Monday, May 19, 2025
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महादेव की नगरी काशी बनेगी विश्‍व की सबसे बड़ी संस्‍कृत नगरी: CM योगी की बड़ी पहल

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संस्कृत विद्यालय वाराणसी में संचालित हो रहे हैं। यहाँ पर संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी सबसे अधिक है। वाराणसी में 110 से अधिक संस्कृत स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक इस बार प्रदेश में संस्‍कृत के 13 नए विद्यालयों को मान्‍यता देने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश स्थित धर्मनगरी वाराणसी किसी पहचान किसी पहचान की मोहताज नहीं है। काशी के घाट, गलियाँ, कपड़ों से लेकर खान-पान सब कुछ एक अलग ही पहचान को दर्शाते हैं। इसी प्रसिद्धि को गति दिया है राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने। जहाँ उनकी पहल के बाद देवलोक व महादेव की धर्मनगरी कही जाने वाली काशी अब विश्व में संस्कृत नगरी के रूप में जानी जाएगी।

प्रदेश में सबसे अधिक संस्कृत विद्यालय वाराणसी में है

बता दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संस्कृत विद्यालय वाराणसी में संचालित हो रहे हैं। यहाँ पर संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी सबसे अधिक है। वाराणसी में 110 से अधिक संस्कृत स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। काशी के बाद जौनपुर में संस्कृत के सबसे अधिक स्कूल हैं। संस्कृत भाषा के विस्तार और उसे अलग पहचान दिलाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार जल्दी माध्यमिक व बेसिक शिक्षा की तर्ज पर संस्कृत निदेशालय बनाने को तैयार है। इसकी घोषणा सीएम ने अपने बजट में की थी।

संस्कृत भाषा को मिलेगी नई पहचान

निदेशालय बनने के बाद संस्कृत भाषा को नई पहचान मिल सकेगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत में प्रेस विज्ञप्ति जारी करने का काम किया। साथ में उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से संस्कृत में ट्वीट भी किया था। सीएम की इस पहल के बाद संस्कृत बोर्ड ने भी प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने का काम शुरू कर दिया।

अधिकारियों के मुताबिक इस बार प्रदेश में संस्‍कृत के 13 नए विद्यालयों को मान्‍यता देने की तैयारी है। इन स्‍कूलों ने अपने निर्धारित मानकों को पूरा कर लिया है। इसमें काशी में दो और नए विद्यालय खुलेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश में संस्‍कृत के कुल 1164 विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इसमें से 971 विद्यालय अनुदानित है जबकि 2 संस्‍कृत भाषा के राजकीय विद्यालय है। इनमें 97 हजार से अधिक छात्र-छात्राएँ अध्‍ययन कर रहे हैं।

नि:शुल्‍क भोजन व छात्रावास की सुविधा

नए सत्र में इनमें 13 विद्यालय और जुड़ जाएँगे। संस्कृत विद्यालयों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए इनमें कंप्यूटर शिक्षा के साथ कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाया जा रहा है। यही नहीं योगी सरकार ने प्रदेश के 200 से अधिक गुरुकुल पद्धति के संस्‍कृत विद्यालयों के 4 हजार से अधिक छात्रों को नि:शुल्‍क भोजन व छात्रावास की सुविधा देने का फैसला भी किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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