Saturday, November 16, 2024
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टीचर के रूप में CPM नेता ने 30 सालों तक 9 से 12 साल वाली 50+ छात्राओं का किया रेप, शोषण: 3 बार रह चुका है पार्षद

वकील पिल्लई ने आरोप लगाया कि जब भी लड़कियाँ स्कूल प्रबंधन से इसकी शिकायत करती थीं तो वे कहते थे कि शिक्षक के साथ फ्लर्ट मत करो। उनकी यौन हिंसा की शिकार दो लड़कियाँ आत्महत्या करने की कगार पर थीं और एक लड़की को उन्होंने छाती पर इतनी बुरी तरह से काटा का उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

केरल के मलप्पुरम जिले (Malappuram, Kerala) में लगभग 30 वर्षों में अपने स्कूल के 50 से अधिक छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में पूर्व स्कूली शिक्षक और CPM नेता केवी शशिकुमार को शुक्रवार (13 मई 2022) को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस घटना की जाँच के आदेश दिए गए हैं।

स्कूल की अलुमनाई एसोसिएशन की सदस्य और वकील बीना पिल्लई का कहना है कि शशिकुमार ने शिक्षक के रूप में कार्य करने की दौरान कई लड़कियों से छेड़छाड़ और यौन शोषण किया। उन्होंने आरोप लगाया कि शशिकुमार ने दर्जनों लड़कियों के का रेप किया है। इन लड़कियों की उस समय उम्र 9 साल से 12 साल थी।

पिल्लई ने आरोप लगाया कि जब भी लड़कियाँ स्कूल प्रबंधन से इसकी शिकायत करती थीं तो वे कहते थे कि शिक्षक के साथ फ्लर्ट मत करो। पिल्लई ने कहा कि शशिकुमार से जुड़े गंभीर यौन उत्पीड़न के कई मामले हैं। उनकी यौन हिंसा की शिकार दो लड़कियाँ आत्महत्या करने की कगार पर थीं और एक लड़की को उन्होंने छाती पर इतनी बुरी तरह से काटा का उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

शशिकुमार वर्तमान में वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के नेता और मलप्पुरम नगरपालिका परिषद के सदस्य हैं। घटना सामने आने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने जाँच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही लोक शिक्षा निदेशालय के निदेशक से स्कूल प्रबंधन से संबंधित खामियों पर जल्द से जल्द रिपोर्ट माँगी है।

मलप्पुरम महिला थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद शशिकुमार फरार हो गया था। पुलिस ने लगभग एक सप्ताह बाद उसे गिरफ्तार किया है। शशिकुमार पर आरोप है कि मलप्पुरम के सेंट जेम्मस गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक रहने के दौरान उसने 60 से अधिक छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की थी। 50 छात्राओं ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत दी थी।

शशिकुमार तीन बार मलप्पुरम नगर पार्षद रह चुके हैं। वे इसी साल मार्च में स्कूल से सेवानिवृत्त हुए। शशिकुमार पर #MeToo का सबसे पहला आरोप स्कूल की एक पूर्व छात्रा ने लगाया। दरअसल, शशिकुमार ने स्कूल से रिटायर होने से संबंधित फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने खुद को एक आदर्श शिक्षक बताया था। इस पर कमेंट करते हुए छात्रा ने यह आरोप लगाया था। उसके बाद कई छात्राओं ने आरोप लगाते हुए उन्हें ‘पीडोफाइल’ (बच्चों से सेक्स करने वाला मानसिक विक्षिप्त) बताया।

इसके बाद कई छात्राएँ सामने आईं और उन्होंने शशिकुमार पर अपने साथ भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया। शोषण का आरोप लगाने वाली छात्राओं की बढ़ती संख्या के बाद उन पर दबाव बढ़ता गया और उन्होंने नगरपालिका के पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया।

स्कूल की अलुमनाई एसोसिएशन के अनुसार, साल 2019 में कुछ छात्राओं ने शशिकुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। शिकायतकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ने के बाद एसोसिएशन ने मलप्पुरम के SP से संपर्क किया था।

इन घटनाओं के सामने आने के बाद माकपा शाखा समिति के सदस्य रहे शशिकुमार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद वह अंडरग्राउंड हो गए थे। हालाँकि पुलिस ने उन्हें अंतत: गिरफ्तार कर लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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