Thursday, October 10, 2024
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‘भाई की हत्या का बदला लिया’: जानें कौन है तिहाड़ में बंद लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा वाला गोल्डी बरार, सिद्धू मूसेवाला हत्या में आया है नाम

कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बरार का कहना है कि गायक सिद्धू मूसेवाला का नाम अकाली दल के नेता विक्की मिड्दुखेड़ा और उसके चचेरे भाई गुरलाल बरार की हत्या में सामने आया था।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने पंजाबी सिंगर और कॉन्ग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा है कि गोल्डी बरार इस इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। वह लॉरेंस बिश्नोई का करीबी साथी भी है। उसने सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए इसे अपने भाई की मौत का बदला बताया है। 31 वर्षीय लॉरेंस पंजाब के फिरोजपुर जिले के अबोहर में धतरंवाली गाँव के एक संपन्न किसान का बेटा है। उसने अबोहर में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की और बाद में कॉलेज की पढ़ाई के लिए 2010 में चंडीगढ़ चला गया। लॉरेंस बिश्नोई समुदाय से हैं, जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई हिस्सों में बसे हुए हैं। अभी फिलहाल वह राजस्थान की जेल में बंद है।

लॉरेंस बिश्नोई पर हत्या, रंगदारी समेत कुल दो दर्जन मामले दर्ज

उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी समेत कुल दो दर्जन मामले दर्ज हैं। उस पर आरोप है कि वह जेल के अंदर से अपनी गैंग को ऑपरेट कर रहा है। इससे पहले भी उसने राजस्थान, पंजाब में कई बार आतंक फैलाया है। नवंबर, 2019 में जब बिश्नोई को डीलर राजवीर उर्फ सोनू शाह की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए चंडीगढ़ लाया गया था, तो इस बात के सबूत मिले थे कि वह भरतपुर जेल के अंदर से एक सेल फोन का इस्तेमाल कर रहा था। इसको लेकर चंडीगढ़ पुलिस ने भरतपुर जेल प्रशासन के समक्ष यह मुद्दा उठाया था।

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने छात्र राजनीति के जरिए अपराध की दुनिया में कदम रखा। वह चंडीगढ़ में डीएवी कॉलेज, सेक्टर-10 का छात्र था। लॉरेंस 2011 और 2012 में पंजाब विश्वविद्यालय (एसओपीयू) के छात्र संगठन का अध्यक्ष भी रह चुका है। आपराधिक रिकॉर्ड के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ पहली एफआईआर हत्या के प्रयास को लेकर दर्ज की गई थी। उसके बाद अप्रैल 2010 में एक अन्य मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। फिर फरवरी 2011 में बिश्नोई के खिलाफ मारपीट और सेल फोन लूटने का मामला दर्ज किया गया था। तीनों मामले छात्र राजनीति से जुड़े हैं। चंडीगढ़ पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, शहर में लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ सात प्राथमिकी दर्ज की गई थी। चार मामलों में उसे बरी कर दिया गया और तीन में अदालती सुनवाई लंबित है।

बिश्नोई से दो बार पूछताछ करने वाले एक पूर्व पुलिस वाले ने बताया, “लॉरेंस के दो पते थे, जिनमें से एक पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में हॉस्टल नंबर 4 और दूसरा सेक्टर 4, पंचकुला में था। उसे अपने सीनियर्स के साथ रहना पसंद था। वह हमेशा कुछ बड़ा करने के बारे में सोचता रहता था।” वर्ष 2015 में लॉरेंस बिश्नोई मोहाली के पास पुलिस हिरासत से भागने में कामयाब रहा, लेकिन उसे जल्द ही फिर गिरफ्तार कर लिया गया। लॉरेंस ने बीए का पहला साल भी पास नहीं किया। वह 2010 में परीक्षा के दौरान नकल करते हुए पकड़ा गया था।

गोल्डी बरार बोला, ‘चचेरे भाई की हत्या का बदला लिया’

कनाडा में रह रहे गैंगस्टर गोल्डी बरार (Goldy Brar) ने गायक सिद्धू मूसेवाला हत्या की जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा है कि उसने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया था। गोल्डी बरार का कहना है कि गायक का नाम अकाली दल के नेता विक्की मिड्दुखेड़ा और उसके चचेरे भाई गुरलाल बरार की हत्या में सामने आया था। मिड्दुखेड़ा की पिछले साल मोहाली में और गुरलाल बरार की चंडीगढ़ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

कौन है गोल्डी बरार?

सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है। वह पंजाब के फरीदकोट जिले का रहने वाला है। बरार राज्य में चलाए जा रहे रंगदारी रैकेट में शामिल था। आरोप है कि कॉन्ग्रेस नेता गुरलाल पहलवान की हत्या में उसका हाथ था। वह अभी कनाडा में रह रहा है और वहीं से पंजाब में एक मॉड्यूल के जरिए काम कर रहा है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वी के भावरा ने कहा था कि मूसेवाला की हत्या का संबंध शिअद नेता विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या से है।

गोल्डी बरार ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि उसने मूसेवाला की हत्या अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए की थी। इससे पहले मिड्दुखेड़ा की हत्या की जिम्मेदारी बांबिहा गैंग (Bambiha gang) ने ली थी।

AN 94 से ही हुई थी मूसेवाला की हत्या

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की रविवार (29 मई, 2022) को पंजाब के मानसा जिले में हत्या कर दी गई। उनकी हत्या पर बड़ा खुलासा हुआ है। सिद्धू मूसेवाला के कत्ल में जिस अत्याधुनिक हथियार का इस्तेमाल किया गया था, वह रूस का है। पंजाब के गैंगवार में ‘AN 94 Russian Assault Rifle’ का इस्तेमाल पहली बार हुआ है। यह हथियार कितना घातक है, इसका अंदाजा मूसेवाला की थार गाड़ी की हालत को ही देखकर लगाया जा सकता है।

इस असॉल्ट राइफल का वजन 3.85 किलोग्राम है। स्टॉक यानी बट के साथ इसकी लंबाई 37.1 इंच और बगैर स्टॉक के 28.7 इंच होती है। इसके बैरल (नली) की लंबाई 15.9 इंच है। इसमें 5.45×39 mm की गोलियाँ लगती हैं। (AN-94) असॉल्ट राइफल इतना खतरनाक हथियार है कि बर्स्ट मोड में इससे 1800 गोलियाँ दागी जा सकती हैं। इस असॉल्ट राइफल से फुल ऑटोमैटिक मोड में हर मिनट 600 राउंड गोलियाँ निकलती हैं। इसके अलावा इस असॉल्ट राइफल की फायरिंग रेंज (Firing Range) 700 मीटर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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