Saturday, July 27, 2024
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लखनऊ: प्रशासन को बताए बिना हिन्दू युवती से मुस्लिम युवक कर रहा था शादी, नए अध्यादेश का हवाला देकर पुलिस ने रोकी

“लखनऊ के पारा क्षेत्र में यह शादी होनी थी। तय योजना के मुताबिक़ पहले हिन्दू परम्पराओं के आधार पर शादी होनी थी। इसके बाद मुस्लिम रिवाजों से निकाह भी होना था। युवक और युवती के परिजन इससे सहमत भी थे, लेकिन पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही शादी रोक दी।”

हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार धर्म परिवर्तन को लेकर नया अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश के उल्लंघन का हवाला देते हुए पुलिस ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार (2 दिसंबर 2020) को एक अंतर धार्मिक विवाह रुकवाया। लखनऊ के पारा क्षेत्र में हिन्दू युवती और मुस्लिम युवक शादी करने जा रहे थे। इसकी सूचना हिन्दू संगठनों ने पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुँच पुलिस ने शादी रुकवाई। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ युवक और युवती ने आपसी सहमति के बाद शादी करने का निर्णय लिया था। पुलिस ने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश का हवाला देते हुए कहा कि शादी के पहले दोनों को जिलाधिकारी से ‘अनुमति’ लेनी होगी। हिन्दू युवती का नाम रैना गुप्ता (22) है, वह रसायन शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएट है और मुस्लिम युवक मोहम्मद आसिफ (24) फार्मासिस्ट है। 

इस घटना के संबंध में जानकारी देते हुए एडिशनल डीएसपी साउथ सुरेश चन्द्र रावत ने कहा, “लखनऊ के पारा क्षेत्र में यह शादी होनी थी। तय योजना के मुताबिक़ पहले हिन्दू परम्पराओं के आधार पर शादी होनी थी। इसके बाद मुस्लिम रिवाजों से निकाह भी होना था। युवक और युवती के परिजन इससे सहमत भी थे, लेकिन पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही शादी रोक दी।” उन्होंने यह भी कहा कि इस विवाह को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 की धारा 3 और 8 (खंड दो) के आधार पर रोका गया है।  

घटना के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह ने कहा कि नरपतखेड़ा के डूडा कॉलोनी निवासी विजय गुप्ता की बेटी रैना की शादी मोहम्मद आसिफ के साथ हो रही थी। राष्ट्रीय युवा वाहिनी के प्रदेश संयोजक (अल्पसंख्यक मोर्चा) मोहम्मद यासिर खान और अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार शुक्ला ने इस विवाह के बारे में सूचित किया।

इसके बाद पुलिस ने बुधवार शाम लगभग 4 से 5 बजे के बीच मौके पर पहुँच कर शादी रोकने की बात कही। पुलिस ने दोनों पक्षों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए अध्यादेश के बारे में बताया। पुलिस ने दोनों पक्षों को इसकी पूरी प्रक्रिया भी समझाई और कहा इसके बिना शादी संभव नहीं है। 

इस बात पर युवक और युवती दोनों ने सहमति जताई। लड़की के परिजनों का कहना था कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि अंतर धार्मिक विवाह के लिए दोनों पक्षों के सहमत होने के बावजूद जिला मजिस्ट्रेट की मंज़ूरी के बाद ही शादी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अब वह मजिस्ट्रेट से अनुमति लेकर शादी करेंगे।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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