बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि बहुत ज्यादा दिनों तक शराबबंदी इसका कारोबार करने वाले व्यापारियों की रोजी-रोटी के अधिकारों का उल्लंघन है। इसी के साथ उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के 4 जिलों में होने वाले एमएलसी (MLC) चुनावों के मद्देनजर तय की गई शराबबंदी की समय सीमा को कम करके चार दिन के बजाय एक दिन का कर दिया गया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के नए आदेश के बाद अब संबंधित जिलों में शराबबंदी सिर्फ चुनाव के दिन यानी 30 जनवरी 2023 को ही लागू होगी। पहले यह समय सीमा 28 जनवरी से 31 जनवरी 2023 तक तय की गई थी।
लाइव लॉ के मुताबिक स्थानीय प्रशासन द्वारा लगाई गई 4 दिनों की शराबबंदी के खिलाफ शराब के कारोबारियों का एसोशिएशन हाईकोर्ट गया था। इस याचिका में एसोसिएशन ने रायगढ़, नासिक, पुणे और पालघर के जिलाधिकारियों के साथ महाराष्ट्र के चुनाव अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया था। केस की सुनवाई जस्टिस मिलिंद जाधव की कोर्ट में हुई।
इस सुनवाई के दौरान एसोसिएशन के व्यापारियों ने 4 दिनों की शराबबंदी को अपनी और अपने यहाँ काम करने वाले लोगों की रोजी-रोटी पर संकट बताया। हालाँकि इसी बहस में महाराष्ट्र प्रशासन ने अपने आदेश को सही ठहराने का प्रयास किया।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जस्टिस जाधव ने शराब कारोबारियों के एसोसिएशन के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि रोजगार देने वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लम्बे समय तक रोक लगाना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। कोर्ट ने ऐसे प्रतिबंध लगाने वाले अधिकारियों को और अधिक सोच-विचार कर निर्णय लेने की भी सलाह दी।
अपनी टिप्पणी में जस्टिस जाधव ने यह भी कहा कि जिस चुनाव के मद्देनजर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं वो संसदीय चुनाव नहीं हैं, इसलिए उस नजरिए से इसे नहीं देखा जाना चाहिए। अंतिम आदेश में अदालत ने संबंधित जिलों में शराब की बिक्री पर 4 दिनों की रोक के बजाए मात्र चुनाव के दिन यानी 30 जनवरी 2023 को ही ऐसा करना न्यायोचित माना।
इस मामले में 2 याचिकाएँ एक साथ सुनी गईं। दोनों याचिकाओं में शराब के कारोबारी वादी और महाराष्ट्र प्रशासन प्रतिवादी थे। कोर्ट ने केस में प्रतिवादी बनाए गए पक्षों से 4 हफ्ते में इस बावत शपथ पत्र जमा करने का निर्देश देते हुए मामले को 23 फरवरी 2023 तक के लिए पोस्ट कर दिया।