल्दी दिखा रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -