Friday, April 26, 2024
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पैसे के लिए किडनी बेचो, सोशल मीडिया पर कैंपन भी… फिर गैंगरेप: केरल से धराए मानव अंग तस्कर शमशाद, महमूद, सैफू

पुलिस ने बताया कि आरोपित मानव अंगों की तस्करी करता था। ये कोच्चि और उसके आसपास के इलाके में बहुत एक्टिव हैं। आरोपितों में से एक 'स्नेहादानम' नामक धर्मार्थ संगठन का पदाधिकारी भी है।

केरल के वायनाड जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मनोरमा की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते पुलिस ने तीन युवकों को निजी अस्पताल के पास एक फ्लैट में महिला के साथ बलात्कार के आरोप में सुल्तान बाथेरी से गिरफ्तार किया गया था। इनकी पहचान कक्कथु परम्बिल निवासी शमशाद वायनाड, मेनकाठ के फासल महमूद और चेमेनकोडे के सैफू रहमान उर्फ शादिक के रूप में की गई ​थी।

पुलिस जब इस मामले की तह तक गई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। दरअसल, अब तक पुलिस जिसे बलात्कार का मामला मान कर तहकीकात कर रही थी, वह तो कुछ और ही निकला। पुलिस ने अब संदेह जताया है कि इन आरोपितों के संबंध मानव अंगों का व्यापार करने वाले माफिया से हो सकते हैं। दरअसल, उन तीनों ने सोची-समझी साजिश के तहत उस महिला से पैसा कमाने के लिए एक योजना बनाई थी। इसके लिए आरोपियों ने सोशल मीडिया पर एक कैंपन भी शुरू किया था।

पुलिस के अनुसार, वायनाड जिले के सुल्तान बाथेरी का रहने वाला शमशाद एक महीने पहले महिला को बहला-फुसलाकर उसकी किडनी बेचने के लिए उसे शहर के एक निजी अस्पताल में लेकर गया था। हालाँकि, जब डॉक्टर ने यह बताया कि उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हैं तो आरोपियों ने सोशल मीडिया पर उसकी बीमारी के जरिए पैसा कमाने की युक्ति बनाई। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन फंडरेजिंग कैंपेन चलाया। बाद में 26 सितंबर को शमशाद उसे कोच्चि ले गया और वहाँ महिला को नशीला जूस पिलाने के बाद बेहोश कर दिया। इसके बाद तीनों ने महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार किया।

पुलिस ने ऐसे साक्ष्य जुटाए

पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले थोवरिमाला में कक्कथु परम्बिल के रहने वाले 24 वर्षीय शमशाद वायनाड को गिरफ्तार किया था, जो एक चैरिटी वर्कर होने का दावा करता है। बाद में उसके साथी 23 वर्षीय फासल महमूद और 26 वर्षीय सैफू रहमान उर्फ ​​शादिक को भी गिरफ्तार किया गया था ।

तीनों आरोपितों को पुलिस हिरासत में लेने वाली जाँच टीम अस्पताल और उस होटल से साक्ष्य जुटाने के लिए कोच्चि ले गई, जहाँ वे पीड़िता को लेकर गया था। पीड़िता को इससे पहले इन स्थानों पर ले जाया गया था। सबूत इकट्ठा करने के दौरान पुलिस ने पाया कि शमशाद द्वारा पहले दिया गया बयान गलत था। उसने पुलिस को बताया था कि महिला होटल के कमरे में अकेली आई थी, लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा तो पाया कि वह पीड़िता के साथ होटल गया था। होटल स्टाफ ने भी इसकी पुष्टि की।

मनोरमा से ऑनलाइन बात करते हुए पीड़िता ने उन्हें अपनी आपबीती बताई। उसने बताया कि आरोपित ने वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए उससे संपर्क किया था, ताकि उसके बच्चों का खर्च पूरा हो सके। उसने पीड़िता को 3 लाख रुपये में अपनी किडनी बेचने के लिए भी मना लिया था। जब वह नहीं मानी तो आरोपित ने अंत में उसे 5 लाख रुपए का प्रलोभन दिया। उसके बाद वह आरोपित के साथ कोच्चि के एक अस्पताल में आई थी। लेकिन वहाँ डॉक्टर ने महिला को डायबिटिक होने के कारण उसे किडनी डोनेशन की इजाजत नहीं दी। इससे शमशाद आगबबूला हो गया।

हद तो तब हो गई जब शमशाद ने इसके बाद भी म​हिला को नहीं छोड़ा। इसके बाद वे तुरंत वायनाड लौट आए। पहली एर्नाकुलम यात्रा के दौरान आरोपित ने महिला से 18,000 रुपए लिए, जो उसे सोने की अंगूठी बेचकर मिले थे। हालाँकि, इसके बाद शमशाद ने महिला को उसके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए लोगों से ऑनलाइन धन जुटाने प्रलोभन दिया। शमशाद ने महिला से उसका डेबिट कार्ड भी छीन लिया और उसमें से 30,000 रुपए भी निकाल लिए जो उसे दूसरों से मिले थे।

पुलिस ने मनोरमा ऑनलाइन को बताया कि आरोपित मानव अंगों (organ mafia racket) की तस्करी करता था। ये कोच्चि और उसके आसपास के इलाके में बहुत एक्टिव हैं। पुलिस ने अब इस मामले में एक और जाँच शुरू कर दी है। आरोपितों में से एक ‘स्नेहादानम’ नामक धर्मार्थ संगठन (charitable organisation) का पदाधिकारी भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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