मध्य प्रदेश के उज्जैन में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले ऑटो रिक्शा ड्राइवर भरत सोनी के परिजनों ने उसके लिए मौत की सजा की माँग की है। आरोपित के पिता ने कहा कि पीड़िता भी किसी की बेटी है। मीडिया से बात करके हुए पिता भभक कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि बेटे की करतूत की वजह से पूरा परिवार शर्मिंदा है।
आरोपित के पिता राजू सोनी ने कहा, “अगर मैं होता तो पुलिस की हिरासत में नहीं आता। मैं मर गया होता… उसे उसके अपराध के लिए फाँसी दी जानी चाहिए। वह (पीड़िता) भी एक बेटी है, वह एक इंसान है… वह हमारी भी बेटी है।” उन्होंने कहा, “उसे पकड़ना नहीं चाहिए था, सीधे गोली मार देना चाहिए थी। अगर मुझसे ऐसा गुनाह होता तो मैं सुसाइड कर लेता।”
उन्होंने कहा, “अगर उस पीड़िता की जगह मेरी बच्ची होती तो मैं भी तो यही चाहता। इस प्रकार का गुनाह जो भी करता है, उसे जीने का अधिकार नहीं है। बच्चा मेरा हो या किसी का, इस प्रकार के गुनाह करने वाले को फाँसी दे देनी चाहिए और गोली मार देनी चाहिए।”
उन्होंने अपने बेटे का जिक्र करते हुए कहा, “ऐसे इंसान को और क्या सजा दी जानी चाहिए? यदि आप ऐसे लोगों को मौत की सज़ा देंगे तो ही यह एक उदाहरण स्थापित करेगा और लोगों को इस तरह का अपराध करने से पहले कम से कम 50 बार सोचने पर मजबूर करेगा।”
राजू सोनी ने कहा, “ऐसा होने के बाद से मैं खाना नहीं खा पा रहा हूँ। हम सब बहुत तनाव में हैं। हमें घर से बाहर निकलने में भी बहुत शर्म महसूस होती है…। मैं पुलिस स्टेशन या अदालत भी नहीं जाऊँगा। मैंने अपने बेटे को कभी ये सब नहीं सिखाया और न ही मैंने कभी कोई अपराध किया है।”
राजू सोनी ने कहा कि अपने आरोपित बेटे को देखने अस्पताल भी नहीं गए थे। दरअसल, पुलिस जब भरत को गिरफ्तार कर घटनास्थल पर ले जा रही थी तो उसने भागने की कोशिश की। उसने पुलिस वालों पर पथराव भी किया और भागते वक्त गड्ढे में गिर गया था। इससे उसे चोट लगी है और इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था।
टाइम्स नाऊ से बातचीत करते हुए ऑटो रिक्शा चालक पिता ने कहा, “उसने तो हमें जीते जी मार डाला। कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। अब हम किसी के सामने कैसे जाएँगे? कैसे जिएँगे? हम दूध लाने तक नहीं जा रहे हैं। मैं जिंदगी भर उसकी शक्ल नहीं देखूँगा। इस घर में मौत भी होगी तो उसे यहाँ नहीं आने दूँगा। मैं जज साहब और मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूँ कि उसे गोली मार दें। इससे कोर्ट का समय भी बचेगा।”
भरत सोनी के खिलाफ पहले भी दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह तीसरा मामला है, जो POCSO तथा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है। उसने नाबालिग पीड़िता को अकेली देखकर उसका यौन शोषण किया था। इसके बाद उसे एक जगह छोड़ दिया था।
इसके बाद खून से लथपथ पीड़िता लगभग 8 किलोमीटर पर भूखे प्यासे और दर्द से बेचैन होकर अधनंगी हालत में सड़कों पर घूमती रही। इस दौरान उसने कई लोगों पानी और अन्य मदद भी माँगी, लेकिन किसी ने नहीं दी। आखिरकार एक मठ के महंत ने उसे खाना-पानी और कपड़े दिए और फिर पुलिस को फोन करके इस मामले की जानकारी दी थी।
मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपित को पकड़ने का अभियान तेज कर दिया और पाँच ऑटो चालकों को पकड़ कर थाने में कड़ाई से पूछताछ की। पुलिस ने भरत सोनी को गुरुवार (28 सितंबर 2023) को फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया था। आरोपित भरत सीसीटीवी फुटेज में उज्जैन रेलवे स्टेशन के पास लड़की के साथ बातचीत करते हुए दिखाई दिया था। वहीं, पुलिस ने सबूत को मिटाने के आरोप में एक दूसरे ऑटोरिक्शा चालक राकेश मालवीय को भी गिरफ्तार किया है।
सतना के एडिशनल पुलिस अधीक्षक शिवेश सिंह बघेल ने कहा, “वायरल वीडियो को देखकर हमने लड़की की पहचान की। उसके खिलाफ सोमवार (25 सितंबर) को जैतवारा पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई थी। इसके बाद उज्जैन पुलिस को सूचित किया। नाबालिग के दादा ने उसकी पहचान की पुष्टि की।”
इस तरह अगर सामाजिक संरचना और उसमें घटित होने वाली बलात्कार जैसी वीभत्स घटनाओं को ध्यान दें तो बेटे की करतूत पर लज्जित पिता और उसका परिवार स्वयं को घनघोर अपमानित महसूस कर रहा है। यह हिंदू समाज का प्रच्छन्न व्यवहार है जो सामाजिकता को बचाए हुए है, जबकि ऐसी अनुभूति दूसरे जगहों पर देखने को आमतौर पर नहीं मिलती है, बल्कि अपने परिजनों को बचाने की कोशिश की जाती है। जैसे की निकिता तोमर हत्याकांड में हुआ।
इसी तरह की बात आतंकी घटनाओं में भी देखने को मिलती है, जब घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति के परिजन उसे सजा दिलाने के बजाय आरोपित को बचाने के लिए तमाम तर्क और कुतर्क देते हैं। जैसा का गोरखपुर में ISIS आतंकी घटना वाले मामले में उसके परिजनों ने किया। परिजनों ने उसे बचाने के लिए मानसिक विक्षिप्त जैसी झूठी कहानी तक गढ़ दी।
यहाँ आतंकी घटना को अंजाम देने वाले अफजल गुरु जैसों को फाँसी दी जाती है तो उसे शहीद बताया जाने लगता है। अगर कोई लड़का किसी की हत्या करता है तो पूरा कट्टरपंथी समाज उसे बचाने में लग जाता है। उसके लिए कठोर सजा की माँग करना तो दूर की बात है। इसके अनेक उदाहरण हैं।