Saturday, November 16, 2024
Homeदेश-समाजजामिया की हिंसा देखी, मजहबी नारे सुने: अब देखिए माखनलाल के पीड़ित छात्रों का...

जामिया की हिंसा देखी, मजहबी नारे सुने: अब देखिए माखनलाल के पीड़ित छात्रों का मौन विरोध

पुलिस की हिंसात्मक कार्रवाई के विरोध में छात्रों ने मुँह पर काली पट्टी बाँधकर मौन कैंडल मार्च निकाला। विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी की इस्तीफे की माँग की। साथ ही प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार को बर्खास्त करने और अपने खिलाफ दर्ज FIR वापस लेने की माँग की।

विरोध के नाम पर कुछ दिन पहले आपने जेएनयू के छात्रों का उत्पात देखा होगा। फिलहाल राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र अपने हिंसक प्रदर्शन से सुर्खियों में हैं। यहॉं प्रदर्शन के दौरान मजहबी और उन्मादी नारे लगाते छात्रों के वीडियो भी सामने आए हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी विरोध का ऐसा ही रूप दिखा। ऐसे वक्त में भी भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों का विरोध एक मिसाल के तौर पर उभरा है।

अपने ही प्रोफेसरों से प्रताड़ित इन छात्रों के साथ बीते दिनों पुलिस ने भी जोर-जबर्दस्ती की थी। बावजूद सोमवार (दिसंबर 16, 2019) की शाम जब ये भोपाल की सड़कों पर निकले तो कोई शोर-शराबा नहीं हुआ। न सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुॅंचाया गया। न ही आम लोगों को इससे कोई परेशानी हुई। शायद यही कारण है कि लुटियंस मीडिया के लिए इनका विरोध मायने नहीं रखता है।

पुलिस की हिंसात्मक कार्रवाई के विरोध में छात्रों ने मुँह पर काली पट्टी बाँधकर मौन कैंडल मार्च निकाला। शांतिपूर्ण तरीके से मार्च करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी की इस्तीफे की माँग की है। साथ ही प्रोफेसर दिलीप मंडल और मुकेश कुमार को बर्खास्त करने और अपने खिलाफ दर्ज FIR वापस लेने की माँग की। छात्रों ने सोमवार की शाम 6 बजे बोर्ड ऑफिस चौराहे से विश्वविद्यालय तक मौन रैली निकाली। इसमें कई कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

नई दुनिया के भोपाल संस्करण में प्रकाशित खबर

कुछ सामाजिक संगठनों का समर्थन भी इन्हें हासिल था। ऐसे ही एक संगठन संस्कृति बचाओ मंच के कार्यकर्ताओं ने भी दिलीप मंडल व मुकेश कुमार को बर्खास्त करने के समर्थन में ज्ञापन सौंपा है। साथ ही छात्रों पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की भी माँग की है। संस्कृति बचाओ मंच की तरफ से छात्रों के समर्थन में विश्विद्यालय को ज्ञापन सौंपते हुए मंच के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने कहा कि छात्रों पर की जा रही कार्रवाई गलत है। इससे पहले ओबीसी एसटी-एसटी एकता मंच ने दोनों फैकल्टी के समर्थन में विवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था।

उल्लेखनीय है कि दिलीप मंडल और मुकेश कुमार पर छात्रों के बीच जातिगत भेदभाव कर माहौल खराब करने का आरोप है। छात्रों का आरोप है कि दिलीप मंडल और मुकेश कुमार सोशल मीडिया पर जाति विशेष को लेकर लगातार पोस्ट कर रहे हैं। छात्रों ने इस संबंध में 11 दिसंबर को कुलपति को ज्ञापन सौंपते हुए शिकायत की थी कि दिलीप सी मंडल और मुकेश कुमार जाति के आधार पर छात्रों के साथ भेदभाव करते हैं और जातिगत कटुता बढ़ाने का काम कर रहे हैं। मगर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से न तो उनसे संपर्क करने की कोई कोशिश की गई और न ही ज्ञापन से संबंधित कोई जवाब दिया गया। उल्टा प्रशासन ने इनके खिलाफ FIR करवा दी और फिर पुलिस ने भी छात्रों के साथ काफी बर्रबरता से मारपीट की। 

कड़ाके की ठंड, घुप्प अँधेरी रात, 20 किमी घुमाया, कपड़े उतरवाए: दिलीप मंडल का विरोध करने की सजा

पूरा नाम क्या है? जाति जानने के बाद प्रताड़ित करते हैं दिलीप मंडल: माखनलाल यूनिवर्सिटी के छात्र

दिलीप मंडल पढ़ाने की जगह ‘जाति के आधार पर विभाजन’ खड़ा कर रहे हैं: माखनलाल यूनिवर्सिटी में बवाल

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत में दिया जीत का ‘महामंत्र’, बताया कैसे फतह होगा महाराष्ट्र का किला: लोगों से संवाद से लेकर बूथ...

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनको चुनाव को लेकर निर्देश दिए हैं।

‘पिता का सिर तेजाब से जलाया, सदमे में आई माँ ने किया था आत्महत्या का प्रयास’: गोधरा दंगों के पीड़ित ने बताई आपबीती

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के नरसंहार के 22 वर्षों बाद एक पीड़ित ने अपनी आपबीती कैमरे पर सुनाई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -