मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सोमवार को गुर्जर महाकुंभ का आयोजन हुआ, जिसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा जैसे कई राज्यों से गुर्जर पहुँचे और अपनी माँगों को रखा। इन माँगों में प्रमुख माँग सम्राट मिहिरभोज की मूर्ति के आसपास लगी टिन शेड को हटाने की तो थी ही, भाजपा और कॉन्ग्रेस से जनसंख्या के अनुपात में टिकटों की माँग भी शामिल थी। शुरू में भले ही गुर्जर महाकुंभ राजनीतिक रहा हो, लेकिन कलेक्टरी में ज्ञापन देने के दौरान ये हिंसक हो गया। और भारी संख्या में वाहनों को जलाने के साथ तोड़-फोड़ की घटना भी सामने आई है।
करीब दो दर्जन बलवाई गिरफ्तार
वहीं उपद्रवी बन चुके गुर्जरों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। गुर्जरों ने करीब दो सौ गाड़ियों को नुकसान पहुँचाया, अधिकांश गाड़ियों को फूँक देने की बात सामने आई है। अब एफआईआर दर्ज हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि अब तक हिंसा से जुड़े 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 5 एफआईआर में 20-25 नामजद लोगों के अलावा 700 अज्ञात लोगों के नाम जोड़े गए हैं। इन नामजद लोगों में कुछ नाम चौंकाने वाले हैं। जिसमें दिल्ली से सटे मेरठ के सरधना के सपा विधायक अतुल प्रधान और बिजनौर से बसपा के सांसद मलूक नागर जैसे नेताओं के भी नाम हैं।
बलबा करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इन लोगों ने भड़काऊँ भाषण दिए और लोगों को हिंसा के लिए उकसाया। अब इनके नाम से एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। उल्लेखनीय बात ये है कि ये दोनों ही नेता दिल्ली के पास के हैं और विपक्षी दलों के हैं। इन लोगों ने अपने साथ गए समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाया था। बताया जा रहा है कि इनके खिलाफ बलवा करने, शासकीय कार्य मे बाधा पहुँचाने जैसे मामलों में केस दर्ज हुए हैं।
सोमवार की शाम को जमकर हुआ बवाल
गौरतलब है कि सोमवार को गुर्जर महाकुंभ के बाद भीड़ ने कलेक्ट्रेट में हंगामा कर उपद्रव मचाया था। भीड़ ने पुलिस अफसरों से मारपीट कर पथराव किया। फूलबाग मैदान में आयोजित गुर्जर महाकुंभ में भड़काऊ भाषण के बाद दोपहर 1.30 बजे करीब 2000 युवा फूलबाग चौराहे पर आ गए और जबरदस्त हंगामा किया। इसके बाद शाम 4.30 बजे के लगभग गुर्जर युवाओं ने कलेक्ट्रेट में उपद्रव मचाया। हंगामे के दौरान शहर भर में 200 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई, जिसमें अधिकारियों के साथ ही आम लोगों की संपत्तियों, गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया।
हिंसा का चुनावी कनेक्शन?
गुर्जर महाकुंभ में हुई हिंसा को चुनावी राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। चूँकि, महाकुंभ के दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान में गुर्जरों के लिए राजनीतिक पार्टियों से सीटों की माँग भी की गई। और ये महाकुंभ गुर्जरों की सियासी ताकत को दिखलाने के लिए भी थी। ऐसे में बसपा और सपा नेताओं का पहुँचना और भाजपा शासित राज्य में हिंसा का फैलना कहीं न कहीं चुनावी राजनीति की तरफ ही इशारा कर रहा है।