महाराष्ट्र के पालघर जिले के डहाणू इलाके में वनवासी महिला को ईसाई बनाने के लिए घर में घुसे 4 मिशनरी एजेंटों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये लोग वनवासी महिला की स्थिति को देख उसके पास आए थे और उसे पैसों का लालच देकर ईसाई धर्म स्वीकारने को कह रहे थे। महिला का आरोप है कि उसके मना करने के बावजूद इन लोगों ने उसपर दबाव बनाया और न मानने पर घर में घुस धमकी भी दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन आरोपितों की पहचान क्लेमंत डी बेला, मरियम टी फिलिप्स, परमजीत कौर और परशुराम धर्म ढिंगाणा के तौर पर हुई है। वनवासी महिला की शिकायत के आधार पर इनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 153, 295, 448 और 34 में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने इन्हें 5 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
इन चारों पर आरोप है कि ये वनवासी महिला के घर में तब घुसे जब वो घर में अकेली थी। इसके बाद इन्होंने उसे पैसे का लालच दिया व अन्य कई लुभावने ऑफर दिए। मगर, जब महिला ने नहीं सुना तो इन लोगों ने उसे धमकी देनी शुरू कर दी।
हालाँकि, मौके पर पहुँचे ग्रामीणों के कारण महिला को इन लोगों के चंगुल से छुड़ा लिया गया और पुलिस को इस संबंध में सूचित किया गया। इसके बाद इन चारों की गिरफ्तारी हुई।
वकील आशुतोष जे दुबे ने अपने ट्विटर पर घटना संबंधी वीडियो को शेयर किया। इसमें दो महिला और एक पुरुष सफेद कपड़े पहने देखा जा सकता है। इसके अलावा एक गाड़ी की वीडियो है जिसमें ‘गॉड इज लव, गुड एंड ग्रेट लिखा है।’
पालघर जिल्हा के तलावपाड़ा में आज एक आदिवासी महिला को राष्ट्रीय हिन्दू सेवा संघ द्वारा कानूनी सलाहकार के तौर पर कानूनी सहायता कर धर्मांतरण से बचाया गया।
— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY 🇮🇳 (@AdvAshutoshBJP) August 5, 2022
IPC धारा 295A और 448 के तहत FIR कर मशीनीरियो की गिरफ्तारी की गई। pic.twitter.com/hnXNh21fAM
वीडियो में राष्ट्रीय हिंदू सेवा संघ के लोगों को ईसाई मिशनरियों से सवाल करते देखा जा सकता हैं। वहीं आसपास देख सकते हैं कि इन मिशनरियों के पास छानबीन में पैसों के लिफाफे मिले। वीडियो बनाने वाले लोग इन लिफाफों और पैसों को दिखाकर दावा करते हैं कि इन्हीं को देकर ये लोग आदिवासियों पर ईसाई धर्म स्वीकारने के दबाव बनाते हैं।
पालघर में सक्रिय ईसाई मिशनरियाँ
बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर जिले के सूदुर आदिवासी इलाकों में लंबे समय से ईसाई मिशनरियाँ सक्रिय हैं। ये लोग न केवल लोगों को ईसाई धर्म में आने के लिए तरह-तरह के ऑफर देते हैं। बल्कि हिंदू आस्था के प्रति घृणा को भी बढ़ावा देते हैं। कथिततौर पर हिंदू धर्म, संस्कृति और पूजा पाठ करने की पद्धति का मजाक उड़ाना इन लोगों के लिए आम हैं।
2019 में पालघर में कुछ ईसाई उपदेशकों व नाराज स्थानीयों में झड़प भी हुई थी। तब, इन मिशनरियों ने आकर हनुमान जी को बंदर और भगवान गणेश को हाथी कहा था। इसके अलावा साल 2020 में इसी पालघर में दो साधुओं की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। तब भी यही सामने आया था कि लेफ्ट विंग नक्सलियों और मिशनरियों का इन सबमें हाथ है।