देश में लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या के डर के बीच महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र के प्रख्यात संत ज्ञानेश्वर और तुकाराम महाराज की बहुप्रतिक्षित वार्षिक “पालकी” कार्यक्रम को फिलहाल रद्द कर दिया है। वहीं जम्मू-कश्मीर के खीर भवानी मेले को फिलहाल रद्द करने का फैसला लिया गया है।
खबरों के मुताबिक उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने महाराष्ट्र में कोरोनो वायरस महामारी के बीच घोषणा की है कि दो संतों की चाँदी के पादुकाओं की वार्षिक तीर्थयात्रा को रद्द कर दिया गया है, अब इन्हें पुणे से जहाज के द्वारा पंढरपुर ले जाया जा सकता है। इस निर्णय की घोषणा उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और मंदिर के ट्रस्टियों के बीच हुई बैठक के बाद की गई है।
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा कि पुणे, सतारा और कोलापुर सोलापुर जिले में लगातार कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं। इसलिए पालकी यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है।
“भले ही हम पुणे से सीमित लोगों को यात्रा निकालने की अनुमति दे दें, मगर संभावना है कि रास्ते में हजारों लोग इसमें शामिल हो जाएँगे। ऐसी स्थिति में भीड़ को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा और इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा परिवहन का जरिया मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तय किया जाएगा। अगर हवाई यात्रा उपयुक्त नहीं है, तो पालकी को बस द्वारा ले जाया जाएगा। आपको बता दें कि यह यात्रा जून के महीने में मानसून के दौरान निकलती है।
पंढरपुर में हर साल जुटते हैं लाखों श्रद्धालु
हर साल जून के महीने में होने वाली पालकी यात्रा में महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु से लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। श्रद्धालू पुणे से दो साधुओं की पादुकाओं की रथ लेकर पंढरपुर तक जाते हैं, जो कि करीब 200 किमी की यात्रा करते हैं। लगभग 19-20 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के बाद 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पंढरपुर में इकट्ठा होते हैं।
बैठक में अलांदी और देहु देवस्थान के ट्रस्टियों ने सरकार से 25 श्रद्धालुओं के साथ पादुकाओं को ले जाने की अनुमति देने का आग्रह किया था। इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था।
देहु पालकी सोलह समिति के अध्यक्ष मणिकराव मोरे ने कहा, “हालाँकि हम खुश नहीं हैं, मगर हम सरकार के फैसले का पालन करेंगे, क्योंकि हम ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहते हैं जिससे संक्रमण फैले।” ट्रस्टियों ने कहा कि दो संतों की पादुकाओं को आषाढ़ी एकादशी से एक दिन पहले पंढरपुर को लेकर आएँगे, जो कि 1 जुलाई को पड़ता है।
वहीं दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के वार्षिक खीर भवानी मेला और यात्रा के मौके पर शनिवार 30 मई, 2020 को माता खीर भवानी मंदिर में कुछ श्रद्धालुओं ने प्रार्थना की। संतों ने कहा कि हमने लोगों से सरकारी निर्देशों का पालने करने को कहा है। दरअसल, इस मेले में 80 हजार से अधिक लोग शामिल होते हैं, लेकिन इस बार कुछ ही लोग शामिल हुए हैं। कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल मेले के रद्द कर दिया गया है।
J&K: Few devotees offer prayers at Mata Kheer Bhawani temple in Jammu, on ‘Annual Kheer Bhawani Mela&Yatra’ today. Priest says “We’d told people to follow govt instructions. Over 80000 people used to come here for mela, but only a few this yr. 2020’s mela cancelled due to COVID” pic.twitter.com/QGtI0D7768
— ANI (@ANI) May 30, 2020