Friday, October 11, 2024
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जम्मू कश्मीर में पहली बार आधिकारिक रूप से मनाई गई महाराजा हरि सिंह की जयंती, अवकाश का भी ऐलान: भगवा पगड़ी और तलवार के साथ जुटे लोग

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "मैं महाराजा हरि सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूँ। वह एक समाज सुधारक और उच्च आदर्शों वाले व्यक्ति थे।"

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से कई मामलों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इसी सिलसिले में यहाँ पहली बार आधिकारिक रूप से जम्मू कश्मीर के अंतिम राजा, महाराजा हरि सिंह की जयंती मनाई जा रही है। महाराज हरि सिंह की जयंती (23 सितंबर) पर उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वार्षिक अवकाश की भी घोषणा की थी।

महाराजा हरि सिंह का जन्म 23 सितंबर, 1885 को हुआ था। यानी, यह उनकी 127वीं जयंती है। उनकी जयंती जम्मू कश्मीर में बेहद धूमधाम से मनाई जा रही है। इसके लिए कई शहरों में कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं।

इन कार्यक्रमों में केसरिया पगड़ी, हाथों में तलवार, दिल में जोश, उमंग और उत्साह के साथ लोग महाराजा हरि सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए नजर आ रहे हैं। जम्मू के डोगरा चौक व तवी ब्रिज में आयोजित कार्यक्रमों में अलग-अलग संगठनों और आम लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर महाराजा को श्रद्धांजलि दी है। इस श्रद्धांजलि सभा में ‘महाराजा हरि सिंह अमर रहें’ के नारे लगातार गूँजते रहे।

महाराजा हरि सिंह की जयंती पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “मैं महाराजा हरि सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूँ। वह एक समाज सुधारक और उच्च आदर्शों वाले व्यक्ति थे।” वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा “सच्चे दूरदर्शी, देशभक्त और जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह जी को आज उनकी जयंती पर नमन।”

महाराजा हरि सिंह की जयंती पर उनके पोते और पूर्व विधायक युवराज विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि किसी को यह नहीं भूलना कि महाराजा ने जनता के लिए क्या-क्या कदम उठाए थे। महाराजा पाकिस्तान के दबाव के आगे नहीं झुके थे। उन्होंने बताया कि कैसे महाराजा ने भारत के साथ अपनी रियासत का विलय किया था और दलित समाज के उत्थान के लिए कई कदम उठाए छुआछूत को खत्म किया। युवराज विक्रमादित्य ने यह भी कहा कि वह पीएम मोदी व उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा का धन्यवाद करते हैं।

बता दें कि साल 1961 में महाराजा हरि सिंह के निधन के बाद से जम्मू कश्मीर के लोग महाराजा की जयंती पर अवकाश की माँग कर रहे थे। लेकिन, किसी भी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया था। हाल ही में भाजपा नेताओं व कई संगठन के के लोगों ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से अवकाश की माँग की थी। जिसके बाद, केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया था और फिर महाराजा हरि सिंह की जयंती 23 सितंबर को वार्षिक अवकाश के रूप में घोषित किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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