कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने आशंका जताई थी कि केरल से ISIS में शामिल होने गए कट्टरपंथी तालिबान में शामिल हो चुके हैं। थरूर द्वारा केरल के कट्टरपंथी युवाओं को लेकर कही गई इस बात से ‘लिबरल’ समुदाय भड़क उठा।
थरूर के बयान से द क्विंट के पत्रकार आदित्य मेनन भी नाखुश दिखाई दिए। द क्विंट पहले भी इस्लामी कट्टरपंथियों के अपराधों को छुपाने के लिए लेख प्रकाशित करता रहा है और उन्हें ‘बेटा’, ‘दोस्त’ या पति कहते हुए उनका महिमामंडन करता रहा है। मेनन पूर्व में शरजील इमाम जैसे कट्टरपंथी का समर्थन भी कर चुके हैं जिसने भारत के पूर्वोत्तर हिस्से को मुख्य भूमि से अलग करने की बात कही थी। मेनन के अलावा दूसरे अन्य मुस्लिमों ने भी थरूर को आड़े हाथों लिया और उन पर RSS के सुर में बोलने का आरोप लगाया।
The popular Mallu uncle expert in English language started throwing fellow Malayalis under the bus for intuitions he gets because of his liberal RSS circle.
— Shameela (@shaikhshameela) August 17, 2021
But uncle forget that there are many common words in differnt languages across the subcontinent and neighboring regions.
कई लिबरल इसलिए नाराज थे क्योंकि थरूर द्वारा केरल के युवाओं की कट्टरता पर ध्यान आकृष्ट कराना, दक्षिणपंथी इकोसिस्टम की सहायता करेगा। इसका मतलब यही हुआ कि दक्षिणपंथी इकोसिस्टम की सहायता, केरल के युवाओं द्वारा ISIS में शामिल होने से कहीं ज्यादा बड़ा खतरा है।
This is highly problematic. Making statements like this especially when the Right Wing eco system is going on a hate campaign against Kerala regarding people joining jihadist groups. And you being an MP from Kerala’s capital should be knowing better.
— Korah Abraham (@thekorahabraham) August 17, 2021
इस मुद्दे का समाधान ढूँढने से ज्यादा लिबरल इस बात को लेकर चिंतित दिखाई दिए कि थरूर के बयान के बाद एक ‘हेट कैंपेन’ शुरू हो जाएगा।
Dr @ShashiTharoor, I understand what you mean. It is definitely a cause of concern. But when an MP puts out a tweet based on a mere doubt, it can be misleading and add fuel to the already existing generalization.
— Korah Abraham (@thekorahabraham) August 17, 2021
थरूर ने एक और ट्वीट किया जिसमें केरल की निमिषा फातिमा के बारे में जानकारी दी गई थी जो ISIS में शामिल होने के लिए भारत छोड़कर चली गई थी और अफगानिस्तान में कैद में थी। संभावना है कि फातिमा उन 5000 कैदियों में से एक है जिन्हें तालिबान द्वारा रिहा किया गया है। थरूर के इस ट्वीट के बाद भी लिबरल भड़क उठे और उनसे पूछा कि उन्हें कैसे पता कि तालिबान में केरल के लोग भी हैं।
I am sure all those who decried my tweet about the possibility of Malayalis in the Taliban will now notice the ones who were released from the government’s prisons today: https://t.co/N1aDLXrZ4O
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 17, 2021
फिलिस्तीन का झंडा अपनी प्रोफाइल में लगाए हुए कुछ ट्विटर यूजर ने शशि थरूर पर आरोप लगाया कि उन्होंने घृणा फैलाने वालों के लिए अपने राज्य को धोखा दिया है।
Mr @ShashiTharoor, you should’ve stop this with that first tweet which was actually unwanted, misinterpreted, and inappropriate, but you’re continuing with this to prove you’re saying something worthwhile, which is actually equal to betraying a whole state for hate spewers.
— Master VJN 🇵🇸 (@TweetsofVJN) August 17, 2021
ज्ञात हो कि तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (17 अगस्त) को ट्वीट कर अफगानिस्तान में आतंक मचाने वाले तालिबानियों में दो भारतीयों के शामिल होने की आशंका जताई थी। थरूर ने दावा किया था कि उन्होंने वीडियो में दो भावुक तालिबानियों को मलयालम में बातचीत करते हुए सुना है। थरूर ने लिखा, “ऐसा प्रतीत होता है कि तालिबान ने केरल के कम से कम दो मलयाली लोगों को भर्ती किया है। इनमें से एक को 8 सेकेंड के आसपास ‘संसारिककिट्टे’ (मलयाली शब्द) बोलते हुए सुना जा सकता है और दूसरा तालिबानी इसे समझता है।”