Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजसमलैंगिक संबंधों पर मनोवैज्ञानिक से 'क्लास' लेंगे हाई कोर्ट जज, कहा- शब्द दिमाग से...

समलैंगिक संबंधों पर मनोवैज्ञानिक से ‘क्लास’ लेंगे हाई कोर्ट जज, कहा- शब्द दिमाग से नहीं दिल से निकलने चाहिए

जस्टिस वेंकटेश ने कहा कि इस मामले में शब्द उनके दिल से आने चाहिए, दिमाग से नहीं। यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक वो इस मामले की पूरी समझ न रख लें। उन्होंने मनोविज्ञान शिक्षिका विद्या दिनाकरन से सुविधानुसार अपॉइंटमेंट देने को कहा है।

समलैंगिक संबंधों के बारे में समझ बढ़ाने के लिए मद्रास हाई कोर्ट के एक जज ने मनोवैज्ञानिक से सलाह लेने का फैसला किया है। जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने कहा है कि समलैंगिक सेक्स के मामले में उनकी समझ अच्छी नहीं है। इसे समझने के लिए उन्होंने एक मनोवैज्ञानिक के साथ ‘शैक्षिक सत्र’ की योजना बनाई है। जज ने कहा कि इस साइको-एजुकेशन सेशन से उन्हें सेम सेक्स रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट समझने में मदद मिलेगी।

असल में जस्टिस वेंकटेश एक समलैंगिक जोड़े द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने समलैंगिक जोड़े से कहा कि उनके परिवार एक-दूसरे के साथ समय व्यतीत करें और काउंसिलिंग सेशन में हिस्सा लें, ताकि एक-दूसरे को अच्छे से समझ सकें। समलैंगिक जोड़ों के सम्मान और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट को आगे भी कई फैसले सुनाने हैं, जिसमें इस सेशन से मदद मिलेगी।

समलैंगिक जोड़ों के सम्बन्ध में मद्रास हाई कोर्ट को दिशा-निर्देश जारी करने का निवेदन किया गया था, जिसके जवाब में जस्टिस वेंकटेश ने कहा कि इस मामले में वो और समय चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शब्द उनके दिल से आने चाहिए, दिमाग से नहीं। यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक वो इस मामले की पूरी समझ न रख लें। उन्होंने मनोविज्ञान शिक्षिका विद्या दिनाकरन से सुविधानुसार अपॉइंटमेंट देने को कहा है।

उन्होंने कहा कि एक बार वे इस मामले की समझ लेकर और शिक्षित होकर फैसला देंगे तो शब्द उनके दिल से निकलेंगे। इस मामले में उन्होंने एक NGO को समलैंगिक जोड़े की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी और उनके काउंसल से दोनों के माता-पिता से बात कर उनके बीच समझ विकसित करने को कहा। दोनों के परिवार ने इससे जुड़े कई मुद्दे उठाते हुए समाज की सोच की बात की थी। कोर्ट ने कहा कि रातोंरात कुछ नहीं होगा, इसलिए थोड़ा समय देकर उनके मन में समलैंगिक जोड़े को लेकर सकारात्मक बात बिठाई जाए।

जिस समलैंगिक कपल की यहाँ बात हो रही है, उसमें दोनों महिलाएँ हैं। दोनों महिलाओं के परिजनों ने मिसिंग कंप्लेन दर्ज करवाई थी, जिसे बंद करने के लिए हाई कोर्ट में अपील की गई है। कोर्ट ने कहा कि मनोवैज्ञानिक का मानना है कि दोनों महिलाओं ने इस रिश्ते को समझ कर ही फैसला लिया है। दोनों को उनके परिवारों को सौंपने के मुद्दे पर विद्या ने कहा कि उन्हें अलग-अलग रहने को मजबूर किया जा सकता है और इससे उनकी प्रताड़ना होगी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe