मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के आने के बाद से कानून व्यवस्था चौपट होती जा रही है। अब प्रदेश के गुना जिले में बाल विवाह का मामला सामने आया है। वो भी प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के जिले में। इमरती देवी गुना से ही महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं। इन्हीं के जिले में इस तरह का गैरकानूनी काम हो रहा था। मगर इन्हें भनक तक नहीं लगी।
गुना के फतेहगढ़ में 8 साल के लड़के का विवाह 7 साल की एक लड़की के साथ किया गया है। इस बाल विवाह में दोनों पक्षों की रजामंदी थी। दोनों पक्षों ने बकायदा कार्ड भी छपवाए और पूरे रीति-रिवाज के साथ मासूमों की शादी करवाई। इस बाल विवाह के बारे में पूरे गाँव को पता था, लेकिन पुलिस-प्रशासन को इसकी खबर नहीं थी। पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब शादी के बाद मासूम बच्ची के पिता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुँच कर दहेज मामलों से संबंधित शिकायत दर्ज कराई।
दरअसल, शादी के बाद दहेज को लेकर दोनों पक्षों में झगड़ा शुरू हो गया। जिसके बाद गुस्से में लड़की के पिता ने पुलिस में जाकर इस बात की शिकायत कर दी। शादी करने वाले बच्चों की उम्र जानकर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तुरंत 4 महिलाओं और 7 पुरुषों के खिलाफ FIR दर्ज किया।
पुलिस ने उस पंडित को भी नही बख्शा, जिसने फेरे लगवाए थे। बाल विवाह अधिनियम के तहत फतेहगढ़ थाने में कुल 11 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने आनन-फानन में 6 आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उन्हें जेल भेज दिया गया है। बाल विवाह के इस मामले में जिला प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठा है। शायद इसलिए, क्योंकि जिले की प्रभारी महिला और बाल विकास मंत्री इमरती देवी हैं।